
Gonda Bolero canal accident: श्रद्धालुओं से भरी बोलेरो नहर में गिरी,11 की मौत, एक लापता!
Gonda Bolero canal accident: उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले से एक बेहद दुखद और हृदयविदारक हादसा सामने आया है। यहां श्रद्धालुओं से भरी एक बोलेरो वाहन नहर में गिर गई, जिसमें 11 लोगों की मौत हो गई। मरने वालों में नौ लोग एक ही परिवार के बताए जा रहे हैं। एक व्यक्ति अब भी लापता है, जबकि तीन को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है। हादसे की खबर से इलाके में मातम पसर गया है।
कैसे हुआ हादसा
यह हादसा रविवार सुबह इटियाथोक क्षेत्र के बेलवा बहुता नहर पुल के पास हुआ। बोलेरो सवार सभी लोग गोंडा जिले के मोतीगंज थाना क्षेत्र के सीहागांव गांव के रहने वाले थे। ये लोग प्रसिद्ध धार्मिक स्थल पृथ्वीनाथ मंदिर में जलाभिषेक के लिए जा रहे थे। वाहन में कुल 15 लोग सवार थे।
हादसे के वक्त इलाके में हल्की बारिश हो रही थी। स्थानीय लोगों के अनुसार, नहर के किनारे की सड़क बेहद संकरी और फिसलन भरी थी। बोलेरो के ड्राइवर ने जब गाड़ी को किनारे से निकालने की कोशिश की, तभी वाहन संतुलन खो बैठा और सीधे नहर में गिर गया। गाड़ी पानी में पूरी तरह डूब गई, जिससे अंदर सवार लोगों को बाहर निकलने का मौका ही नहीं मिला।
स्थानीय लोगों की बहादुरी और बचाव अभियान
सुबह करीब 6 बजे एक तेज आवाज सुनकर ग्रामीण मौके पर पहुंचे। उन्होंने देखा कि बोलेरो नहर में समा चुकी है। लोगों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी और खुद भी बचाव कार्य में जुट गए। थोड़ी ही देर में प्रशासन, पुलिस और एनडीआरएफ की टीमें घटनास्थल पर पहुंच गईं।
ग्रामीणों और बचावकर्मियों के अथक प्रयासों से तीन लोगों को बचा लिया गया, लेकिन बाकी शवों को पानी से निकालने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। अब तक 11 शव बरामद किए जा चुके हैं। एक व्यक्ति अब भी लापता है, जिसकी तलाश लगातार जारी है।
मृतकों की पहचान और गांव में मातम
अब तक जिन शवों की शिनाख्त हुई है, उनमें नौ लोग एक ही परिवार के सदस्य थे। ये सभी सीहागांव गांव से थे। जैसे ही यह खबर गांव में पहुंची, वहां कोहराम मच गया। पूरे गांव में मातमी सन्नाटा फैल गया है। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है, हर आंख नम है और हर चेहरे पर गहरा शोक है।
प्रशासन ने सभी शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है, और मृतकों के परिजनों को हरसंभव सहायता देने का आश्वासन दिया गया है।
प्रशासनिक अमला मौके पर, मुख्यमंत्री ने जताया शोक
घटना की सूचना मिलते ही जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन और पुलिस अधीक्षक विनीत जायसवाल मौके पर पहुंचे। प्रशासन, एनडीआरएफ और स्थानीय गोताखोरों की टीम ने मिलकर बचाव और शवों की तलाश का अभियान शुरू किया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हादसे पर गहरा दुख जताया है और शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की है। उन्होंने अधिकारियों को राहत कार्य में तेजी लाने और घायलों के समुचित उपचार के निर्देश दिए हैं।
बारिश बनी मौत की वजह
हादसे की जांच कर रहे पुलिस अधिकारियों का मानना है कि बारिश के कारण सड़क फिसलन भरी हो गई थी, और बोलेरो का बैलेंस बिगड़ गया। सड़क बेहद संकरी थी, जिससे गाड़ी को निकालना मुश्किल था। वाहन के सीधे नहर में गिरने से सभी लोग पानी में फंस गए और डूब गए।
एसपी विनीत जायसवाल ने बताया कि हादसे की जांच की जा रही है और स्थानीय लोगों से पूछताछ कर पूरी घटना को समझने की कोशिश की जा रही है। वहीं, डीएम प्रियंका निरंजन ने कहा कि यह एक बेहद दुखद घटना है, और प्रशासन पीड़ित परिवारों के साथ खड़ा है।
क्या कहती है यह घटना?
यह हादसा न केवल प्रशासन की लापरवाही और सड़क सुरक्षा की कमियों को उजागर करता है, बल्कि यह भी सवाल उठाता है कि आखिर कब तक ग्रामीण क्षेत्रों की जर्जर और खतरनाक सड़कों को नजरअंदाज किया जाएगा? एक ही परिवार के नौ लोगों की मौत कोई छोटी घटना नहीं है। यह हादसा पूरे राज्य के लिए चेतावनी है।
गोंडा हादसा पूरे उत्तर प्रदेश को झकझोर देने वाला है। श्रद्धालुओं की यात्रा श्रद्धा और आस्था से जुड़ी होती है, लेकिन इस घटना ने कई परिवारों की जिंदगी हमेशा के लिए बदल दी। सरकार और प्रशासन को चाहिए कि ऐसी घटनाओं को दोहराने से रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं — सड़क सुधार, संकेत बोर्ड, सुरक्षा रेलिंग और स्थानीय निगरानी अनिवार्य की जाए।
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