भोपाल, मध्य प्रदेश: Income Tax और पुलिस ने शुक्रवार को भोपाल के कुशलपुरा रोड पर एक त्यागी गई एसयूवी से 52 किलोग्राम सोने के बटन, जिसकी कीमत लगभग ₹40 करोड़ है, और ₹11 करोड़ नगद की भारी रकम बरामद की। इस वाहन के मालिक का नाम चंदन सिंह गौर बताया गया है, जो ग्वालियर के निवासी हैं और पिछले चार साल से भोपाल में रह रहे थे। यह घटना उस समय हुई जब अधिकारियों को वाहन के बारे में जानकारी मिली, जो बिना किसी के देखरेख के सड़क पर खड़ी थी।
Income Tax और पुलिस द्वारा किया गया ऑपरेशन
Income Tax और पुलिस को रात के करीब 2 बजे सूचना मिली कि एक इनोवा क्रिस्टा वाहन कुशलपुरा रोड पर लंबे समय से बिना मालिक के खड़ा है, जिसमें सात से आठ बैग रखे हुए थे। इस सूचना के बाद, पुलिस की टीम तुरंत मौके पर पहुंची और वाहन को कब्जे में लिया। मौके पर जांच करने पर, वाहन से सोने के बटन और भारी मात्रा में नगद बरामद हुए, जो जांच का हिस्सा बने।
डीसीपी प्रियंका शुक्ला ने कहा, “सड़क पर खड़ा यह वाहन चंदन सिंह गौर के नाम पर पंजीकृत है, जो ग्वालियर के निवासी हैं और भोपाल में पिछले चार साल से रह रहे हैं। फिलहाल यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि सोने और नगद की यह रकम किसकी है, और जांच जारी है।”
बरामद किए गए सोने और नगद का विवरण
सूत्रों के अनुसार, पुलिस और आयकर विभाग ने जिस एसयूवी से सोने के बटन और नगद वसूला, वह ग्वालियर के व्यक्ति के नाम से पंजीकृत थी। कुल मिलाकर 52 किलोग्राम सोना और ₹11 करोड़ नगद की वसूली हुई है, जो आयकर विभाग और अन्य जांच एजेंसियों के लिए एक बड़ा खजाना साबित हुआ है। इन वस्तुओं के संबंध में किसी भी व्यक्ति का नाम फिलहाल स्पष्ट नहीं हो पाया है, लेकिन जांच अधिकारियों का कहना है कि ये अवैध धन और संपत्ति से संबंधित हो सकती हैं।
रेड्स और छापेमारी का सिलसिला
यह वसूली आयकर विभाग, प्रवर्तन निदेशालय (ED), और लोकायुक्त द्वारा चलाए जा रहे संयुक्त छापे के दौरान हुई। अधिकारियों के अनुसार, यह छापेमारी भोपाल और इंदौर के रियल एस्टेट कारोबार से जुड़े व्यक्तियों पर की जा रही है। आयकर विभाग ने 19 दिसंबर से 20 दिसंबर के बीच ट्रिशूल कंस्ट्रक्शन, क्वालिटी ग्रुप, और ईशान ग्रुप से जुड़ी 51 जगहों पर छापेमारी की। इन छापेमारी के दौरान भारी मात्रा में अवैध संपत्ति की वसूली की गई, जिसमें सोना, नगद और अन्य कीमती वस्तुएं शामिल हैं।
सीधे राजनेताओं और अधिकारियों के साथ जुड़ी साजिश की आशंका
मध्य प्रदेश विधानसभा में विपक्ष के नेता उमंग सिंघार ने आरोप लगाया है कि इस सोने और अन्य वस्तुओं की बरामदगी राजनेताओं और अधिकारियों के बीच एक आपसी गठजोड़ का परिणाम हो सकती है। उनका कहना है कि यह मामला इस बात की ओर इशारा करता है कि रियल एस्टेट क्षेत्र में कुछ राजनीतिक और प्रशासनिक दबाव का खेल चल रहा है, जो भ्रष्टाचार की ओर इशारा करता है।
उमंग सिंघार ने कहा, “यह केवल एक उदाहरण नहीं है, बल्कि यह पूरे प्रदेश में हो रहे अवैध लेन-देन का हिस्सा हो सकता है। हमें यह देखना होगा कि ये गहने और पैसे किन लोगों के हैं और कौन लोग इसके पीछे शामिल हैं।”
आगे की जांच और कार्रवाइयाँ
आयकर विभाग और पुलिस ने अब तक इस मामले में कई प्रमुख सुराग जुटाए हैं और जांच की दिशा में कदम बढ़ाए हैं। वे यह जानने की कोशिश कर रहे हैं कि यह संपत्ति किसके पास थी और इसके स्रोत के बारे में क्या जानकारी मिल सकती है। इसके साथ ही, इस मामले में जुड़े हुए अन्य व्यक्तियों और संगठनों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है। इस पूरी घटना ने मध्य प्रदेश और भारत भर में अधिकारियों को यह संकेत दिया है कि अवैध धन और संपत्ति को छुपाने के लिए ऐसी चोरी-छिपी गतिविधियाँ बढ़ रही हैं, जिन पर नज़र रखना और सख्त कार्रवाई करना बेहद जरूरी हो गया है।
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