Gurugram Rapido Cab Incident: “तेरे बाप की गाड़ी है क्या?”, गुरुग्राम कैब कांड ने महिलाओं की सुरक्षा पर उठाए बड़े सवाल
Gurugram Rapido Cab Incident: महिलाओं की सुरक्षा और कैब सेफ्टी पर एक बार फिर सवाल खड़े हो गए हैं। गुरुग्राम जैसे आधुनिक और हाईटेक शहर में एक युवती के साथ जो हुआ, उसने हर किसी को सोचने पर मजबूर कर दिया है। एक आम सा कैब सफर, जो सुरक्षित और आरामदायक होना चाहिए था, वह डर, अपमान और असहायता में बदल गया।
यह मामला गुरुग्राम में रैपिडो कैब से जुड़ा है, जहां एक ड्राइवर पर युवती के साथ बदसलूकी करने और उसे बीच सड़क पर उतार देने का आरोप लगा है। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते ही लोगों में गुस्सा और चिंता दोनों देखने को मिली।
“मैं कॉल पर बात कर रही थी, इसलिए वॉल्यूम कम करने को कहा”
पीड़ित महिला ने वीडियो में बताया कि वह कैब में बैठकर किसी से फोन पर बात कर रही थीं। इसी दौरान ड्राइवर तेज आवाज में गाने चला रहा था। महिला ने उससे गाने की वॉल्यूम कम करने को कहा।
महिला के 1 बार, 2 बार, 3 बार बोलने पर भी ड्राइवर नहीं माना। इसके उलट, ड्राइवर गुस्से में आ गया और महिला के साथ बदसलूकी करने लगा।
महिला के अनुसार, ड्राइवर ने गालियां देते हुए कहा — “तेरे बाप की गाड़ी है क्या? मैं बताऊं तुझे? अपने बाप की गाड़ी में वॉल्यूम कम कराइयो।” इतना ही नहीं, ड्राइवर ने महिला को गाड़ी से उतरने को कह दिया।
बीच सड़क, देर रात और डर का माहौल
अब जरा सोचिए — गुरुग्राम जैसा शहर, देर रात का समय, ठंड का मौसम… ऐसी हालत में एक महिला क्या करे? महिला ने आरोप लगाया कि ड्राइवर ने जानबूझकर गाड़ी गलत दिशा में मोड़ दी, ताकि वह डर जाए। जब उसने काफी कहने के बाद गाड़ी रोकी, तो जैसे ही महिला उतरी, ड्राइवर भी बाहर आ गया। यह देखकर महिला और ज्यादा घबरा गई। डर के मारे महिला ने तुरंत पुलिस कंट्रोल रूम में कॉल किया और सीधे थाने पहुंची।
थाने में भी संघर्ष, लेकिन महिला नहीं झुकी
युवती का आरोप है कि जब वह थाने पहुंचीं, तो वहां भी उन्हें परेशान किया गया। उन पर एफआईआर दर्ज न कराने का दबाव बनाया गया।
लेकिन महिला ने हार नहीं मानी। उन्होंने शिकायत दर्ज करवाई और बाद में अपने माता-पिता के साथ अदालत भी पहुंचीं। यह साहस हर महिला में नहीं होता, और यही वजह है कि यह मामला सिर्फ एक खबर नहीं, बल्कि एक मिसाल बन गया है।
पुलिस कार्रवाई: एफआईआर और गिरफ्तारी
गुरुग्राम पुलिस के मुताबिक, यह घटना 15 दिसंबर की है और सेक्टर-50 थाना क्षेत्र के अंतर्गत बख्तावर चौक से आर्टिमिस अस्पताल रोड की है।
महिला का नाम कोमल बताया गया है, जो सुशांत लोक-3 की रहने वाली हैं।
सेक्टर-50 थाना प्रभारी इंस्पेक्टर सुखबीर कुमार के अनुसार, महिला की शिकायत पर उसी दिन एफआईआर दर्ज की गई और आरोपी कैब ड्राइवर को गिरफ्तार कर लिया गया है।
आरोपी की पहचान पंकज कुमार, निवासी बेहड़ी महाराजपुर, रोहतक के रूप में हुई है।
वायरल वीडियो और जनता का गुस्सा
घटना का वीडियो इंस्टाग्राम पर “स्टार गर्ल” नाम की प्रोफाइल से पोस्ट किया गया, जिसमें महिला खुद पूरी घटना बताती दिख रही हैं। वीडियो में उनके हाथ कांपते नजर आते हैं, लेकिन आवाज में डर से ज्यादा इंसाफ की मांग सुनाई देती है।
वीडियो वायरल होते ही सोशल मीडिया पर लोगों ने रैपिडो जैसी कैब कंपनियों से सवाल पूछने शुरू कर दिए — ड्राइवरों का वेरिफिकेशन कैसे होता है?
महिलाओं की सुरक्षा की जिम्मेदारी कौन लेगा?
सवाल अब भी कायम हैं
इस मामले में पुलिस ने भले ही कार्रवाई कर दी हो, लेकिन सवाल अब भी ज़िंदा हैं।
क्या हर महिला इतनी हिम्मत जुटा पाएगी?
क्या हर बार वीडियो वायरल होने पर ही कार्रवाई होगी?
और सबसे बड़ा सवाल —
क्या कैब में सफर करना सच में महिलाओं के लिए सुरक्षित है?
यह घटना सिर्फ एक युवती की कहानी नहीं है।
यह उन हजारों महिलाओं की आवाज़ है, जो रोज़ काम, पढ़ाई या जरूरत के लिए कैब में सफर करती हैं और मन में एक डर लिए बैठती हैं।
गुरुग्राम की यह घटना सिस्टम के लिए एक चेतावनी है —
सुरक्षा सिर्फ दावा नहीं, ज़िम्मेदारी होनी चाहिए।
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