हर साल 4 दिसंबर को Indian Navy Day 2024 मनाया जाता है। यह दिन न केवल भारतीय नौसेना की ऐतिहासिक उपलब्धियों का प्रतीक है, बल्कि देश की समुद्री शक्ति और समर्पण को भी उजागर करता है। 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में ऑपरेशन ट्राइडेंट की सफलता के उपलक्ष्य में मनाए जाने वाला यह दिवस इस वर्ष विशेष महत्व रखता है, क्योंकि 1971 की ऐतिहासिक जीत की 50वीं वर्षगांठ को ‘स्वर्णिम विजय वर्ष’ के रूप में भी मनाया जा रहा है।
ऑपरेशन ट्राइडेंट: भारतीय नौसेना का स्वर्ण अध्याय
1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान भारतीय नौसेना ने कराची बंदरगाह पर हमला करते हुए ऑपरेशन ट्राइडेंट को सफलतापूर्वक अंजाम दिया। यह पहली बार था जब भारत ने युद्ध में एंटी-शिप मिसाइलों का इस्तेमाल किया। इस अभियान में आईएनएस निपट, आईएनएस निर्घट और आईएनएस वीर जैसे युद्धपोतों ने भाग लिया और पाकिस्तानी नौसेना के विध्वंसक जहाज पीएनएस खैबर को नष्ट कर दिया। इस अभियान ने न केवल भारत की सैन्य शक्ति को प्रदर्शित किया, बल्कि समुद्री युद्धकला में भारतीय नौसेना की श्रेष्ठता को भी साबित किया।
भारतीय नौसेना: समुद्री सीमाओं की संरक्षक
भारतीय नौसेना, देश की समुद्री सीमाओं की रक्षा का दायित्व निभाने वाली सशक्त सैन्य शाखा है। इसका आदर्श वाक्य “शं नो वरुणः” (जल देवता वरुण हमारे लिए शुभ हों) इसके उद्देश्य और दृष्टिकोण को स्पष्ट करता है। भारतीय नौसेना के प्रमुख युद्धपोतों और पनडुब्बियों में आईएनएस अरिहंत, आईएनएस विक्रमादित्य, और हाल ही में शामिल स्वदेशी विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत शामिल हैं।
यह शाखा आधुनिक तकनीक और सशक्त हथियारों से सुसज्जित है। नौसेना के मरीन कमांडो (मार्कोस) विशेष सैन्य अभियानों के लिए जाने जाते हैं। इसके अतिरिक्त, भारतीय नौसेना ने आपदा प्रबंधन, मानवीय सहायता और अंतर्राष्ट्रीय समुद्री सुरक्षा में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
Indian Navy Day 2024: पुरी में भव्य आयोजन
इस वर्ष भारतीय नौसेना दिवस का मुख्य आयोजन ओडिशा के पुरी में ब्लू फ्लैग बीच पर किया जाएगा। इस भव्य आयोजन में भारतीय नौसेना अपनी ताकत और कौशल का प्रदर्शन करेगी।
- ऑपरेशनल डेमोंस्ट्रेशन: 15 से अधिक युद्धपोत, पनडुब्बियां और 40 से अधिक विमान इस प्रदर्शन में भाग लेंगे। मिग-29के और हॉक लड़ाकू विमानों के हवाई करतब, मरीन कमांडो की युद्धक क्षमताएं, पनडुब्बी संचालन और युद्धपोतों से रॉकेट फायरिंग जैसे कार्यक्रम दर्शकों के लिए प्रमुख आकर्षण होंगे।
- सांस्कृतिक और तकनीकी प्रदर्शन: शाम के समय ‘बीटिंग रिट्रीट’ समारोह के साथ-साथ ड्रोन और लेजर शो भी आयोजित किया जाएगा, जो भारतीय संस्कृति और नौसेना की तकनीकी प्रगति का अद्भुत समागम प्रस्तुत करेगा।
ओडिशा की समुद्री विरासत का सम्मान
ओडिशा की प्राचीन समुद्री परंपराओं का समृद्ध इतिहास है। सदियों पहले, यहां के साधबाओं ने दक्षिण-पूर्व एशिया के देशों से व्यापारिक संबंध स्थापित किए थे। यह परंपरा कटक में मनाए जाने वाले ‘बालि यात्रा’ उत्सव में भी दिखाई देती है। पुरी में आयोजित नौसेना दिवस का यह कार्यक्रम, आधुनिक भारतीय युद्धपोतों और समुद्री अभियानों के प्रदर्शन के माध्यम से, इस गौरवशाली समुद्री विरासत को पुनर्जीवित करेगा।
सुरक्षा और प्रशासनिक तैयारियां
इस आयोजन को सुचारू रूप से संपन्न कराने के लिए भारतीय नौसेना और ओडिशा सरकार ने विशेष तैयारियां की हैं। यातायात प्रबंधन, स्वच्छता बनाए रखने और ब्लू फ्लैग बीच पर अनुशासन सुनिश्चित करने के लिए विस्तृत निर्देश जारी किए गए हैं। सुरक्षा कारणों से ड्रोन, पतंग और अन्य उड़ने वाली वस्तुओं के संचालन पर प्रतिबंध लगाया गया है।
मुख्य अतिथि और आयोजन का महत्व
इस वर्ष नौसेना दिवस के मुख्य अतिथि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू होंगी। नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी इस आयोजन की मेजबानी करेंगे। यह कार्यक्रम न केवल भारतीय नौसेना की सामरिक और तकनीकी क्षमताओं को प्रदर्शित करेगा, बल्कि देश के नागरिकों को उनकी सुरक्षा और सेवा के प्रति नौसेना के समर्पण से अवगत कराने का अवसर भी प्रदान करेगा।
समापन: देश के लिए प्रेरणा का स्रोत
Indian Navy Day 2024, भारतीय नौसेना के अदम्य साहस, अनुशासन और उत्कृष्टता का प्रतीक है। यह दिन हर भारतीय को हमारी समुद्री सीमाओं की रक्षा में नौसेना के योगदान और इसकी गौरवशाली विरासत की याद दिलाता है। पुरी में आयोजित होने वाला यह भव्य आयोजन न केवल नौसेना की ताकत को प्रदर्शित करेगा, बल्कि हमारी समुद्री परंपराओं और राष्ट्रीय गर्व का भी उत्सव मनाएगा।
भारतीय नौसेना का यह अद्वितीय आयोजन हर नागरिक को प्रेरित करता है कि वे भी देश की प्रगति और सुरक्षा में अपने हिस्से का योगदान दें। यह दिवस भारतीय सशस्त्र बलों के प्रति सम्मान और गर्व व्यक्त करने का एक विशेष अवसर है।
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