
हितेश शाक्य खुद को अभय सिंह IIT बाबा का सीनियर बताते हैं
IIT Baba’s Senior: महाकुंभ मेले में आस्था का जनसैलाब देखने को मिल रहा है। इस बीच कई लोग फेमस भी हो रहे है। जिनमें से एक आईआईटियन बाबा अभय सिंह भी है उनकी हर एक वीडियो तकरीबन रोज ही सोशल मीडिया पर वायरल होती नजर आ रही है। हालांकि आईआईटी बॉम्बे से इंजीनियरिंग करके वह आध्यात्म की राह पर चलने वाले अकेले नहीं है। उन्हीं के सीनियर हितेश शाक्य ने भी 9 साल पहले अपनी डिग्री जलाकर आध्यात्म की राह पकड़ ली थी।
IIT Baba’s Senior: कौन है हितेश शाक्य
हितेश शाक्य खुद को अभय सिंह IIT बाबा का सीनियर बताते हैं। उन्होंने भी इस आईआईटी कैंपस में पढ़ाई की है जहां से अभय सिंह ने की थी। इतना ही नहीं उन्होंने मुंबई की उसी कोचिंग में पढ़ाया भी है जहां IIT बाबा ने पढ़ाया था। लगभग एक ही रास्ते पर चल रहे आईआईटी बॉम्बे के यह दोनों पूर्व छात्रों की कहानी में और भी बहुत कुछ मिलता है। लेकिन दोनों ही एक दूसरे से काफी अलग मानसिकता के हैं। दोनों की जीवन शैली बहुत अलग है। एक ओर जहां अभय सिंह संसार से अलग होकर ईश्वर की तलाश कर रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर हितेश शाक्य दुनिया में रहकर ही समाज के लिए कुछ अलग करने की चाह रखते हैं।
IIT Baba’s Senior: हितेश ने बताया अपना बचपन
हितेश ने अपने बचपन के बारे में बताते हुए कहा कि मेरे पेरेंट्स आपस में झगड़ा करते थे और इस क़दर लड़े कि वह एक दूसरे से अलग हो गए। मेरे पिताजी ने मेरी माता जी को तीन बच्चों के साथ अकेला छोड़ दिया था। उस समय जब मैं दो या तीन साल का था मेरे पिताजी बाबा बन चुके थे और मेरी मां ने तीन बच्चों को अकेले पाल पोषकर बड़ा किया और सरकारी जॉब की। उन्होंने अपनी जिंदगी में इतना संघर्ष किया है और इतनी टेंशन में रही कि मेरे पिता कही मुझे चुरा ना ले। वह मुझसे हमेशा कहती थी कि तेरा बाप तुझे ले जाएगा। तुझे भी बाबा बना देगा फिर तू भीख मांगना।
IIT Baba’s Senior: आईआईटी की डिग्री क्यों जलाई
तभी से संन्यास की राह पर चल पड़ा। इंजीनियरिंग से विरक्ति तो आईआईटी फर्स्ट ईयर में ही होने लगी थी। मुझे यह समझ आ गया था कि यहां स्टूडेंट इंजीनियरिंग करने नहीं बल्कि इसलिए आते हैं कि आईआईटी की डिग्री लेकर लाखों की नौकरी मिल जाए। वह मार्केटिंग में हो या ट्रेडिंग में साल 2005 से साल 2025 तक मैं आइआइटीयन शिक्षकों से बात करके यही सब महसूस किया था।
हितेश ने आगे बताया कि फर्स्ट ईयर में उनके सीनियर उनमे में जोश भरते हुए कहते थे कि कम से कम 8 सीजीपीए लाना है। बाद में देखा कि वही सीनियर ड्रामा करके पैसा कमा रहे हैं। खुद यूट्यूब पर एक्टर बन गए। इसलिए मैं कोटा में भी जाकर बच्चों और अभिभावकों को समझता हूं कि यह सब पाखंड है। यह एक रेस घर है ज्यादा नंबर लेकर आओ रिज्यूम टाइट करो कंपनी को दिखाओ कि मुझे दो से 5 लाख सैलरी दो और बस काम पर लग जाए इसी से पेरेंट्स खुश, बीवी खुश, बच्चे खुश, IIT को पैसा दो तो वह भी।
IIT Baba’s Senior: नशे का प्रचार ठीक नहीं
आईआईटी बाबा के सीनियर हितेश शाक्य ने बताया कि मैं अपने जीवन शैली से युवाओं को जीवन के सत्य से अवगत कराना चाहता हूं। ऐसी सच्चाई जो आधुनिकता और अंधी दौड़ से लोगों को बचाती है। उन्होंने कहा कि अभय सिंह ने जो अपने जीवन में हासिल किया है मैं उसको भी नमस्कार करता हूं और उनका आभारी भी हूं क्योंकि उनके कारण लोग मेरे योगदान को भी समझ रहे हैं। लेकिन वह नशे का जो प्रचार कर रहे हैं मैं उसका समर्थन नहीं करता। इससे वह युवाओं को सही संदेश नहीं दे रहे। किसी भी नशे को भगवान से जोड़कर प्रचार करना गलत है। हम संदेश देते हैं कि समय का सदुपयोग करें। आईआईटी बॉम्बे या कहीं भी पढ़ाने जाएं तो आप आत्मनिर्भर होकर जाएं। आपको अपनी हेल्थ और मेंटल हेल्थ दोनों का ही अच्छे से ध्यान रखना चाहिए।
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