
Human Rights Day
हर साल 10 दिसंबर को Human Rights Day यानी की मानव अधिकार दिवस मनाया जाता है। जानिए क्यों बनाया जाता है । यह दिवस अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा बनाया जाता है। यह दिन उसे दिन को याद दिलाता है जब1948 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने मानवाधिकारों की सार्वभौमिक घोषणा को अपनाया था ।
Human Rights Day: मानव अधिकार दिवस की शुरुआत
Human Rights Day: सही मायने मे मानव अधिकार दिवस की शुरुआत 1950 में हुई थी।जब महासभा ने प्रस्ताव 423 (V) पारित कर सभी राज्यों और इच्छुक संगठनों को प्रत्येक वर्ष 10 दिसंबर को मानवाधिकार दिवस के रूप में अपनाने के लिए आमंत्रित किया। जब महासभा ने घोषणा को अपनाया मैं मौलिक अधिकार और स्वतंत्रताकी एक विस्तृत श्रृंखला निर्धारित की गई है, जिसके हम सभी हकदार हैं। यह राष्ट्रीयता, निवास स्थान, लिंग, राष्ट्रीय या जातीय मूल, धर्म, भाषा या किसी अन्य स्थिति के आधार पर भेदभाव किए बिना हर व्यक्ति के अधिकारों की गारंटी देता है।
Human Rights Day: मानवाधिकार क्या हैं?
Human Rights Day: मानवाधिकार ऐसे बुनियादी अधिकार हैं जो प्रत्येक व्यक्ति को जन्म से प्राप्त होते हैं और जो उनकी गरिमा और स्वतंत्रता की रक्षा करते हैं। ये अधिकार बिना किसी भेदभाव के सभी व्यक्तियों को मिलते हैं।
उदाहरण के लिए
1. जीवन का अधिकार
2. स्वतंत्रता और सुरक्षा का अधिकार
3. शिक्षा का अधिकार
4. स्वास्थ्य और जीवन स्तर का अधिकार
5. अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता
मानवाधिकार दिवस का महत्व
दिन हर व्यक्ति को उसकी गरिमा और अधिकारों की याद दिलाता है।मानवाधिकारों के प्रति जागरूकता फैलाने और इन्हें सुरक्षित रखने का संदेश देता है। यह दिन जाति, धर्म, लिंग या किसी अन्य आधार पर होने वाले भेदभाव का विरोध करता है। मानवाधिकारों का पालन शांति और विकास के लिए आवश्यक है।
भारत और मानवाधिकार
भारत में मानवाधिकारों की रक्षा के लिए कई कदम उठाए गए हैं।
1. भारतीय संविधान: भारतीय संविधान में मौलिक अधिकारों का प्रावधान है, जो देश के नागरिकों को समानता, स्वतंत्रता और शोषण के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करते हैं।
2. मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993: इस अधिनियम के तहत राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) की स्थापना हुई।NHRC मानवाधिकार उल्लंघन की जांच करता है और आवश्यक कार्रवाई करता है।
3. महिला और बाल अधिकार: महिलाओं और बच्चों के अधिकारों की रक्षा के लिए कई कानून बनाए गए हैं, जैसे:बाल विवाह निषेध अधिनियम
महिला आरक्षण बिल
मानवाधिकार उल्लंघन के कारण
1. गरीबी के कारण लोग अपने अधिकारों के प्रति जागरूक नहीं होते।
2. भ्रष्टाचार मानवाधिकार उल्लंघन को बढ़ावा देता है।
3. जातिगत और लैंगिक भेदभाव मानवाधिकारों के खिलाफ है।
मानवाधिकार दिवस की थीम
हर साल मानवाधिकार दिवस एक नई थीम के साथ मनाया जाता है, जो समय की आवश्यकता के अनुसार चुनी जाती है।
2022 की थीम: “Dignity, Freedom, and Justice for All”
2023 की थीम: “Freedom, Equality and Justice for All”
मानवाधिकार दिवस का आयोजन
स्कूल, कॉलेज और संस्थानों में मानवाधिकारों पर चर्चा की जाती है।रैलियां और मीडिया के माध्यम से लोगों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक किया जाता है।मानवाधिकार की रक्षा करने वाले व्यक्तियों और संगठनों को सम्मानित किया जाता है ।
मानवाधिकारों का सम्मान करें और एक बेहतर दुनिया का निर्माण करें।
मानवाधिकार दिवस हमें यह याद दिलाता है कि हर व्यक्ति को गरिमा, सम्मान और स्वतंत्रता का अधिकार है। यह दिन न केवल जागरूकता फैलाने का अवसर है, बल्कि उन व्यक्तियों और संगठनों का समर्थन करने का भी जो मानवाधिकारों की रक्षा के लिए संघर्ष कर रहे हैं। हमें यह समझना होगा कि मानवाधिकार केवल कागज पर लिखे गए नियम नहीं हैं, बल्कि यह हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है कि हम इन्हें अपने समाज में लागू करें।
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