
Health Alert: बदलती लाइफस्टाइल और बच्चों में विटामिन-डी की कमी, जानिए कारण, लक्षण और बचाव
Health Alert :आज की बदलती जीवनशैली का असर सिर्फ बड़ों पर ही नहीं, बल्कि बच्चों पर भी साफ दिखने लगा है। खासतौर पर बच्चों में विटामिन-डी की कमी एक आम समस्या बनती जा रही है। इसका सीधा संबंध उनकी शारीरिक और मानसिक सेहत से होता है। अगर समय रहते इस पर ध्यान न दिया जाए, तो यह भविष्य में गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है।
बच्चों की सेहत को नजरअंदाज करना भविष्य में बड़ी परेशानी बन सकता है। विटामिन-डी की कमी एक छोटी सी लगने वाली समस्या है, लेकिन अगर समय रहते इसका इलाज न किया जाए तो यह हड्डियों, दिमाग और इम्यून सिस्टम पर बुरा असर डाल सकती है। इसलिए हर माता-पिता को चाहिए कि वे बच्चों की दिनचर्या, खानपान और धूप में खेलने की आदतों पर ध्यान दें। थोड़ी सी जागरूकता और नियमित देखभाल से बच्चों को स्वस्थ और मजबूत बनाया जा सकता है।
विटामिन-डी क्यों जरूरी है?
विटामिन-डी एक ऐसा पोषक तत्व है जो शरीर में कैल्शियम और फॉस्फोरस को अब्जॉर्ब करने में मदद करता है। ये दोनों तत्व हड्डियों, मांसपेशियों और दांतों के लिए बेहद जरूरी हैं। इसके अलावा विटामिन-डी शरीर की इम्यून सिस्टम को भी मजबूत बनाता है और दिमाग के विकास में भी इसकी अहम भूमिका होती है।
बच्चों में विटामिन-डी की कमी के कारण
- धूप में कम समय बिताना:
आजकल बच्चे ज़्यादातर समय घर के अंदर मोबाइल, टीवी या वीडियो गेम्स में बिताते हैं। सूरज की रोशनी विटामिन-डी का सबसे बड़ा स्रोत होती है। जब बच्चे धूप में कम समय बिताते हैं, तो शरीर में विटामिन-डी बन ही नहीं पाता। - ज्यादा प्रोसेस्ड फूड खाना:
- चिप्स, नूडल्स, बिस्किट जैसे पैकेट वाले फूड्स में पोषण की मात्रा बहुत कम होती है। ये सिर्फ भूख शांत करते हैं, शरीर को जरूरी विटामिन और मिनरल्स नहीं देते।
- शारीरिक गतिविधियों की कमी:
खेल-कूद बच्चों के शरीर को एक्टिव रखता है और मेटाबॉलिज्म सही करता है। जब बच्चे एक्सरसाइज नहीं करते, तो विटामिन-डी का सही तरीके से इस्तेमाल नहीं हो पाता। - सही खानपान न होना:
अगर बच्चों को विटामिन-डी से भरपूर आहार नहीं मिल रहा, तो शरीर में इसकी कमी होना तय है। खासकर शाकाहारी बच्चों में यह ज्यादा देखा जाता है।
बच्चों में विटामिन-डी की कमी के लक्षण
- हड्डियों में दर्द और कमजोरी
बच्चा अक्सर पैरों, पीठ या जोड़ों में दर्द की शिकायत करता है। उसकी हड्डियां कमज़ोर हो जाती हैं और चलने-फिरने में उसे थकावट महसूस होती है। - बार-बार बीमार पड़ना
सर्दी-जुकाम, खांसी, बुखार या अन्य संक्रमण बार-बार होते हैं। इसका मतलब है कि इम्यून सिस्टम कमजोर हो चुका है, जो कि विटामिन-डी की कमी से जुड़ा है। - विकास में देरी
बच्चा अपनी उम्र के हिसाब से लंबाई या वजन में पीछे है, या दांत आने में देरी हो रही है, तो यह विटामिन-डी की कमी का संकेत हो सकता है। - मांसपेशियों में ऐंठन या कमजोरी
बच्चा जल्दी थक जाता है, चलने में परेशानी होती है, या शरीर की मांसपेशियां ढीली लगती हैं, तो यह भी एक लक्षण हो सकता है। - मूड स्विंग्स और चिड़चिड़ापन
बिना बात के बच्चा गुस्सा करने लगे, रोने लगे या उदास रहने लगे, तो इसका कारण विटामिन-डी की कमी हो सकती है क्योंकि यह दिमागी सेहत पर असर डालता है।
बचाव के आसान उपाय
- बच्चों को धूप में समय बिताने दें
सुबह की हल्की धूप में रोजाना 15 से 20 मिनट बच्चों को खेलने दें। इससे शरीर में प्राकृतिक रूप से विटामिन-डी बनने लगता है। - संतुलित आहार दें
बच्चों की डाइट में ये चीजें जरूर शामिल करें:
- फॉर्टिफाइड दूध और दही
- अंडे की जर्दी
- फैटी फिश (जैसे सैल्मन, ट्यूना)
- चीज़ और मक्खन (मॉडरेट मात्रा में)
- मशरूम (प्राकृतिक विटामिन-डी स्रोत)
- एक्सरसाइज और आउटडोर खेल जरूरी
बच्चों को मोबाइल और टीवी से थोड़ा दूर रखें और उन्हें आउटडोर खेलों के लिए प्रेरित करें जैसे साइक्लिंग, बैडमिंटन, दौड़ना आदि। - डॉक्टर की सलाह लें
अगर बच्चा लगातार बीमार रह रहा है या ऊपर दिए लक्षण दिख रहे हैं, तो डॉक्टर से जांच करवाएं। कुछ मामलों में डॉक्टर विटामिन-डी सप्लीमेंट्स भी सलाह देते हैं।
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