
IIM Kolkata rape: IIM और लॉ कॉलेज की छात्राओं के साथ दरिंदगी, सिस्टम पर उठे सवाल
IIM Kolkata rape: कोलकाता, जो कभी भारत की सांस्कृतिक राजधानी कहलाता था, अब अपराध की घटनाओं से दहल रहा है। हाल ही में शहर में दो दिल दहला देने वाली घटनाएं सामने आई हैं, जिनमें शैक्षणिक संस्थानों के भीतर ही छात्राओं के साथ बलात्कार किया गया। पहली घटना प्रतिष्ठित IIM कोलकाता के परिसर में घटी, जबकि दूसरी वारदात एक लॉ कॉलेज की छात्रा के साथ हुई, जिसमें चार आरोपी शामिल थे।
IIM कोलकाता में काउंसलिंग के बहाने रेप
शुक्रवार को IIM कोलकाता से आई खबर ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। एक छात्रा ने आरोप लगाया है कि उसे एक काउंसलिंग सेशन के बहाने छात्रावास (हॉस्टल) में बुलाया गया था, जहां उसे नशीला पदार्थ पिलाकर बेहोश किया गया और फिर उसका रेप किया गया।
पीड़िता की FIR के मुताबिक, आरोपी ने न केवल दुष्कर्म किया बल्कि धमकी भी दी कि अगर उसने किसी को कुछ बताया, तो उसके गंभीर परिणाम होंगे।
पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है और मामले की जांच जारी है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि यह घटना संस्थान के एक हॉस्टल परिसर में हुई, जो कि संस्थान की गरिमा और सुरक्षा व्यवस्था पर बड़ा सवाल खड़ा करती है।
लॉ कॉलेज गैंगरेप केस: आरोपी निकला ‘हिस्ट्रीशीटर’
IIM की घटना के कुछ ही दिन पहले कोलकाता के एक लॉ कॉलेज में पढ़ने वाली छात्रा के साथ गैंगरेप की खबर सामने आई थी। इस मामले में मुख्य आरोपी मोनोजीत मिश्रा उर्फ ‘मैंगो’ को गिरफ्तार किया गया है, जो पहले से ही 11 आपराधिक मामलों में शामिल पाया गया है। इनमें चोरी, छेड़छाड़ और रेप जैसे संगीन आरोप शामिल हैं।
पुलिस के मुताबिक, मोनोजीत मिश्रा ने राजनीतिक संरक्षण और अपने दबंग व्यवहार की बदौलत कानून को बार-बार ठेंगा दिखाया। उसे हर बार आरोप लगने के कुछ ही दिनों में जमानत मिल जाती थी। यह कानूनी लचरता ही उसे ‘सीरियल ऑफेंडर’ बनने का मौका देती रही।
कैसे हुआ था ‘मैंगो’ का पर्दाफाश
घटना 25 जून की है, जब पीड़िता के साथ कॉलेज परिसर में ही गैंगरेप किया गया। इस वारदात के बाद मोनोजीत ने अपने कुछ साथियों को कॉलेज में ही निगरानी के लिए छोड़ दिया और प्रमित मुखर्जी तथा जैब अहमद के साथ वहां से निकल गया।
अगली सुबह, मोनोजीत ने कॉलेज के एक अधिकारी को कॉल कर पुलिस के आने की जानकारी जुटाने की कोशिश की। वहीं प्रमित ने एक वकील से संपर्क किया और कॉलेज के वरिष्ठ छात्रों से मदद भी मांगी, लेकिन किसी ने उन्हें मदद नहीं दी।
इन तमाम गतिविधियों को पुलिस ने ट्रैक किया और आरोपी एक-एक करके गिरफ्त में आते चले गए। इस मामले में कुल चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
क्या कहती है ये घटनाएं?
इन दोनों मामलों में एक खतरनाक समानता है — सुरक्षित माने जाने वाले शैक्षणिक परिसरों में हुए बलात्कार। ये न केवल संस्थानों की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाते हैं बल्कि हमारे समाज और न्याय प्रणाली की कमजोरियों को भी उजागर करते हैं।
विशेष रूप से लॉ कॉलेज का मामला यह भी दिखाता है कि कैसे एक आरोपी, जिस पर पहले से इतने गंभीर मामले दर्ज हों, बार-बार जमानत पर छूटता रहा। यह किसी भी समाज के लिए चिंताजनक संकेत है कि अपराधियों को दंड से अधिक अधिकार और सुरक्षा मिल रही है।
समाज की जिम्मेदारी और सवाल
इन घटनाओं के बाद जरूरी हो जाता है कि:
- शैक्षणिक संस्थानों की सुरक्षा को लेकर सख्त नियम बनें।
- रेप मामलों में फास्ट-ट्रैक कोर्ट का दायरा बढ़े।
- राजनीतिक संरक्षण प्राप्त अपराधियों की तुरंत जांच हो और संरक्षण देने वालों पर कार्रवाई की जाए।
- काउंसलिंग, हेल्पलाइन और छात्र सहायता व्यवस्था को मजबूत किया जाए।
अब चुप रहना मुमकिन नहीं
कोलकाता जैसे बड़े और शिक्षित शहर में जब कॉलेज परिसरों में रेप होते हैं, तो यह सिर्फ कानून-व्यवस्था की नहीं, बल्कि पूरे समाज की विफलता को दर्शाता है।
अब वक्त आ गया है कि ऐसे अपराधों पर सिर्फ आक्रोश नहीं, बल्कि व्यवस्थित कार्रवाई, कानूनी सख्ती और सामाजिक जागरूकता के जरिये जवाब दिया जाए। वरना आने वाली पीढ़ी ना सिर्फ डर के साये में पढ़ेगी, बल्कि भरोसे की सबसे बड़ी जगह — शिक्षा — भी संदिग्ध बन जाएगी।
यह भी पढ़े
Radhika Yadav Murder: बेटी की कमाई खा रहा है – तानों से टूटा पिता, गोलियों से टूटी राधिका की ज़िंदगी
2 thoughts on “IIM Kolkata rape: IIM और लॉ कॉलेज की छात्राओं के साथ दरिंदगी, सिस्टम पर उठे सवाल”