हाल ही में केरल के मलप्पुरम जिले के 38 वर्षीय व्यक्ति की Monkeypox (Mpox) संक्रमण की पुष्टि हुई है। राज्य स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, यह व्यक्ति हाल ही में दुबई से लौटा था और उसमे इस बीमारी के लक्षण देखे गए।
लक्षण महसूस होने के बाद, उसने अपने परिवार से खुद को अलग कर लिया और अस्पताल में भर्ती हो गया। बुधवार को केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीणा जॉर्ज ने पुष्टि की कि इस व्यक्ति की रिपोर्ट मंकीपॉक्स के लिए पॉजिटिव आई है।
यह इस वर्ष भारत में मंकीपॉक्स का दूसरा कनफर्म्ड मामला है। इस दूसरे केस के मिलने से देश में इस वायरस के फैलने को लेकर चिंता बढ़ गई है। राज्य ने हवाई अड्डों पर निगरानी को और भी सख्त कर दिया है ताकि इस वायरस के और प्रसार को रोका जा सके।
Mpox मरीज द्वारा उठाए गए सावधानीपूर्ण कदम
मरीज ने Monkeypox के शुरुआती लक्षणों को देखते हुए तुरंत खुद को अलग कर लिया, जिससे संक्रमण फैलने की संभावना कम हो गई। बीमार होने पर उसे पहले एक निजी अस्पताल में भर्ती किया गया और फिर मंझेरी मेडिकल कॉलेज में स्थानांतरित कर दिया गया। उसकी सैंपल जांच के लिए कोझिकोड मेडिकल कॉलेज भेजी गई और रिपोर्ट में मंकीपॉक्स की पुष्टि हुई।
स्वास्थ्य मंत्री वीणा जॉर्ज ने मरीज द्वारा ऐतिहातन उठाये गए कदमों की सराहना की और जनता से अपील की कि वे लक्षण दिखने पर तुरंत इलाज के लिए आगे आएं।
एक फेसबुक पोस्ट में, उन्होंने बुखार, दाने, या सूजे हुए लिम्फ नोड्स जैसे लक्षणों वाले लोगों से स्वास्थ्य विभाग को सूचित करने का आग्रह किया।
भारत में Monkeypox के पहले मामले
इस साल भारत में मंकीपॉक्स का पहला कनफर्म्ड मामला हरियाणा के हिसार के 26 वर्षीय व्यक्ति का था, जिसकी रिपोर्ट पिछले सप्ताह पॉजिटिव आई थी। उसे दिल्ली के एलएनजेपी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसे एक अलग मामला बताया, जो जुलाई 2022 से रिपोर्ट किए गए 30 मामलों के समान है।
मंत्रालय के अनुसार, भारत में पाया गया मंकीपॉक्स वायरस क्लेड-2 के अंतर्गत आता है, जो WHO द्वारा घोषित सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल से संबंधित क्लेड-1 नहीं है।
वैश्विक Monkeypox स्थिति
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने Mpox को अंतरराष्ट्रीय चिंता की सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल (Public Health Emergency of International Concern, PHEIC) घोषित किया है। यह वायरस अफ्रीका से बाहर फैल रहा है, और जनवरी 2022 से अगस्त 2024 तक 100,000 से अधिक मामलों और लगभग 220 मौतों की पुष्टि हो चुकी है।
मंकीपॉक्स संक्रमण आमतौर पर 2 से 4 सप्ताह तक रहता है, और अधिकतर मरीज उचित चिकित्सा देखभाल से ठीक हो जाते हैं। WHO ने बताया है कि Monkeypox से बचाव के लिए टीका उपलब्ध है और इसे संपर्क के चार दिन के अंदर दिया जा सकता है।
केरल सरकार की प्रतिक्रिया
Monkeypox के हालिया मामले की पुष्टि के बाद, केरल सरकार ने तेजी से कार्रवाई की है। स्वास्थ्य मंत्री वीणा जॉर्ज ने आश्वासन दिया कि राज्य के विभिन्न अस्पतालों में उपचार और आइसोलेशन की सुविधाएं उपलब्ध हैं। हवाई अड्डों पर केंद्रीय दिशानिर्देशों के अनुसार निगरानी तेज कर दी गई है।
Monkeypox प्रभावित देशों से आने वाले यात्रियों को हवाई अड्डों पर लक्षण दिखने पर रिपोर्ट करने का निर्देश दिया गया है। राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने सरकारी और निजी अस्पतालों से मंकीपॉक्स मरीजों के लिए निर्धारित प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करने की अपील की है।
स्वास्थ्य सलाह और सुरक्षा उपाय
Monkeypox के बढ़ते मामलों के मद्देनजर, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और WHO ने स्वास्थ्य कर्मियों और आम जनता के लिए परामर्श जारी किए हैं। Monkeypox संक्रमण सामान्यतः संक्रमित व्यक्ति के निकट संपर्क से फैलता है। सरकार ने बताया कि मंकीपॉक्स के फैलने का सबसे आम तरीका यौन संपर्क है, उसके बाद गैर-यौन व्यक्ति-से-व्यक्ति संपर्क से होता है।
स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, मंकीपॉक्स संक्रमण में सबसे आम लक्षण दाने और बुखार हैं। यह महत्वपूर्ण है कि लोग इन लक्षणों को पहचानें और तुरंत चिकित्सा सहायता लें।
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