Triyuginarayan Temple: तीन युगों का प्रतीक
उत्तराखंड के रुद्रप्रग जिले में स्थित यह Triyuginarayan Temple तीन युगों का प्रतीक है और भगवान विष्णु को समर्पित एक भव्य और चमत्कारी मंदिर है। यहाँ भगवान विष्णु ने स्वयं शिव और माँ शक्ति का दिव्य विवाह कराया था। Triyuginarayan का अर्थ है “त्रि” (तीन), “युगी” (युग) और “नारायण” (भगवान विष्णु)। इस मंदिर में शिव और शक्ति के दिव्य मिलन में भगवान विष्णु साक्षी बने थे।
Triyuginarayan Temple का महत्व
Triyuginarayan Temple त्रेतायुग से जुड़ा हुआ है। यहाँ एक अग्निकुंड जलता रहता है, जो तीन युगों से जलता हुआ माना जाता है। इसे अखंड धुनी मंदिर भी कहा जाता है। इस चमत्कारी अग्निकुंड को देखकर लोग आश्चर्यचकित रहते हैं, और यहाँ श्रद्धालु लकड़ियाँ डालकर धूनी लेते हैं ताकि उनका वैवाहिक जीवन सुखी और शांतिपूर्ण रहे।
Triyuginarayan Temple की मान्यताएँ
- अखंड धुनी: यहाँ जलता हुआ अग्निकुंड तीन युगों से जलता आ रहा है, और श्रद्धालु इस अग्निकुंड में लकड़ियाँ डालते हैं ताकि उनका जीवन सुखमय रहे।
- संतानहीनता से मुक्ति: Triyuginarayan Temple में स्नान करने से संतानहीनता से मुक्ति मिलती है और संतान की प्राप्ति होती है, जैसा कि यहाँ स्नान करने वाले कुण्डों में स्नान करने से माना जाता है।
- भगवान विष्णु का वामन रूप: पौराणिक कथा के अनुसार, राजा बलि ने इंद्रासन पाने के लिए सौ यज्ञ करने का निश्चय किया था। जब 99 यज्ञ पूरे हो गए, तब भगवान विष्णु ने वामन अवतार लिया और राजा बलि का यज्ञ विफल कर दिया। इसके बाद से Triyuginarayan Temple में भगवान विष्णु की वामन रूप में पूजा की जाती है।
महादेव और माँ शक्ति का विवाह
माँ पार्वती ने भगवान शिव से विवाह के लिए कठोर तपस्या की थी। एक समय ऐसा आया जब भगवान शिव ने माँ पार्वती से विवाह करने का वचन दिया। इस विवाह की प्रमुख घटना Triyuginarayan Temple में हुई, जहाँ भगवान विष्णु ने अपनी बहन के रूप में माँ पार्वती का विवाह कराया। भगवान ब्रह्मा इस विवाह के पुरोहित बने थे।
Triyuginarayan Temple के तीन कुंड
- भ्रमाकुंड: यहाँ भगवान ब्रह्मा जी ने स्नान किया था।
- विष्णुकुंड: यहाँ भगवान विष्णु ने विवाह से पहले स्नान किया था।
- रुद्रकुंड: यहाँ सभी देवी-देवताओं ने स्नान किया था, विशेष रूप से शिव और शक्ति के विवाह से पहले।
Triyuginarayan Temple की स्थापना
Triyuginarayan Temple की स्थापना त्रेतायुग में आदि शंकराचार्य द्वारा की गई थी। पौराणिक कथाओं के अनुसार, इस स्थान पर भगवान विष्णु ने वामन रूप में अवतार लिया और राजा बलि का यज्ञ विफल कर दिया था।
Triyuginarayan Temple में शादी कैसे करें
- रजिस्ट्रेशन: शादी के लिए Triyuginarayan Temple में अपना रजिस्ट्रेशन कराएं।
- शादी की राशि: शादी के आयोजन के लिए ₹1100 की राशि जमा करें, जिससे हवन कुंड का इंतजाम हो सके।
- दस्तावेज़: वर और वधू दोनों का फोन नंबर और आधार कार्ड मंदिर समिति में रजिस्टर कराएं।
- शादी का आयोजन: शादी पूरे रीति-रिवाज के साथ Triyuginarayan Temple में संपन्न होती है।
एक आदर्श विवाह स्थल
आजकल, Triyuginarayan Temple एक प्रसिद्ध वेडिंग स्पॉट बन गया है। यहाँ लोग अपनी शादी करते हैं, यह विश्वास करते हुए कि उनका प्रेम शिव और शक्ति की तरह अमर रहेगा।
निष्कर्ष (Conclusion)
त्रियुगीनारायण मंदिर एक भव्य और चमत्कारी स्थल है, जो तीन युगों का प्रतीक है। यहाँ भगवान विष्णु ने स्वयं शिव और माँ शक्ति का दिव्य विवाह कराया था। मंदिर में जलता हुआ अग्निकुंड तीन युगों से जल रहा है, जो इसे एक अद्भुत और चमत्कारी स्थान बनाता है। यहाँ आने से श्रद्धालुओं को न केवल आध्यात्मिक शांति मिलती है, बल्कि यह स्थान वैवाहिक जीवन में सुख-शांति और संतान की प्राप्ति के लिए भी अत्यधिक महत्वपूर्ण है।
आजकल, त्रियुगीनारायण मंदिर एक आदर्श विवाह स्थल बन गया है, जहां लोग अपनी शादी करते हैं और विश्वास करते हैं कि उनका प्रेम शिव और पार्वती की तरह अमर रहेगा। इस मंदिर का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व बहुत अधिक है और यह आज भी श्रद्धालुओं के लिए एक दिव्य स्थल बना हुआ है।
Eknath Shinde :ऑटो रिक्शा चालक से मुख्यमंत्री तक का सफ़र, एकनाथ शिंदे के बारे में सब कुछ….
2 thoughts on “Triyuginarayan Temple: शिव-शक्ति का हुआ था जहा विवाह , तीन युगो से जल रहा है अखंड अगनिकुंड।”