
Indian politics controversy: अमित शाह पर फेंकी गई बिल की कॉपियां, कंगना रनौत का दावा – "पत्थर भी मारे गए"
Indian politics controversy: लोकसभा की कार्यवाही में बुधवार को उस समय जोरदार हंगामा हो गया जब सरकार ने एक अहम बिल पेश किया। यह बिल प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री जैसे पदों से दागी नेताओं को हटाने को लेकर लाया गया था। बिल पेश होने के साथ ही विपक्षी सांसदों ने जमकर विरोध किया। विरोध इतना बढ़ गया कि सांसदों ने गृहमंत्री अमित शाह पर विधेयक की कॉपी तक फेंक दी।
कंगना रनौत ने विपक्ष पर लगाए गंभीर आरोप
इस पूरे घटनाक्रम के बाद बीजेपी सांसद और अभिनेत्री कंगना रनौत ने बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि विपक्षी सांसदों ने सिर्फ बिल की कॉपी ही नहीं फेंकी बल्कि कुछ सांसद अपने साथ पत्थर भी लाए थे, जिन्हें उन्होंने अमित शाह की ओर फेंका। कंगना ने मीडिया से बातचीत में दावा किया,
“आज संसद में विपक्ष ने सारी हदें पार कर दीं। बिल की कॉपियां फाड़ी गईं और गृहमंत्री पर हमला किया गया। यहां तक कि पत्थर भी फेंके गए, जो अमित शाह जी के मुंह पर लगे।”
क्या हुआ संसद में?
जानकारी के मुताबिक, गृहमंत्री अमित शाह जब बिल पेश कर रहे थे, तभी विपक्षी सांसद उनके पास पहुंच गए। उन्होंने माइक हटाने की कोशिश की और जोरदार नारेबाजी शुरू कर दी। इस बीच कई सांसदों ने हाथ में मौजूद बिल की कॉपी फाड़कर शाह की तरफ उछाल दी। कंगना के दावे के मुताबिक, इसी दौरान कुछ पत्थर भी उनकी तरफ फेंके गए।
हंगामा बढ़ता देख लोकसभा की कार्यवाही को स्थगित करना पड़ा। यह घटना सदन की गरिमा पर सवाल खड़े करती है।
कंगना का बयान क्यों है चर्चा में?
कंगना रनौत राजनीति में आने के बाद से ही लगातार चर्चा में रहती हैं। बेबाक बयानों और तीखे आरोपों की वजह से वे हमेशा सुर्खियों में बनी रहती हैं। इस बार उन्होंने संसद के अंदर हुई घटना पर खुलकर कहा कि विपक्ष का यह व्यवहार लोकतंत्र के खिलाफ है।
“ये संसद है, यहां बहस और तर्क होना चाहिए, लेकिन विपक्ष हिंसा पर उतर आया। यह देश की छवि खराब करने वाला है।”
विपक्ष की तरफ से क्या कहा गया?
हालांकि अभी तक विपक्ष की तरफ से पत्थर फेंके जाने के आरोपों पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। विपक्ष का कहना है कि यह बिल लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ है और सरकार सत्ता के बल पर इसे जबरन पास कराना चाहती है।
सोशल मीडिया पर बवाल
घटना के बाद सोशल मीडिया पर भी जमकर प्रतिक्रियाएं सामने आईं। बीजेपी समर्थकों ने विपक्ष की हरकत को लोकतंत्र की मर्यादा का अपमान बताया। वहीं विपक्ष समर्थकों का कहना है कि सरकार जनता की आवाज दबा रही है। कंगना रनौत का “पत्थर फेंकने” वाला बयान भी सोशल मीडिया पर ट्रेंड करने लगा है।
लोकतंत्र की गरिमा पर सवाल
संसद देश की सबसे बड़ी संस्था है, जहां देश के महत्वपूर्ण फैसले लिए जाते हैं। ऐसे में वहां का माहौल गरिमामय और लोकतांत्रिक होना चाहिए। लेकिन जिस तरह का हंगामा और आरोप-प्रत्यारोप देखने को मिला, उसने लोकतंत्र की मर्यादा पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
कंगना रनौत के दावे ने इस घटना को और भी गंभीर बना दिया है। अगर सचमुच संसद में पत्थर फेंके गए, तो यह बेहद चौंकाने वाली और निंदनीय घटना है। अभी तक इन आरोपों की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन इतना तय है कि संसद में हुई यह घटना लंबे समय तक चर्चा में रहेगी। लोकतंत्र में विरोध और असहमति का अधिकार सभी को है, लेकिन यह विरोध हिंसा या मर्यादा तोड़कर नहीं होना चाहिए। संसद में हुई यह घटना हमें याद दिलाती है कि राजनीति में गरिमा और सम्मान बनाए रखना कितना जरूरी है।
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