भारत के अगले मुख्य चुनाव आयुक्त (Chief Election Commissioner) के पद के लिए ग्यानेश कुमार (Gyanesh Kumar) का नाम सबसे आगे है। राजीव कुमार के रिटायरमेंट के बाद अब ग्यानेश कुमार इस पद की जिम्मेदारी संभाल सकते हैं। हालांकि, उनकी नियुक्ति को लेकर अभी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन सूत्रों के अनुसार, वे सबसे वरिष्ठ चुनाव आयुक्त हैं और इस पद के लिए उनकी दावेदारी सबसे मजबूत मानी जा रही है।
अगर ग्यानेश कुमार को मुख्य चुनाव आयुक्त नियुक्त किया जाता है, तो वे अपने कार्यकाल में बिहार विधानसभा चुनाव 2025, पश्चिम बंगाल, असम, और तमिलनाडु विधानसभा चुनाव 2026 जैसे महत्वपूर्ण चुनावों की देखरेख करेंगे।
कौन हैं ग्यानेश कुमार?
ग्यानेश कुमार एक 1988 बैच के आईएएस अधिकारी हैं और केरल कैडर से आते हैं। उनके पास प्रशासनिक सेवा का लंबा अनुभव है और वे केंद्र सरकार में कई महत्वपूर्ण पदों पर अपनी सेवाएं दे चुके हैं।
प्रमुख प्रशासनिक अनुभव और योगदान:
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अनुच्छेद 370 हटाने में अहम भूमिका:
- अगस्त 2019 में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने और राज्य के दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजन के फैसले में ग्यानेश कुमार की महत्वपूर्ण भूमिका थी।
- उस समय वे गृह मंत्रालय में संयुक्त सचिव (कश्मीर डिवीजन) के पद पर कार्यरत थे।
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राम मंदिर मामले की देखरेख:
- वर्ष 2020 में गृह मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव (Additional Secretary) के रूप में, उन्होंने अयोध्या में राम मंदिर से जुड़े सुप्रीम कोर्ट के मामलों की निगरानी की।
- श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट (Shri Ram Janmabhoomi Teerth Kshetra Trust) के गठन में भी उनकी भूमिका अहम रही।
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चुनाव प्रक्रिया में सुधार:
- चुनाव आयुक्त के रूप में उन्होंने चुनाव प्रक्रिया (Election Process) को अधिक पारदर्शी और तकनीकी रूप से सक्षम बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
शैक्षणिक पृष्ठभूमि:
ग्यानेश कुमार की शैक्षणिक योग्यता भी उतनी ही प्रभावशाली है जितना कि उनका प्रशासनिक अनुभव।
- बी.टेक (सिविल इंजीनियरिंग) – आईआईटी कानपुर (IIT Kanpur) से।
- बिजनेस फाइनेंस – इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड फाइनेंशियल एनालिस्ट्स ऑफ इंडिया (ICFAI) से।
- पर्यावरण अर्थशास्त्र (Environmental Economics) – हार्वर्ड यूनिवर्सिटी (Harvard University) से।
मुख्य चुनाव आयुक्त के रूप में संभावित प्राथमिकताएं:
यदि ग्यानेश कुमार को भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त के रूप में नियुक्त किया जाता है, तो उनके सामने कई महत्वपूर्ण चुनौतियां और प्राथमिकताएं होंगी:
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रिमोट वोटिंग (Remote Voting) का विस्तार:
- प्रवासी भारतीयों (NRI) और माइग्रेंट वर्कर्स (Migrant Workers) के लिए रिमोट वोटिंग प्रणाली को लागू करना।
- इससे देश-विदेश में बसे भारतीय नागरिकों को चुनाव प्रक्रिया में भाग लेने का अवसर मिलेगा।
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चुनाव में वित्तीय पारदर्शिता:
- चुनावों में वित्तीय पारदर्शिता (Financial Transparency) को सुनिश्चित करना।
- राजनीतिक दलों द्वारा चुनावी खर्च और चुनावी फंडिंग को सार्वजनिक करना।
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बायोमेट्रिक वोटिंग (Biometric Voting) की शुरुआत:
- बायोमेट्रिक प्रौद्योगिकी का उपयोग करके फर्जी मतदान को रोकना।
- आधार से लिंक वोटर आईडी की पहल को तेज करना।
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आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का इस्तेमाल:
- चुनाव निगरानी और फर्जी खबरों (Fake Narratives) पर रोक लगाने के लिए एआई तकनीक का उपयोग।
- चुनाव प्रक्रिया को स्वचालित (Automated) और अधिक सटीक बनाना।
विपक्ष ने जताई आपत्ति:
हालांकि, अभी तक ग्यानेश कुमार की नियुक्ति की औपचारिक घोषणा नहीं हुई है, लेकिन विपक्ष ने पहले ही इस पर आपत्ति जताई है।
विपक्षी दलों का आरोप है कि उनकी नियुक्ति से चुनाव आयोग की स्वतंत्रता पर असर पड़ सकता है। हालांकि, सरकार का कहना है कि उनका चयन योग्यता और अनुभव के आधार पर किया गया है।
राजनीतिक महत्त्व:
ग्यानेश कुमार की नियुक्ति ऐसे समय में हो रही है, जब अगले कुछ वर्षों में भारत में कई महत्वपूर्ण चुनाव होने वाले हैं। खासतौर पर:
- बिहार विधानसभा चुनाव 2025
- पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, असम चुनाव 2026
चुनाव आयोग की चुनौतियां:
- सोशल मीडिया पर गलत सूचना फैलाने पर नियंत्रण।
- चुनावी भ्रष्टाचार और पारदर्शिता बनाए रखना।
- मतदाता जागरूकता अभियान को बढ़ावा देना।
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