Indore Contaminated Water Case: दूषित पानी से 150 से अधिक बीमार, 40 अस्पताल में भर्ती, 3 मौतों से हड़कंप
Indore contaminated water case: भागीरथपुरा में दूषित पानी से 150 से ज्यादा लोग बीमार, 40 अस्पताल में भर्ती और 3 मौतों से हड़कंप। जानिए पूरी खबर, सरकारी कार्रवाई और कारण।
मध्यप्रदेश के इंदौर शहर से एक गंभीर Public Health Crisis सामने आई है। शहर के भागीरथपुरा इलाके में Indore contaminated water case के कारण डेढ़ सौ से अधिक लोग बीमार पड़ गए हैं। उल्टी-दस्त और पेट दर्द जैसी शिकायतों के चलते 40 से ज्यादा मरीजों को अस्पतालों में भर्ती करना पड़ा है। इस बीच 3 लोगों की मौत की खबरों ने पूरे इलाके में दहशत फैला दी है।
हालात की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री Mohan Yadav ने सभी प्रभावित मरीजों का इलाज सरकारी और निजी अस्पतालों में पूरी तरह मुफ्त करने के निर्देश दिए हैं।
भागीरथपुरा में कैसे फैला दूषित पानी का संकट
भागीरथपुरा क्षेत्र के लोगों के अनुसार, पिछले करीब एक हफ्ते से नलों में गंदे और बदबूदार पानी की आपूर्ति हो रही थी। शुरू में लोगों ने इसे सामान्य तकनीकी समस्या समझकर नजरअंदाज किया, लेकिन कुछ ही दिनों में इसके गंभीर परिणाम सामने आने लगे।
शनिवार से इलाके में बड़ी संख्या में लोगों को:
- पेट दर्द
- उल्टी
- दस्त
- कमजोरी और बुखार
जैसी समस्याएं होने लगीं। देखते ही देखते मरीजों की संख्या बढ़ती चली गई और सोमवार तक हालात इतने बिगड़ गए कि लोगों को शहर के 7 से 8 अस्पतालों में भर्ती कराना पड़ा।
40 से ज्यादा मरीज अस्पतालों में भर्ती
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, दूषित पानी से प्रभावित करीब 40 से अधिक मरीज फिलहाल विभिन्न सरकारी और निजी अस्पतालों में भर्ती हैं। डॉक्टरों की टीम लगातार उनकी निगरानी कर रही है।
अस्पतालों में भर्ती मरीजों को:
- IV Fluids
- Antibiotics
- ORS और जरूरी दवाइयां
दी जा रही हैं, ताकि dehydration और संक्रमण को नियंत्रित किया जा सके।
3 मौतों से बढ़ी चिंता, कारणों पर अलग-अलग दावे
इस घटना में 3 लोगों की मौत की खबरों ने प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को और सतर्क कर दिया है।
भागीरथपुरा निवासी एक महिला की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई, जबकि दो अन्य लोगों की तबीयत अचानक बिगड़ने के बाद जान चली गई।
हालांकि, CMHO (Chief Medical and Health Officer) ने स्पष्ट किया है कि फिलहाल दो मौतों की ही आधिकारिक पुष्टि हुई है और सभी मामलों में बीमारी के सटीक कारणों की जांच जारी है।
स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि मौतों के पीछे अलग-अलग मेडिकल कारण भी हो सकते हैं, लेकिन दूषित पानी से बीमारी की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता।
CMHO का बयान: दूषित पानी से बीमारी की आशंका
इंदौर के CMHO Dr. Madhav Hasani ने बताया कि भागीरथपुरा क्षेत्र में एहतियातन बड़े पैमाने पर स्वास्थ्य अभियान चलाया जा रहा है।
उनके अनुसार:
- लगभग 1100 घरों में ORS, chlorine tablets और zinc tablets वितरित की जा चुकी हैं
- 25 डॉक्टरों की टीम इलाके में तैनात की गई है
- घर-घर जाकर मरीजों की screening की जा रही है
CMHO ने माना कि मरीजों की बीमारी का प्रमुख कारण contaminated water हो सकता है, हालांकि अंतिम पुष्टि जांच रिपोर्ट आने के बाद ही होगी।
सरकार और प्रशासन की त्वरित कार्रवाई
स्थिति बिगड़ने के बाद नगरीय प्रशासन मंत्री Kailash Vijayvargiya ने स्वयं अस्पतालों का दौरा कर मरीजों का हालचाल जाना।
यह इलाका उन्हीं की विधानसभा क्षेत्र में आता है, इसलिए प्रशासन ने तुरंत एक्शन लिया।
सरकार द्वारा लिए गए प्रमुख फैसले:
- सभी मरीजों का Free Treatment
- दूषित जल आपूर्ति पर रोक
- पानी के samples laboratory testing के लिए भेजे गए
- वैकल्पिक रूप से boring water supply शुरू करने के निर्देश
मुख्यमंत्री ने साफ कहा है कि नागरिकों की सेहत से कोई समझौता नहीं किया जाएगा।
दूषित पानी का कारण क्या हो सकता है?
प्रारंभिक जांच में आशंका जताई जा रही है कि:
- Water pipeline leakage
- नाली या sewage लाइन से पानी का मिलना
- पुरानी और जर्जर पाइपलाइन
इस घटना के पीछे कारण हो सकते हैं।
मंत्री विजयवर्गीय ने भी कहा कि लाइन में लीकेज की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता और इसकी तकनीकी जांच कराई जा रही है।
इलाके में दहशत, लोग डरे हुए
भागीरथपुरा में रहने वाले लोगों का कहना है कि:
- कई मरीज घरों में ही इलाज करा रहे हैं
- लोग नल का पानी पीने से डर रहे हैं
- bottled और filtered water की मांग अचानक बढ़ गई है
स्कूल जाने वाले बच्चों और बुजुर्गों को लेकर परिवार खासतौर पर चिंतित हैं।
Health Experts की सलाह
स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने लोगों को सलाह दी है कि:
- सिर्फ boiled या filtered water ही पिएं
- पानी में गंध या रंग दिखे तो इस्तेमाल न करें
- उल्टी-दस्त की शिकायत होते ही तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें
- हाथों की सफाई और hygiene का ध्यान रखें
समय पर इलाज से गंभीर स्थिति से बचा जा सकता है।
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