ग्रीन बिहार एसोसिएशन (GBA) ने एक बिल्कुल नया और अनोखा तरीका अपनाया है “कचरा लौटाओ अभियान”।
GBA cleanliness drive: शहरों में सफाई को लेकर अब तक कई अभियान चलाए गए। कभी स्वच्छ भारत मिशन, तो कभी नगर निगम की सख्त चेतावनियाँ। लेकिन इन सबके बावजूद गलियों में फैलती गंदगी और लोगों की लापरवाही कम नहीं हुई। ऐसे में ग्रीन बिहार एसोसिएशन (GBA) ने एक बिल्कुल नया और अनोखा तरीका अपनाया है “कचरा लौटाओ अभियान”। इस मुहिम के तहत अगर कोई व्यक्ति अपने घर के आस-पास कचरा फेंकते पकड़ा गया, तो उसे उसी गंदगी का 100 गुना अधिक कचरा उसके घर के सामने डालकर सबक सिखाया जाएगा।
GBA cleanliness drive: GBA की नई पहल से मचा शहर में हड़कंप
ग्रीन बिहार एसोसिएशन की यह पहल पिछले दो दिनों से चर्चा में है। संस्था के अध्यक्ष अभिषेक झा ने बताया कि लंबे समय से शहर के लोग बार-बार चेतावनी देने के बावजूद सफाई व्यवस्था को लेकर लापरवाह बने हुए थे। कई बार लोगों को समझाने के बाद भी वे नालियों और गलियों में कचरा फेंकते रहे। अब संगठन ने तय किया है कि जो जैसा करेगा, उसे वैसा ही जवाब मिलेगा “अगर गंदगी की, तो गंदगी वापस मिलेगी”।
उन्होंने कहा, “हमने बहुत समझाया, जुर्माने की सिफारिश भी की, पर असर नहीं हुआ। इसलिए अब जनता को उनके ही तरीके से जवाब देने का समय आ गया है। अगर कोई घर के पास कचरा फेंकता है, तो हमारी टीम उसी का 100 गुना कचरा उसके घर के सामने डाल देगी। इससे दो बातें होंगी पहला, शर्मिंदगी और दूसरा, सबक।”
GBA cleanliness drive: सोशल मीडिया पर वायरल हुआ ‘कचरा लौटाओ अभियान’
GBA का यह कदम सोशल मीडिया पर भी खूब वायरल हो गया है। फेसबुक और एक्स (ट्विटर) पर कई यूजर्स ने इस मुहिम की तारीफ करते हुए कहा कि “अब शायद लोग सुधरेंगे।” वहीं कुछ लोगों ने सवाल भी उठाए हैं कि इस तरह की कार्रवाई कानूनी रूप से कितनी सही है।
पटना के निवासी आलोक वर्मा ने लिखा, “ये तरीका सख्त है लेकिन असरदार भी। जो लोग खुद सफाई नहीं रखना चाहते, उन्हें शर्मिंदगी महसूस करानी ही होगी।” वहीं कुछ नागरिकों का कहना है कि प्रशासन को पहले पर्याप्त कूड़ेदान और सफाई सुविधाएं उपलब्ध करानी चाहिए, तभी ऐसी मुहिमें सफल होंगी।
GBA cleanliness drive: नगर निगम की प्रतिक्रिया
पटना नगर निगम के आयुक्त संजय कुमार ने बताया कि उन्हें भी इस अभियान की जानकारी मिली है। उन्होंने कहा, “यह कदम असामान्य जरूर है, लेकिन सफाई व्यवस्था को लेकर लोगों को जागरूक करना जरूरी है। अगर इससे लोगों की मानसिकता बदले, तो इसे सकारात्मक रूप में देखा जाना चाहिए। हालांकि किसी के घर के सामने कचरा डालना प्रशासनिक रूप से सही नहीं है, इसलिए हम संस्था से बात करेंगे कि इसे किस तरह कानून के दायरे में लाया जा सकता है।”
GBA cleanliness drive: नागरिकों की दोहरी सोच “सफाई चाहिए, जिम्मेदारी नहीं”
GBA की सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक, शहर के 60% लोग मानते हैं कि सफाई नगर निगम की जिम्मेदारी है, लेकिन अपने घर के बाहर झाड़ू लगाना या कचरा उचित स्थान पर डालना उनका काम नहीं। यही सोच सबसे बड़ी चुनौती बन गई है।
संस्था के सदस्य अमित कुमार ने बताया, “हमने कई जगह कैमरे लगाए हैं। जो भी लोग खुले में या सड़क किनारे कचरा फेंकते हैं, उनकी फोटो सोशल मीडिया पर डालकर उन्हें शर्मिंदा किया जाएगा। इसके बाद उनके घर के सामने 100 गुना कचरा रख दिया जाएगा। इसका असर पहले ही दिन दिखने लगा है । कई मोहल्लों में लोगों ने खुद सफाई शुरू कर दी।”
GBA cleanliness drive: बच्चों और युवाओं को भी जोड़ा गया अभियान से
इस मुहिम को सिर्फ चेतावनी तक सीमित नहीं रखा गया है। GBA ने इसे एक ‘स्वच्छता चुनौती’ के रूप में भी शुरू किया है। स्कूलों और कॉलेजों के छात्रों को जोड़ा जा रहा है ताकि नई पीढ़ी में साफ-सफाई की जिम्मेदारी की भावना पैदा हो। हर वार्ड में “ग्रीन ब्रिगेड” बनाई जा रही है, जो हर सुबह गलियों की निगरानी करेगी।
GBA cleanliness drive: GBA का संदेश “सफाई डर से नहीं, आदत से आएगी”
संस्था के अध्यक्ष अभिषेक झा का कहना है, “हमारा मकसद किसी को अपमानित करना नहीं, बल्कि आदत बदलना है। सफाई डर या जुर्माने से नहीं, जिम्मेदारी से आती है। हम चाहते हैं कि लोग अपने घर के साथ-साथ अपनी गली और मोहल्ले को भी साफ रखें।”
उन्होंने यह भी बताया कि अभियान का दूसरा चरण दिवाली से पहले चलाया जाएगा, ताकि लोग त्योहार के दौरान अपने घरों और आसपास के इलाकों को साफ-सुथरा रखें।
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