Historic Bridge Collapse का 150 साल पुराना पुल गिरा सोमवार को हुआ हादसा । 4 साल से था पुल पर आना जाना बंद । पुल के गिरने से आसपास में मचा हड़कंप । लोगों ने प्रशासन को बताया कुसूरवार ।
Historic Bridge Collapse में कब हुआ था पुल का निर्माण
1874 में इस पुल का निर्माण हुआ था जिस की उम्र 150 साल पुराना है। इस पुल को Historic Bridge Collapseमें रूहेलखंड लिमिटेड कंपनी ने बनवाया था। यह पुल एक ऐतिहासिक पुल है। वर्ष 2021 में इस पुल से आना जाना बंद करवा दिया गया था। इस पुल की दीवार कानपुर और उन्नाव दोनों की तरफ है इस पुल में दोनों तरफ से आना जाना होता था। पर अभी इस पुल के गिरने से लोगों के बीच में चिंता का माहौल बन गया है। इस पुल का गिरना उसे लापरवाही की तरह इशारा करता है जो प्रशासन ने की है । इस पुल की कभी मरम्मत और सुरक्षा का ध्यान ही नहीं रखा।
लोगों ने कहा
लोगों का कहना है कि अगर समय रहते ही इस पुल की सुरक्षा और मरम्मत का ध्यान दिया जाता तो शायद यह हादसा नहीं होता। लोग इस हादसे के लिए प्रशासन को भी कसूरवार ठहरा रहे हैं। और इस हादसे के बाद से वहां के लोग काफी ज्यादा चिंता में दिखाई दे रहे हैं। और लोगों ने बताया कि जब यह हादसा हुआ तो कुछ लोग गंगा के पास नहा रहे थे। और वह लोग इस हादसे को देखकर दंग रह गए।
2021 में क्यों किया था पुल बंद
बताया जाता है कि पुल की जगह पर काफी ज्यादा दरारें आने लगी थी जिसके वजह से इसके गिरने का डर लगा रहता था। इसलिए 5 अप्रैल 2021 में पुल से आना जाना बंद करवा दिया गया। लेकिन फिर भी दिल्ली की कुछ वैज्ञानिकों ने इस पुल की जांच की जिससे कि इस पर आना-जाना वापस हो सके लेकिन उन्होंने जांच के दौरान बताया कि इस पल की मरम्मत में 29 करोड़ 50 लाख का खर्चा आसक्त है। लेकिन प्रशासन इस बात को नजरअंदाज कर दिया। इस वजह से पुल को उनको अब तक बंद ही रखा ।
कब गिरा Historic Bridge Collapse का यह पुल
सोमवार की रात को अचानक से पुल का हिस्सा नीचे की ओर गिरने लगा। और वह गंगा नदी में गिर रहा था जिसकी वजह से वह उसी में समा गया। वही आपको बता दे की पुल के बीचो-बीच का पिलर का हिस्सा नीचे गिरा। वही जब लोग इस हादसे को देखकर वहां पर पहुंचे तो कुछ लोगों ने इसकी वीडियो बनाई जो कि अभी सोशल मीडिया पर दिखाई जा रही है। उसके बावजूद भी सुरक्षा का कोई भी इंतजाम नहीं कराया गया। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि पुल के बीच के हिस्से की इंटर नीचे गिरती थी जो की दिखाई नहीं पड़ी। लेकिन जब मछुआरे गए और उन्होंने देखा तो उन्होंने इस चीज की जानकारी प्रशासन को दी उसके बावजूद भी कुछ सुधार नहीं करवाया गया और यह हादसा हो गया। और कई बार इस पुल को खोलने के लिए पत्र भी दिया गया लेकिन इसकी खराब स्थिति की वजह से इसे खोला नहीं गया।
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