Mahakumbh 2025 के लिए तैयारियां जोरों शोरो से शुरू हो चुकी है।Mahakumbh 2025 लगभग 1 महीने तक चलेगा इस दौरान भक्तों की भारी संख्या में भीड़ लगेगी इस पूरे मेले के दौरान आने वाले कुछ शुभ तिथियां और उनके महत्व के बारे में सभी कुछ जानने को मिलेगा। ताकि आप उस दिन स्नान करके पुण्य प्राप्त कर सके। अनुमान है कि इस बार महाकुंभ 2025 में लगभग 45 करोड लोगों की भीड़ जमा होगी यानी 45 करोड़ श्रद्धालु एक साथ महाकुंभ स्नान करेंगे।
Mahakumbh 2025: कब से कब तक ?
Mahakumbh 2025 धीरे-धीरे नजदीक आ रहा है और सरकार की योजना है कि इस बार Mahakumbh को भव्य तरीके से आयोजित किया जाएगा। यह यह मेला 13 जनवरी से शुरू होकर 26 जनवरी तक चलेग। वहीं 13 जनवरी को पौष पूर्णिमा है। इस बार महाकुंभ का आयोजन प्रयागराज में होगा। यह तो आप जानते होंगे कि महाकुंभ लोगों के हृदय के बहुत समीप है और लोगों की इसमें बहुत श्रद्धा है। कुंभ मेला भारतीय संस्कृति और धर्म का एक बहुत ही महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक मेला है जो हर 12 साल के बाद एक बार मनाया जाता है। Mahakumbh का मेला प्रमुख चार तीर्थ स्थलों पर लगता है जिसमें नाम है-प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक।
Mahakumbh :लाखों की संख्या में लोग एक साथ स्नान करते है
Mahakumbh मेला सनातन धर्म में आस्था रखने वाले लोगों के लिए बहुत पवित्र माना जाता है। जब करोड़ की संख्या में श्रद्धालु गंगा, यमुना और सरस्वती संगम में स्नान के लिए देश-विदेश से आते हैं और एकजुट होते हैं। Mahakumbh मेला एक महीने तक चलने वाला एक ऐसा महापर्व है जिसे लोग अपनी आस्था से जुड़ा हुआ मानते हैं और इसका बहुत महत्व भी होता है। ऐसे में इस महापर्व के दौरान कई महत्वपूर्ण पर्व वह भी आते हैं जिन तिथियां पर स्नान करना अपने आप में एक महत्वपूर्ण बात है। तो आप उन लाभों से चूक न जाए इसलिए उन तिथियों के बारे में जानना बहुत महत्वपूर्ण है।
पौष पूर्णिमा तिथि
ऐसा माना जाता है कि पौष पूर्णिमा के दिन कुंभ स्नान करने से मनुष्य के सारे पाप धुल जाते हैं। और वह पापों से मुक्त हो जाता है। वही इस दिन यमुना, गंगा और अन्य पवित्र नदियों में स्नान करने से सारे पाप नष्ट हो जाते है। और मोक्ष की प्राप्ति होती है।और इस दिन -स्नान करके मनुष्य पाप रहित हो जाता है। और यह तिथि 13 जनवरी को है। इस दिन स्नान करके आप पापों से छुटकारा पा सकते हैं।
मकर संक्रांति
14 जनवरी को मकर संक्रांति का पर्व है माना जाता है कि इस दिन सूर्य देव धनु राशि से निकल कर मकर राशि में प्रवेश करते है। और इसी संयोग को मकर संक्रांति कहा जाता है। मान्यता के अनुसार इस दिन दान, स्नान और धार्मिक अनुष्ठान करने से विशेष प्रकार का फल मिलता है। और इसकी एक विशेष महत्व है । माना जाता है कि इस दिन आप जो कुछ दान पुण्य करते हैं आपके पुनर्जन्म पर 100 गुना के बराबर फल देता है। वही इस दिन तिल से स्नान करने, तिल खाने, तिल का दान करने और हवन करना बहुत विशेष माना जाता है और शुभ और फलदाई माना जाता है।
मौनी अमावस्या
मौनी अमावस्या 29 जनवरी 2025 को है और इसे माघ मास का सबसे बड़ा पर्व माना जाता है। मौनी अमावस्या के दिन स्नान अन्य सभी स्नान में सबसे सर्वोत्तम माना जाता है। वही इस दिन पुण्य फल पर स्वयं का उदय और पितरों को तारने के लिए दान, पुण्य, स्नान करना लाभकारी माना जाता है। मौनी अमावस्या के स्नान के बारे में शास्त्रों में भी लिखा हुआ है। और आप इस तिथि पर Mahakumbh स्नान करके पुण्य को प्राप्त कर सकते हैं।
बसंत पंचमी
बसंत पंचमी का त्यौहार 3 फरवरी को है इस दिन Mahakumbh स्नान करने और उनके नाम से दान करने से आपको बुद्धि की प्राप्ति होती है। और ऐसा माना जाता है कि इस दिन यदि आप दान करते हैं तो आपके जिव्हा पर माता सरस्वती का वास हो जाता है।
माघ पूर्णिमा
माघ पूर्णिमा की तिथि 12 फरवरी की है इस दिन को महत्वपूर्ण स्नान तिथि माना जाता है। इस दिन स्नान करने के बाद ध्यान करने से सारी मनोकामनाएं पूरी हो जाती है साथ ही मोक्ष प्राप्त होता है।
महाशिवरात्रि
महाशिवरात्रि के दिन Mahakumbh में मेले का अंतिम दिन होगा। इस दिन शिव और पार्वती का ध्यान करने से और उसके बाद स्नान और पूजा, उपासना अथवा व्रत रखने से आप भगवान शिव और माता पार्वती का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं। यह तिथि 26 फरवरी की है।
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