मंगलवार और बुधवार को देशभर में एयरलाइन की 150 से अधिक उड़ानें अचानक रद्द हो गईं, जबकि पिछले दो दिनों में यह आंकड़ा 200 से भी ऊपर पहुंच चुका है।
भारत की सबसे बड़ी घरेलू एयरलाइन कंपनी Indigo airline इन दिनों बड़े परिचालन संकट से गुजर रही है। मंगलवार और बुधवार को देशभर में एयरलाइन की 150 से अधिक उड़ानें अचानक रद्द हो गईं, जबकि पिछले दो दिनों में यह आंकड़ा 200 से भी ऊपर पहुंच चुका है। Indigo airline ने इसके पीछे मुख्य वजह क्रू की कमी और नए नियामक नियमों के प्रभाव को बताया है। इसका परिणाम दिल्ली, बेंगलुरु, मुंबई सहित कई बड़े एयरपोर्ट्स पर हजारों यात्रियों को होने वाली परेशानी के रूप में सामने आया है।
कौन-कौन से शहर सबसे ज्यादा प्रभावित?
बुधवार को लोड सबसे ज्यादा बड़े शहरों में देखने को मिला। बेंगलुरु में 42 फ्लाइट्स, दिल्ली में 38, मुंबई से 33, हैदराबाद में 19, अहमदाबाद में 25, इंदौर में 11, कोलकाता में १० और सूरत में 8 उड़ानें रद्द हुईं।
इसके अलावा, कई उड़ानें घंटों की देरी से चलती रहीं, जिसके चलते यात्री लंबे इंतजार में फंसे दिखे। दिल्ली एयरपोर्ट पर गुरुवार सुबह यात्रियों की लंबी कतारें नजर आईं, जहां लोग पर्याप्त जानकारी के इंतजार में एयरलाइन कर्मचारियों से बहस करते भी दिखाई दिए।
Indigo airline ने क्या कहा?
इंडिगो की ओर से जारी बयान में कहा गया कि, “कुछ तकनीकी खराबियों, सर्दियों में शेड्यूल बदलाव, खराब मौसम, एयर ट्रैफिक सिस्टम में धीमे नेटवर्क और नए नियमों के तहत क्रू शेड्यूलिंग चुनौतियों ने हमारे संचालन को प्रभावित किया है।” कंपनी का कहना है कि इस स्थिति का पहले से अनुमान लगाना मुश्किल था।
DGCA ने मांगा जवाब
भारत के नागरिक उड्डयन नियामक DGCA ने Indigo airline से तत्काल जवाब तलब किया है। नियामक ने इंडिगो से मौजूदा संकट की वजहें, सुधार उपाय और संचालन स्थिरीकरण की योजना बताने को कहा है। DGCA के आंकड़ों के मुताबिक, नवंबर में इंडिगो की 1232 उड़ानें रद्द हुईं, जबकि मंगलवार को 1400 उड़ानें देरी से चलीं। नियामक मानता है कि स्थिति की मुख्य वजह क्रू की उपलब्धता की कमी है, जो पिछले महीने से लगातार बनी हुई है।
यात्रियों के लिए ज़रूरी सुझाव
एयरपोर्ट स्थितियों की अनिश्चितता को देखते हुए विशेषज्ञ और Indigo airline सूत्र यात्रियों को इन बातों पर ध्यान देने को कह रहे हैं:
अगले कुछ दिनों तक एयरपोर्ट जल्दी पहुंचे, क्योंकि मैनुअल चेक-इन, बैगेज ड्रॉप, और सिक्योरिटी चेक में 25–40 मिनट अतिरिक्त लग रहे हैं।
फ्लाइट स्टेटस बार-बार स्वयं चेक करें, क्योंकि कई मामलों में SMS/Email सूचना देर से पहुंच रही है या भेजी ही नहीं जा रही। कैंसिलेशन की स्थिति में यात्री फुल रिफंड और रीबुकिंग विकल्प ले सकते हैं। कुछ एयरलाइंस वाउचर्स भी ऑफर कर रही हैं। कनेक्टिंग यात्रियों को जोखिम ज्यादा है, इसलिए कस्टमर सपोर्ट से री-रूटिंग या वैकल्पिक उड़ानों की मांग रखें।
नए नियमों ने क्यों बढ़ाया संकट?
इस स्थिति का मूल कारण 1 नवंबर से लागू हुए DGCA के नए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) नियम हैं। इनका पहला चरण 1 जुलाई से लागू था, जबकि दूसरा चरण नवंबर से लागू हुआ और यहीं से स्थिति बिगड़ना शुरू हुई।
नियमों के अनुसार पायलट रोजाना अधिकतम 8 घंटे ही उड़ान भर सकते हैं, रात में लैंडिंग सीमा 6 से घटाकर 2 कर दी गई है, और क्रू को हर 24 घंटे में 10 घंटे आराम का समय देना अनिवार्य है।
इसी बदलाव ने इंडिगो के रोस्टरिंग सिस्टम पर दबाव बढ़ा दिया है। कंपनी के मुताबिक, नए नियमों के चलते कई रूट्स पर अचानक क्रू की भारी कमी पैदा हुई है।
एयरलाइन क्यों नहीं संभाल पाई बदलाव?
उद्योग विशेषज्ञों और एयरलाइन पायलट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (ALPA) ने एयरलाइन की तैयारी पर सवाल खड़े किए हैं।
ALPA के मुताबिक FDTL नियम मार्च 2024 से लागू होने थे, लेकिन एयरलाइंस ने समय रहते पर्याप्त भर्ती या तकनीकी सिस्टम अपग्रेड नहीं किया।
संघ का दावा है कि यह संकट एयरलाइंस की संसाधन प्रबंधन विफलता को उजागर करता है। यहाँ तक कि फ्लाइट कैंसिलेशन DGCA पर दबाव बनाने की रणनीति भी हो सकता है।
Indigo airline क्यों फोकस में है?
भारत में घरेलू उड़ानों का 60% हिस्सा Indigo airline के पास है। इसके पास 434 विमान, 2300+ दैनिक उड़ानें, 5456 पायलट, 10212 केबिन क्रू,
और 41,000 से ज्यादा कर्मचारी हैं। इतने बड़े नेटवर्क में किसी भी व्यवधान का असर सीधे देशभर पर पड़ता है।
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