Sambhal में भड़की हुई हिंसा में कई मासूमो की अभी तक जान जा चुकी है पर अभी तक इसका कोई भी हल नहीं निकला है। और इस मामले में सियासी घमासान शुरू हो चुका है। लगातार सत्तापक्ष और विपक्ष एक दूसरे पर वार पलटवार कर रहा है। ऐसे में अब सियासी माहौल गरमा गया है। कोर्ट ने ये आदेश इस याचिका पर दिया जिसमे ये दायर किया गया था की Sambhal की जिस जगह पर जामा मस्जिद है वहां पहले कभी हरिहर मंदिर था। जिसके बाद समाजवादी पार्टी के 15 नेता हिंसा वाली जगह पर जाने की मांग कर रहे थे जिसे DM ने खारिज कर दिया।
Sambhal :क्या है मामला
उत्तर प्रदेश के Sambhal में जामा मस्जिद को लेकर विवाद छिड़ गया है। आपको बता दें कि सर्वे के दौरान वहां हिंसा भड़क गई इस पर जमकर सियासत हो रही है वहीं समाजवादी पार्टी के 15 सदस्य प्रतिनिधिमंडल Sambhal जाने की आज मांग रहे हैं लेकिन प्रशासन में इसकी इजाजत नहीं थी। वाही DM ने इलाके में धरा 163 लगा दिया है। साथ ही प्रशासन ने सपा नेताओ के घर के आगे पुलिस को तैनात कर दिया है। जिस पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने नाराजगी जाहिर किया है और भारतीय जनता पार्टी पर आरोप लगते हुए कहा की भाजपा की यूपी प्रशासन नाकाम है। और उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर पोस्ट करते हुए यूपी पुलिस प्रशासन पर अमला बोल दिया है।
पुलिस ने रोकी सपा नेताओ की गाड़ी
वही सपा नेता जब Sambhal जाने के लिए अपनी गाड़ी में तैयार बैठे थे लेकिन पुलिस की गाड़ियों ने दोनों तरफ से रास्ता बंद कर दिया था जिस कारण सपा नेता की गाड़ी आगे नहीं बढ़ पायी। ये गाड़ी सपा के बड़े नेता माता प्रसाद पांडेय की थी। जिसके बाद नेता प्रतिपक्ष आग बबूला हो गए। और मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा की उनका संभल में जाना निषेध था तो उन्हें लखनऊ में क्यों रोका जा रहा है। माता प्रसाद पांडेय ने कहा की उन्हें तीन दिन पहले DGP ने Sambhal जाने के लिए मना किया था पर अब तीन बाद उन्हें क्यों रोका जा रहा है। उन्होंने प्रशासन पर डरने का आरोप लगाया है।
अखिलेश यादव ने क्या लगाए आरोप
अखिलेश यादव ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक पर ट्वीट करते हुए कहा कि प्रतिबंध लगाना भाजपा सरकार के शासन प्रशासन और सरकारी प्रबंधन की नाकामी है ऐसा प्रतिबंधन अगर सरकार उन पर पहले ही लगा देती जिन्होंने दंगा करवाने का सपना देखा और भड़काऊ नारे लगभग तो Sambhal में आज शांति बरकरार रहती और हिंसा नहीं बढ़ती भाजपा जैसे पुरी की पूरी कैबिनेट एक साथ बदल देते हैं वैसे ही Sambhal के ऊपर से लेकर नीचे तक का पूरा प्रशासनिक मंडल निलंबित कर उन पर सजेशन लापरवाही का आरोप लगाते हुए सच्ची कार्रवाई करके बर्खास्त भी करना चाहिए और किसी की जान लेने का मुकदमा भी चलना चाहिए।
Sambhal हिंसा में कितने लोगो की गयी जान
Sambhal हिंसा दिन प्रतिदिन भयावह रूप लेती जा रही है। जब पहले दिन 19 नवंबर को संभल जमा मस्जिद का सर्वे हुआ था तब से संभल में तनाव की स्थिति बनी हुई है। आपको बता दे सुबह सुबह ही हिंसा भडकने की खबर सामने आ गयी थी। जिसमे पुलिस पर पथराव किया गया। और पुलिस के कई अधिकारी घायल भी हो गए। वही अजब दूसरी बार 24 नवम्बर को सर्वेक्षण हुआ तब भी हिंसा भड़क गयी। जिस तौरण ताबड़तोड़ पथराव हुआ जिसमे ४ लोगो की मौत हो गयी और 25 से अधिक लोग बुरी तरह जख्मी हो गए। उन्हें हस्पताल में भर्ती कराया गया है।
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