पंजाबी गायक और अभिनेता दिलजीत दोसांझ हाल ही में “Punjab Vs Panjab” विवाद में घिर गए हैं। इस विवाद की शुरुआत उनके चंडीगढ़ में आयोजित एक कंसर्ट के दौरान हुई, जब उन्होंने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में “Punjab” के स्थान पर “Panjab” का उपयोग किया। यह स्पेलिंग अक्सर पाकिस्तान में पंजाब क्षेत्र के संदर्भ में उपयोग की जाती है, जिससे भारतीय सोशल मीडिया पर व्यापक आलोचना शुरू हो गई।
विवाद की पृष्ठभूमि
दिलजीत दोसांझ ने जब इस स्पेलिंग का इस्तेमाल किया, तो इसे भारत के प्रति अनादर और अलगाववादी भावना से जोड़कर देखा गया। कई लोगों ने यह सवाल उठाया कि क्या यह महज एक टाइपिंग की गलती थी, या इसके पीछे कोई राजनीतिक मकसद छिपा था।
नेटिज़न्स ने इसे लेकर गहरी नाराजगी जताई, और इसे भारतीय पंजाब के बजाय पाकिस्तानी पंजाब का समर्थन करने वाला कदम करार दिया। इससे पहले भी दिलजीत के कुछ गानों और बयानों पर विवाद हो चुके हैं।
दिलजीत की प्रतिक्रिया
विवाद बढ़ने पर दिलजीत दोसांझ ने अपने एक्स (पूर्व में ट्विटर) हैंडल पर सफाई दी। उन्होंने कहा,
“Panjab को चाहे Punjab लिखें, यह हमेशा Panjab ही रहेगा। अगर भारत के झंडे का जिक्र किसी पोस्ट में नहीं हुआ, तो यह साजिश नहीं है।”
उन्होंने स्पष्ट किया कि उनका उद्देश्य कभी भी भारत या पंजाब को अलग-अलग दिखाने का नहीं रहा है। उन्होंने इस विवाद को उनके खिलाफ एक “साजिश” करार दिया।
गुरु रंधावा की टिप्पणी
इस विवाद के बीच, मशहूर गायक गुरु रंधावा ने भी एक क्रिप्टिक पोस्ट के जरिए अप्रत्यक्ष रूप से दिलजीत पर निशाना साधा। उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा,
“आइए, एकजुट हों और अपने देश का समर्थन करें। मेरी मिट्टी, मेरा देश, दुनिया का सबसे बेहतरीन देश है।”
यह टिप्पणी दिलजीत के पोस्ट के तुरंत बाद आई, जिसे कई लोगों ने उनके खिलाफ बयान के रूप में देखा।
स्पेलिंग विवाद: पंजारब बनाम पंजाब
“Punjab” और “Panjab” के बीच अंतर केवल एक स्पेलिंग का नहीं है, बल्कि ऐतिहासिक और सांस्कृतिक जड़ों से जुड़ा हुआ है। भारत में इसे “Punjab” कहा जाता है, जबकि पाकिस्तान में इसे “Panjab” लिखा और बोला जाता है।
पंजाब की यह स्पेलिंग भले ही दिलजीत के लिए एक साधारण गलती हो, लेकिन इसके संदर्भ और संवेदनशीलता के कारण इसे बड़ा मुद्दा बना दिया गया।
विवाद का असर
इस विवाद का दिलजीत के करियर पर क्या प्रभाव पड़ेगा, यह कहना मुश्किल है। हालांकि, उनके प्रशंसकों और आलोचकों के बीच तीखी बहस चल रही है।
वहीं, गुरु रंधावा जैसे कलाकारों का दिलजीत के खिलाफ बयान देना यह दिखाता है कि यह मुद्दा केवल सोशल मीडिया तक सीमित नहीं है, बल्कि पंजाबी संगीत और फिल्म इंडस्ट्री में भी चर्चा का विषय बन चुका है।
यह विवाद हमें याद दिलाता है कि आज के डिजिटल युग में, शब्दों का चयन कितना महत्वपूर्ण है। सार्वजनिक हस्तियों को अपने बयानों और पोस्ट्स को साझा करने से पहले उसकी व्याख्या और प्रभाव को ध्यान में रखना चाहिए।
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