
GST Rate on Clothes: चांदनी चौक से लहंगा खरीदना हुआ महंगा, बढ़ा जीएसटी; व्यापारियों और ग्राहकों दोनों की बढ़ी टेंशन
GST Rate on Clothes: देश में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को लेकर सरकार लगातार सुधारों की बात कर रही है। लेकिन इस बीच दिल्ली के कपड़ा कारोबारियों की चिंता बढ़ गई है। खासकर चांदनी चौक जैसे बड़े थोक बाजारों में व्यापारी मान रहे हैं कि नए जीएसटी दरों से न केवल उनकी बिक्री प्रभावित होगी, बल्कि इसका सीधा असर आम ग्राहकों पर भी पड़ेगा।
2500 रुपये से ऊपर के कपड़ों पर 18% जीएसटी
सरकार ने हाल ही में 2,500 रुपये से ऊपर की कीमत वाले कपड़ों पर जीएसटी दर को 12 प्रतिशत से बढ़ाकर 18 प्रतिशत कर दिया है। यह बदलाव शादी-ब्याह के कपड़ों, लहंगे, साड़ियों और महंगे परिधानों पर सीधा असर डालेगा। चांदनी चौक, जो अपनी पारंपरिक शादियों के परिधानों के लिए देश-विदेश में मशहूर है, अब इस फैसले से सीधे प्रभावित हो रहा है।
करीब 30 हजार से अधिक थोक व्यापारी इस क्षेत्र में कारोबार करते हैं। उनका कहना है कि यह बढ़ोतरी खासकर मध्यमवर्गीय और निम्न मध्यमवर्गीय परिवारों की जेब पर बोझ डालेगी।
ग्राहकों की मुश्किलें बढ़ीं
दिल्ली और आसपास के इलाकों के लोग अक्सर शादी या खास मौकों के लिए चांदनी चौक से खरीदारी करते हैं। यहाँ अच्छे लहंगे और साड़ियाँ पहले ही महँगी थीं, लेकिन अब टैक्स बढ़ने से कीमतें और ज्यादा हो जाएँगी।
एक ग्राहक ने बताया –
“शादी में लहंगा तो जरूरी है। लेकिन अगर 30–40 हजार के लहंगे पर 18% टैक्स देना पड़ेगा तो जेब पर बहुत असर पड़ेगा।”
व्यापारियों की नाराज़गी
दिल्ली हिंदुस्तानी मर्केंटाइल एसोसिएशन (डीएचएमए) ने इस बढ़े टैक्स को लेकर नाराज़गी जताई है। संस्था के अध्यक्ष मुकेश सचदेवा और महामंत्री श्रीभगवान बंसल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन और दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता को पत्र लिखा है।
इस पत्र में कहा गया है कि –
“लहंगा और साड़ी भारतीय विवाह का अहम हिस्सा हैं। इन पर टैक्स बढ़ाना बिल्कुल उचित नहीं है। सरकार को सभी प्रकार के कपड़ों पर जीएसटी 5% करना चाहिए।”
विरोध के बीच थोड़ी राहत भी
डीएचएमए ने यह भी माना कि सरकार ने 2,500 रुपये से कम कीमत वाले कपड़ों पर जीएसटी को घटाकर 12 प्रतिशत किया है, जो स्वागत योग्य है। लेकिन उसके ऊपर बढ़ाकर 18 प्रतिशत करना व्यापारियों के लिए झटका है।
इसके अलावा, पोलिस्टर यान पर जीएसटी को 12% से घटाकर 5% किया गया है। मगर वहीं, पोलिस्टर यान बनाने वाले रसायनों पर टैक्स 18% कर दिया गया है। व्यापारियों का कहना है कि इससे उत्पादन लागत बढ़ेगी और कपड़ा उद्योग को नुकसान होगा।
क्यों बढ़ी चिंता?
- चांदनी चौक जैसे बाजारों की पहचान शादी-ब्याह के कपड़ों से है।
- ग्राहकों का बड़ा हिस्सा मध्यमवर्गीय परिवारों से आता है।
- टैक्स बढ़ने पर लोग महंगे कपड़े खरीदने से बच सकते हैं।
- बिक्री घटने से छोटे और मध्यम व्यापारी सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे।
चांदनी चौक का महत्व
चांदनी चौक सिर्फ दिल्ली ही नहीं, पूरे उत्तर भारत के लिए एक प्रमुख थोक कपड़ा बाजार है। यहाँ से व्यापारी देशभर में कपड़ों की सप्लाई करते हैं। खासकर दुल्हनों के लहंगे और साड़ियों की भारी डिमांड रहती है। यही वजह है कि जीएसटी में हुई यह बढ़ोतरी पूरे कपड़ा उद्योग पर असर डाल सकती है।
आगे क्या होगा?
व्यापारियों को उम्मीद है कि सरकार उनकी मांगों पर विचार करेगी। डीएचएमए का कहना है कि अगर कपड़ों पर जीएसटी को 5% कर दिया जाए तो न केवल ग्राहकों को राहत मिलेगी बल्कि व्यापार भी बढ़ेगा।
सरकार की ओर से अभी तक इस पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन यह मुद्दा आने वाले समय में और गर्म हो सकता है।
निष्कर्ष
जीएसटी सुधारों का उद्देश्य देश की टैक्स प्रणाली को सरल और पारदर्शी बनाना है। लेकिन चांदनी चौक जैसे पारंपरिक बाजारों के व्यापारी और ग्राहक मानते हैं कि 18% टैक्स का बोझ उनके लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है। अब देखना होगा कि क्या सरकार इन आवाज़ों पर ध्यान देती है और कपड़ा कारोबारियों को राहत देती है या नहीं।
यह भी पढ़े
GST Reform 2025: नवरात्रि से पहले जनता को मिली बड़ी राहत, रोज़मर्रा की चीज़ें होंगी सस्ती