![राजस्थान का अनोखा करणी माता मंदिर: सफेद चूहों से जुड़ी अनोखी मान्यताएं 1 360_F_36976562_XaC7brjN9XxWGspyCyWrfAGuYdPCJsPh](https://aarambhnews.com/wp-content/uploads/360_F_36976562_XaC7brjN9XxWGspyCyWrfAGuYdPCJsPh.jpg)
राजस्थान का बीकानेर कई ऐतिहासिक और चमत्कारिक स्थलों के लिए प्रसिद्ध है। इनमें से एक है करणी माता का मंदिर, जो अपनी रहस्यमयी मान्यताओं और सफेद चूहों की उपस्थिति के कारण विशेष आकर्षण का केंद्र है। यह मंदिर बीकानेर-जोधपुर हाईवे पर उदयरामसर गांव में स्थित है, जो बीकानेर से लगभग 13 किलोमीटर की दूरी पर है।
300 साल पुराना इतिहास
करणी माता का यह मंदिर लगभग 300 साल पुराना है। मंदिर के पुजारी परमेश्वर खंडेलवाल के अनुसार, जब उदयरामसर गांव की स्थापना हुई, तभी इस मंदिर का निर्माण भी किया गया। पहले यहां सिर्फ एक प्याऊ थी, लेकिन जमीन से करणी माता की मूर्ति प्रकट होने के बाद ग्रामीणों ने इसे पूजास्थल बना लिया।
सफेद चूहों का अनोखा चमत्कार
करीब 30 साल पहले इस मंदिर में पहली बार दो सफेद चूहे देखे गए। समय के साथ उनकी संख्या बढ़ती गई, और आज यहां हजारों सफेद चूहे (जिन्हें काबा कहा जाता है) रहते हैं। मंदिर में सफेद चूहों को बेहद शुभ माना जाता है।
शुभ संकेत और परंपराएं
- सफेद चूहे का महत्व: मंदिर में दर्शन के दौरान अगर किसी के पैर के नीचे सफेद चूहा आ जाए, तो उसे चांदी का चूहा मंदिर में चढ़ाना पड़ता है।
- मनोकामना पूर्ण होती है: ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर में की गई हर मनोकामना पूरी होती है।
- त्योहार और नवरात्रि: नवरात्रि और विशेष अवसरों पर यहां भारी संख्या में भक्त आते हैं।
मंदिर का निर्माण जारी
हालांकि यह मंदिर अभी पूरी तरह तैयार नहीं हुआ है। इसका निर्माण जनसहयोग से किया जा रहा है, और भक्त लगातार इसमें योगदान देते हैं।
देशनोक मंदिर जैसा महत्व
बीकानेर का यह मंदिर, देशनोक के प्रसिद्ध करणी माता मंदिर की तरह सफेद चूहों को शुभ मानता है। दोनों मंदिरों में सफेद चूहों की उपस्थिति को देवी का आशीर्वाद माना जाता है।
भक्तों की गहरी आस्था
यह मंदिर न केवल अपने इतिहास बल्कि अपनी अनोखी परंपराओं के कारण भक्तों की गहरी आस्था का केंद्र बना हुआ है। हर रोज यहां सैकड़ों लोग दर्शन के लिए आते हैं और अपनी मनोकामना पूरी होने की कामना करते हैं।