Jammu & Kashmir के अनंतनाग में आतंकवाद विरोधी अभियान के दौरान दो सेना के जवानों का अपहरण हुआ। एक जवान गंभीर चोटों के साथ बच निकला, जबकि दूसरे का शव, जिसमें गोलियों के घाव थे, जंगल से मिला। इस घटना के बाद सेना और पुलिस ने आतंकवादियों का पता लगाने के लिए बड़े पैमाने पर अभियान शुरू किया। यह घटना विधानसभा चुनावों के परिणामों के एक दिन बाद हुई।
घटना का विवरण
Jammu & Kashmir के अनंतनाग में बुधवार को आतंकवाद विरोधी अभियान के दौरान सेना के दो जवानों का अपहरण कर लिया गया। इस घटना में एक जवान को गंभीर चोटों के साथ बचने में सफलता मिली, जबकि दूसरे जवान का शव जंगल में मिला, जिसमें गोलियों के घाव थे।
अपहृत सैनिक की पहचान
अपहृत सैनिक का नाम हिलाल अहमद भट था। उसे तलाशी अभियान के दौरान गोली लगी और बाद में उसका शव अनंतनाग के पथरीबल वन क्षेत्र से बरामद किया गया। यह घटना जम्मू और कश्मीर विधानसभा चुनावों के नतीजों के एक दिन बाद हुई।
घायल जवान की स्थिति
घायल सैनिक को एक चिकित्सा सुविधा में ले जाया गया है, और उसकी स्थिति स्थिर है। उसके सफल भागने की कहानी भी एक राहत की खबर के रूप में सामने आई है।
आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई
इस घटना के बाद, सेना और जम्मू और कश्मीर पुलिस ने आतंकवादियों का पता लगाने के लिए एक बड़े पैमाने पर अभियान शुरू किया। भारतीय सेना ने 8 अक्टूबर को कोकरनाग के काजवान वन में एक संयुक्त आतंकवाद-रोधी अभियान शुरू किया था, जो रात भर जारी रहा।
पिछले हमलों का संदर्भ
इस साल अगस्त में, अनंतनाग में सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ में दो सैनिक मारे गए थे। इसके अलावा, जम्मू और कश्मीर के डोडा जिले में भी आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में चार जवान और एक पुलिस अधिकारी शहीद हो गए थे।
निष्कर्ष
अनंतनाग में सेना के जवानों का अपहरण एक गंभीर और दुखद घटना है, जो क्षेत्र में बढ़ती असुरक्षा और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई की चुनौतियों को दर्शाती है। इस प्रकार की घटनाओं से न केवल सुरक्षा बलों को बल्कि स्थानीय लोगों को भी गंभीर चिंता होती है।
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