सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के आधिकारिक आंकड़ों से शुक्रवार को पता चला कि चालू वित्त वर्ष 2024-25 की अप्रैल-जून तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था वास्तविक रूप से 6.7 प्रतिशत बढ़ी है. पिछले साल इसी तिमाही में भारत की वृद्धि दर 8.2 प्रतिशत थी.
पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही की 8.5 प्रतिशत की वृद्धि दर की तुलना में 2024-25 की अप्रैल-जून तिमाही में नाममात्र जीडीपी में 9.7 प्रतिशत की वृद्धि दर देखी गई है.
RBI ने 2024-25 के लिए 7.2% की जीडीपी दर का अनुमान लगाया है
भारतीय रिजर्व बैंक ने अपनी नवीनतम मौद्रिक नीति बैठक में 2024-25 के लिए सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है, जिसमें पहली तिमाही में 7.1 प्रतिशत, दूसरी तिमाही में 7.2 प्रतिशत, तीसरी तिमाही में 7.3 प्रतिशत और चौथी तिमाही में 7.2 प्रतिशत रहने की उम्मीद है.
वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान भारत की सकल घरेलू उत्पाद में 8.2 प्रतिशत की प्रभावशाली वृद्धि हुई थी, जो सबसे तेजी से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था रही है.
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 2022-23 में अर्थव्यवस्था में 7.2 प्रतिशत और 2021-22 में 8.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई. कई वैश्विक रेटिंग एजेंसियों और संगठनों ने भी भारत के लिए अपने विकास पूर्वानुमानों को संशोधित किया है.
आईएमएफ ने अनुमान को 6.8 से बढ़ाकर 7 प्रतिशत किया
जुलाई में, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने 2024 के लिए भारत के विकास अनुमानों को 6.8 प्रतिशत से बढ़ाकर 7 प्रतिशत कर दिया, जिससे उभरते बाजारों और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं के बीच देश की सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था के रूप में स्थिति मजबूत हुई. आईएमएफ ने पहले 2024 के लिए 6.5 प्रतिशत की वृद्धि दर का अनुमान लगाया था, जिसे संशोधित करके 6.8 प्रतिशत और अब 7 प्रतिशत कर दिया है. इसने अपने विकास अनुमानों के पीछे घरेलू मांग में मजबूती और मजबूती तथा कामकाजी उम्र की बढ़ती आबादी को जिम्मेदार ठहराया था.
संसद में पेश आर्थिक सर्वेक्षण में 7 प्रतिशत तक था अनुमान
पिछले महीने संसद में पेश किए गए आर्थिक सर्वेक्षण ने 2024-25 के लिए भारत की वास्तविक जीडीपी वृद्धि को ‘रूढ़िवादी’ तौर से 6.5-7 प्रतिशत अनुमानित किया गया था, यह स्वीकार करते हुए कि बाजार की अपेक्षाएं अधिक हैं.
विश्व बैंक ने भी चालू वित्त वर्ष 2024-25 के लिए भारत के जीडीपी विकास पूर्वानुमान को जनवरी में किए गए 6.4 प्रतिशत के अपने पहले के अनुमान से 20 आधार अंकों से बढ़ाकर 6.6 प्रतिशत कर दिया था. विश्व बैंक ने कहा कि भारत दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेजी से बढ़ने वाला देश बना रहेगा, हालांकि इसके विस्तार की गति धीमी होने की उम्मीद है.
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