केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के बीच 8th Pay Commission की चर्चा तेजी से हो रही है। हालांकि, 2024-25 के केंद्रीय बजट में इसके गठन को लेकर कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है, लेकिन उम्मीद की जा रही है कि आने वाले समय में इस पर फैसला लिया जा सकता है। इस लेख में हम 8th Pay Commission से जुड़ी मुख्य जानकारी को सरल भाषा में समझाने का प्रयास करेंगे।
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Toggleवेतन आयोग एक सरकारी निकाय है, जिसका काम केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के वेतन, भत्तों और पेंशन की समीक्षा करना और इनमें आवश्यक बदलाव की सिफारिश करना है। 8वां वेतन आयोग भी इसी क्रम में संभावित है, जो 7वें वेतन आयोग के बाद कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति को सुधारने के उद्देश्य से गठित हो सकता है।
अब तक सरकार ने 8th Pay Commission के गठन को लेकर कोई औपचारिक घोषणा नहीं की है, लेकिन यदि हम पिछले वेतन आयोगों को देखें, तो संभावना है कि यह जनवरी 2026 से लागू हो सकता है। इस संबंध में 2025 के बजट में कोई घोषणा हो सकती है।
अगर 8वां वेतन आयोग लागू होता है, तो सरकारी कर्मचारियों के वेतन में 20% से 35% तक की बढ़ोतरी की उम्मीद की जा रही है। इस बढ़ोतरी का उद्देश्य महंगाई से निपटना और कर्मचारियों की वित्तीय स्थिति को बेहतर बनाना होगा।
महंगाई भत्ता (DA), यात्रा भत्ता (TA) और मकान किराया भत्ता (HRA) जैसे प्रमुख भत्तों में भी वृद्धि की संभावना है, जिससे कर्मचारियों को अतिरिक्त आर्थिक सहायता मिलेगी।
पेंशनभोगियों की पेंशन में भी 30% तक की वृद्धि होने की उम्मीद है। इससे सेवानिवृत्त कर्मचारियों को आर्थिक रूप से ज्यादा मजबूती मिलेगी और वे अपने जीवन के बाकी सालों में अधिक सुरक्षित रह सकेंगे।
8th Pay Commission के तहत फिटमेंट फैक्टर को 1.92 करने का प्रस्ताव है, जिससे न्यूनतम वेतन 34,560 रुपये और न्यूनतम पेंशन 17,280 रुपये हो सकती है। हालांकि, कर्मचारी संघ इसे 3.68 करने की मांग कर रहे हैं, जिससे वेतन में और अधिक वृद्धि हो सके।
7वां वेतन आयोग 1 जनवरी 2016 से लागू हुआ था, जिसमें फिटमेंट फैक्टर 2.57 था और न्यूनतम वेतन 18,000 रुपये तय किया गया था। इसका गठन 28 फरवरी 2014 को हुआ था और उस समय के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने इसे मंजूरी दी थी।
अगर 8वां वेतन आयोग लागू होता है, तो इससे 1 करोड़ से ज्यादा सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को सीधा लाभ मिलेगा। यह उनके जीवन स्तर में सुधार करेगा और उनकी आय बढ़ाने में मदद करेगा। इसके साथ ही, कर्मचारियों की आय में वृद्धि से अर्थव्यवस्था को भी फायदा होगा, क्योंकि इससे उनकी क्रय शक्ति में वृद्धि होगी और बाजार में मांग बढ़ेगी।
8वें वेतन आयोग के लागू होने से केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों की आय में व्यापक वृद्धि होगी। इससे न केवल उनका व्यक्तिगत जीवन सुधरेगा, बल्कि पूरे देश की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी। उनकी बढ़ी हुई आय से देश में आर्थिक गतिविधियों में भी तेजी आ सकती है।
8th Pay Commission सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए उम्मीद की किरण बना हुआ है। हालांकि, अब तक इसके गठन को लेकर कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है, लेकिन उम्मीद की जा रही है कि 2025 के बजट में इस पर चर्चा हो सकती है। कर्मचारी और पेंशनभोगी इसकी घोषणा का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।
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