Neeraj Chopra completes 27 years: भारत के ओलंपिक और विश्व चैंपियन भाला फेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा ने मंगलवार को अपने 27वें जन्मदिन पर कदम रखा। इस मौके पर, आइए उनके करियर की कुछ प्रमुख उपलब्धियों पर नज़र डालते हैं और समझते हैं कि कैसे उन्होंने भारत के एथलेटिक्स में एक नया युग शुरू किया।
Neeraj Chopra completes 27 years: व्यक्तिगत जीवन और प्रारंभिक करियर
नीरज चोपड़ा का जन्म 24 दिसंबर 1997 को हरियाणा के पानीपत जिले के खांद्रा गाँव में हुआ था। उनका परिवार खेती-किसानी से जुड़ा हुआ है। नीरज को भाला फेंकने की प्रेरणा गाँव के खेल आयोजनों से मिली, जहां उन्होंने पहली बार इस खेल को देखा और इसके प्रति उनकी रुचि बढ़ी। नीरज ने अपने शुरुआती कोच, जयवीर सिंह से प्रशिक्षण लिया और उन्होंने उनके करियर को दिशा दी।
दो बार के ओलंपिक पदक विजेता
नीरज चोपड़ा का ओलंपिक करियर भारत के लिए गर्व का विषय है। 2020 के टोक्यो ओलंपिक में, उन्होंने 87.58 मीटर के सर्वश्रेष्ठ थ्रो के साथ स्वर्ण पदक जीता। यह एथलेटिक्स में भारत का पहला स्वर्ण पदक था और उन्होंने इसे अपने नाम करते हुए सबसे कम उम्र के व्यक्तिगत ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता बने।
इसके बाद, 2024 के पेरिस ओलंपिक में उन्होंने 89.45 मीटर के सर्वश्रेष्ठ थ्रो के साथ रजत पदक जीता। इस मुकाबले में पाकिस्तान के अरशद नदीम ने 92.97 मीटर के थ्रो के साथ स्वर्ण पदक जीता। नीरज की इस उपलब्धि ने उन्हें वैश्विक स्तर पर और भी प्रतिष्ठित बना दिया।
भारत के पहले भाला फेंक विश्व चैंपियन
2023 विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप के दौरान, नीरज ने 88.17 मीटर के सर्वश्रेष्ठ थ्रो के साथ पुरुषों की भाला फेंक का स्वर्ण पदक जीता। यह विश्व चैंपियनशिप में भारत का पहला स्वर्ण पदक था। इससे पहले, 2022 चैंपियनशिप में भी नीरज ने रजत पदक हासिल किया था, जिसमें उन्होंने 88.13 मीटर का थ्रो किया था।
राष्ट्रमंडल खेलों के पदक विजेता
नीरज ने राष्ट्रमंडल खेलों में भी अपने देश का मान बढ़ाया है। 2018 में गोल्ड कोस्ट में आयोजित प्रतियोगिता में, उन्होंने 86.47 मीटर के सर्वश्रेष्ठ थ्रो के साथ स्वर्ण पदक जीता। यह पदक भारतीय एथलेटिक्स के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर था।
एशियाई खेलों के पदक विजेता
नीरज चोपड़ा दो बार के एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक विजेता भी हैं। उन्होंने 2018 में जकार्ता में और 2022 हांग्जो एशियाई खेलों में भाला फेंक का खिताब जीता। 2022 में, उन्होंने 88.88 मीटर के सर्वश्रेष्ठ थ्रो के साथ अपने खिताब की रक्षा की और भारतीय खेल इतिहास में एक और कीर्तिमान स्थापित किया।
डायमंड लीग विजेता
2022 के डायमंड लीग फाइनल में ज्यूरिख में, नीरज पहले भारतीय बने जिन्होंने डायमंड लीग खिताब जीता। उन्होंने 88.44 मीटर के सर्वश्रेष्ठ थ्रो के साथ पुरुषों की भाला फेंक का खिताब जीता। यह उपलब्धि उन्हें विश्व स्तर पर एक प्रतिष्ठित एथलीट के रूप में स्थापित करती है।
क्या नीरज चोपड़ा अब तक के सबसे महान भारतीय एथलीट हैं?
27 अगस्त 2023 को, नीरज चोपड़ा ने अपनी बढ़ती प्रतिष्ठा में एक और उपलब्धि जोड़ी। बुडापेस्ट, हंगरी में विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप के फाइनल में 88.17 मीटर के थ्रो के साथ नीरज ने स्वर्ण पदक जीता, जो इस टूर्नामेंट में भारत का पहला स्वर्ण था। टोक्यो ओलंपिक के दो साल बाद, उन्होंने अब पांच अलग-अलग प्रमुख एथलेटिक्स प्रतियोगिताओं में स्वर्ण पदक जीते हैं। यह उनके करियर का एक और महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।
2016: नीरज चोपड़ा ने खुद को साबित किया
2016 में, केवल 18 साल की उम्र में, नीरज ने गुवाहाटी में आयोजित दक्षिण एशियाई खेलों में 82.23 मीटर के थ्रो के साथ अपना पहला स्वर्ण पदक जीता। हालांकि वह रियो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने से चूक गए थे, लेकिन उन्होंने इस समय से ही अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाना शुरू कर दिया था।
उसी वर्ष, उन्होंने वियतनाम में आयोजित एशियाई अंडर-20 चैंपियनशिप में रजत पदक जीता, लेकिन सबसे बेहतरीन प्रदर्शन अभी बाकी था। विश्व अंडर-20 चैंपियनशिप में, नीरज ने 86.48 मीटर का शानदार थ्रो किया, जो आज भी विश्व अंडर-20 रिकॉर्ड है। यह प्रदर्शन नीरज की महानता का परिचायक था।
World U20 record!
Watch the 86.48 throw of Neeraj Chopra pic.twitter.com/BXtCKxR0rT
— World Athletics (@WorldAthletics) July 24, 2016
2017-2018: वरिष्ठ स्तर पर नीरज की सफलता
2017-2018 के दो वर्षों में, नीरज ने भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए तीन और स्वर्ण पदक जीते। पहला स्वर्ण पदक उन्होंने भुवनेश्वर में आयोजित एशियाई चैंपियनशिप में 85.23 मीटर के थ्रो के साथ जीता।
उस वर्ष बाद में विश्व चैंपियनशिप में निराशाजनक क्वालीफाइंग राउंड के बावजूद, नीरज ने 2018 में राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीता। फिर उन्होंने इंडोनेशिया में आयोजित एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीता और 88.06 मीटर के थ्रो के साथ राष्ट्रीय रिकॉर्ड स्थापित किया, जिसे उन्होंने कई बार तोड़ा है। उसी वर्ष, उन्हें भारतीय सरकार द्वारा अर्जुन पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया।
Now Khandra, Panipat boy @Neeraj_chopra1 has become a poster boy of #Javelin throw. #Welldone. Breaking records.@boxervijender @msdhoni pic.twitter.com/0DRTEsz5cK
— हरियाणा-आज (@HaryanaAaj) August 27, 2018
2021-2023: नीरज चोपड़ा ने नई ऊंचाइयों को छुआ
कोविड-19 महामारी के कारण, टोक्यो ओलंपिक को 2020 से 2021 तक पुनर्निर्धारित किया गया। इससे नीरज को 2019 में लगी चोट से पूरी तरह से उबरने और वैश्विक आयोजन के लिए अतिरिक्त तैयारी का समय मिला।
ओलंपिक में, उन्होंने 87.58 मीटर का थ्रो कर स्वर्ण पदक जीता, जो एथलेटिक्स में भारत का पहला और ओलंपिक में देश का दूसरा व्यक्तिगत स्वर्ण पदक था। इस उपलब्धि के लिए उन्हें भारत के सर्वोच्च खेल सम्मान, मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
2022 विश्व चैंपियनशिप में, नीरज ने ग्रेनाडा के एंडरसन पीटर्स से हारकर रजत पदक जीता। हालांकि, 2023 में उन्होंने वह स्वर्ण पदक हासिल किया जो उनके पदकों की सूची में शामिल नहीं था और भारतीय खेलों में अपनी स्थिति को मजबूत किया।
सम्मान और पुरस्कार
नीरज चोपड़ा को उनकी अद्वितीय उपलब्धियों के लिए कई पुरस्कार मिल चुके हैं:
- अर्जुन पुरस्कार (2018)
- मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार (2021)
- विष्णु अवार्ड (2023)
नीरज चोपड़ा की प्रेरणा और समर्पण
नीरज की सफलता का श्रेय उनके कठोर परिश्रम, अनुशासन, और उनके कोचों के मार्गदर्शन को जाता है। उन्होंने कठिन परिस्थितियों में भी अपने लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित रखा और कभी हार नहीं मानी।
भविष्य की योजनाएँ
नीरज चोपड़ा ने कई बार कहा है कि वह अपने प्रदर्शन को और बेहतर बनाना चाहते हैं और आगामी ओलंपिक और विश्व चैंपियनशिप में और भी बेहतरीन प्रदर्शन करने की योजना बना रहे हैं।
निष्कर्ष
नीरज चोपड़ा का करियर न केवल उनके व्यक्तिगत प्रयासों का परिणाम है बल्कि यह भारतीय एथलेटिक्स के लिए भी एक प्रेरणा है। उनके समर्पण और मेहनत ने उन्हें भारतीय खेल जगत का चमकता सितारा बना दिया है, और उनकी उपलब्धियों ने भारत को वैश्विक एथलेटिक्स के मानचित्र पर स्थापित कर दिया है।
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