GRAP 4 restrictions Delhi: दिल्ली सरकार का बड़ा फैसला, मजदूरों को ₹10,000 और दफ्तरों में 50% वर्क फ्रॉम होम
GRAP 4 restrictions Delhi: दिल्ली-एनसीआर की हवा एक बार फिर लोगों की सेहत पर भारी पड़ रही है। आसमान में छाई धुंध, आंखों में जलन, सांस लेने में परेशानी और अस्पतालों में बढ़ती भीड़—यह सब बताने के लिए काफी है कि हालात कितने गंभीर हो चुके हैं। इसी बीच राजधानी में ग्रैप (GRAP) का चौथा चरण लागू कर दिया गया है, जिसके तहत दिल्ली सरकार ने दो बड़े और अहम फैसले लिए हैं।
पहला—प्रदूषण से सबसे ज्यादा प्रभावित दिहाड़ी और निर्माण मजदूरों को ₹10,000 की आर्थिक सहायता।
दूसरा—सरकारी और निजी दफ्तरों में 50 फीसदी कर्मचारियों के लिए वर्क फ्रॉम होम अनिवार्य।
मजदूरों को सीधी आर्थिक मदद
दिल्ली सरकार ने साफ किया है कि प्रदूषण के कारण जिन मजदूरों का काम बंद हुआ है, उन्हें राहत दी जाएगी। सरकार ने ऐलान किया है कि पंजीकृत मजदूरों को ₹10,000 की राशि सीधे उनके बैंक खातों में ट्रांसफर की जाएगी।
यह मदद उन दिहाड़ी मजदूरों के लिए बेहद जरूरी है, जिनकी रोजी-रोटी निर्माण कार्यों, खुले कामों और बाहरी श्रम पर निर्भर करती है। ग्रैप-4 के तहत निर्माण गतिविधियों पर रोक लगने से इन मजदूरों के सामने सबसे बड़ा संकट रोजमर्रा की जरूरतें पूरी करने का खड़ा हो जाता है।
दिल्ली सरकार का कहना है कि यह सहायता किसी राहत पैकेज से कम नहीं है और इसका मकसद मजदूरों को इस कठिन समय में अकेला न छोड़ना है।
50% वर्क फ्रॉम होम अनिवार्य
प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए सरकार ने यह भी फैसला किया है कि सरकारी और निजी कार्यालयों में 50 फीसदी कर्मचारियों को घर से काम करना होगा। इसका उद्देश्य सड़कों पर वाहनों की संख्या कम करना और लोगों को जहरीली हवा के सीधे संपर्क में आने से बचाना है।
दफ्तरों में काम करने वाले लाखों लोगों के लिए यह फैसला राहत लेकर आया है। इससे न केवल ट्रैफिक कम होगा, बल्कि प्रदूषण के स्तर पर भी कुछ हद तक नियंत्रण की उम्मीद की जा रही है।
मंत्री कपिल मिश्रा ने क्या कहा
दिल्ली सरकार में मंत्री कपिल मिश्रा ने इस फैसले की पुष्टि करते हुए कहा कि ग्रैप-4 लागू है और सरकार हालात की गंभीरता को समझती है। उन्होंने बताया कि मजदूरों को मिलने वाली सहायता पूरी तरह पारदर्शी तरीके से सीधे खातों में भेजी जाएगी।
उनका कहना है कि यह फैसला सिर्फ नियमों का पालन नहीं, बल्कि इंसानियत के नजरिए से लिया गया है, ताकि काम बंद होने से प्रभावित परिवार भूखे न रहें।
Delhi NCR air quality
एयर क्वालिटी अर्ली वार्निंग सिस्टम फॉर दिल्ली के मुताबिक, बुधवार दोपहर राजधानी का AQI 326 दर्ज किया गया, जो ‘बेहद खराब’ श्रेणी में आता है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर मौसम की स्थिति में सुधार नहीं हुआ तो हालात और बिगड़ सकते हैं।
डॉक्टर पहले ही बच्चों, बुजुर्गों और सांस व दिल के मरीजों को घर से बाहर न निकलने की सलाह दे चुके हैं।
क्या यह फैसले काफी हैं?
दिल्ली सरकार के ये कदम निश्चित रूप से राहत देने वाले हैं, लेकिन सवाल यह भी है कि क्या यह लंबे समय के लिए समाधान हैं? हर साल सर्दियों में प्रदूषण का यही संकट दोहराया जाता है और अस्थायी राहत के बाद हालात फिर जस के तस हो जाते हैं।
फिलहाल, मजदूरों को मिलने वाला ₹10,000 का मुआवजा और वर्क फ्रॉम होम का फैसला लाखों लोगों के लिए बड़ी राहत है। अब जरूरत है कि प्रदूषण के स्थायी समाधान पर भी उतनी ही गंभीरता से काम किया जाए, ताकि दिल्ली की हवा सिर्फ कागजों में नहीं, हकीकत में भी साफ हो सके।
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