Middle-East Crisis: ईरान का इजराइल पर हमला, दक्षिण लेबनॉन में इसरायली सैनिक शहीद
Middle-East Crisis के और भी व्यापक रूप से फैलने के आसार तब और भी पुख्ता हो गए जब ईरान ने इजराइल के ऊपर बैलिस्टिक मिसाइल्स बरसा दी। दूसरी तरफ दक्षिणी लेबनान में बुधवार को संघर्ष के दौरान आठ इज़राइली सैनिकों की मौत हो गई। यह इज़राइली सेना और हिज़्बुल्लाह के बीच इस साल का सबसे घातक दिन साबित हुआ। यह घटना तब सामने आई जब इज़राइल ने दक्षिणी लेबनान में एक ज़मीनी हमला शुरू किया, जिससे उत्तरी मोर्चे पर तनाव और बढ़ गया। हिज़्बुल्लाह, जो ईरान समर्थित लेबनानी आतंकवादी समूह है, के साथ इज़राइली रक्षा बलों (IDF) की सीधी लड़ाई हो रही है।
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Toggleशहीद सैनिक और बढ़ता हुआ मानव नुकसान
इज़राइली रक्षा बल (IDF) ने उन आठ सैनिकों के नाम जारी किए जो संघर्ष के दौरान शहीद हुए: कप्तान एतान इट्ज़हाक ओस्टर, कप्तान हरेल एटिंगर, कप्तान इताई एरियल गियात, सार्जेंट फर्स्ट क्लास नोआम बार्जिलाय, सार्जेंट फर्स्ट क्लास ओर मांत्ज़ुर, सार्जेंट फर्स्ट क्लास नाज़ार इत्किन, स्टाफ सार्जेंट अल्मकेन तेरफे और स्टाफ सार्जेंट इडो ब्रॉयेर। ये सैनिक हिज़्बुल्लाह के आतंकवादियों के साथ दक्षिणी लेबनान में संघर्ष कर रहे थे, जब उनकी जान चली गई।
ये मौतें तब हुईं जब इज़राइली सेना और हिज़्बुल्लाह के आतंकवादियों के बीच उग्र लड़ाई छिड़ी हुई थी। दोनों पक्ष करीबी मुठभेड़ों में उलझे हुए थे, और इस साल पहली बार इज़राइली सैनिकों ने लेबनान की सीमा पार की, जिससे यह संघर्ष और भी गंभीर हो गया।
Middle-East Crisis: हिज़्बुल्लाह का जवाबी हमला
हिज़्बुल्लाह, जिसे मध्य पूर्व के सबसे शक्तिशाली गैर-राज्य सैन्य समूहों में से एक माना जाता है, ने दावा किया कि उसने बुधवार की लड़ाई के दौरान तीन इज़राइली मर्कवा टैंकों को नष्ट कर दिया। हिज़्बुल्लाह के अनुसार, ये टैंक मारौन अल-रास गांव की ओर बढ़ रहे थे, जो इज़राइल-लेबनान सीमा के पास स्थित है। हालांकि इज़राइली सैन्य सूत्रों ने टैंकों के नुकसान की पुष्टि नहीं की, लेकिन उन्होंने कहा कि उनके जमीनी बलों ने हवाई हमलों की मदद से करीबी मुठभेड़ों में हिज़्बुल्लाह के लड़ाकों को मार गिराया।
Middle-East Crisis में वृद्धि: Iran Attack on Israel
South Lebanon Ground Offensive के बढ़ने के साथ ही इस बात की आशंका बढ़ रही है कि ईरान, जो हिज़्बुल्लाह और ग़ज़ा में सक्रिय हमास का समर्थन करता है, सीधे तौर पर इस संघर्ष में शामिल हो सकता है। यह डर तब और बढ़ गया जब मंगलवार रात को Iran Attack on Israel हुआ जिसमे ईरान इजराइल के ऊपर बैलिस्टिक मिसाइल बरसाई।
ईरान का दावा है की उन मिसाइल्स का टारगेट इजराइल के सैन्य अड्डे थे। हालांकि अधिकतर मिसाइल इजराइल और उसके सहयोगियों के द्वारा हवा में ही ख़त्म कर दी गयी। Iran Attack on Israel किसी आश्चर्य के रूप में नहीं आया। अमेरिका ने पहले ही इस्राइल के समर्थन में सैन्य सहायता भेज दी है, जिससे इस क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय हस्तक्षेप का खतरा बढ़ गया है। इस हमले के बाद इज़राइल के प्रधान मंत्री ने कहा की ईरान इस पर पछतायेगा। साथ ही इजराइल ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि जब तक हिज़्बुल्लाह इज़राइल पर रॉकेट दागना बंद नहीं करता और शांति स्थापित नहीं होती, तब तक उसकी सैन्य कार्रवाई जारी रहेगी।
South Lebanon में Ground Offensive
इज़राइल के South Lebanon Ground Offensive ने संघर्ष को एक निर्णायक मोड़ पर पहुंचा दिया। इज़राइली सैनिकों ने हिज़्बुल्लाह के सैन्य ढांचे को ध्वस्त करने के उद्देश्य से लेबनान की सीमा पार कर ली है। इज़राइली सेना के 36वें डिवीजन सहित कई इकाइयां इस क्षेत्र में सक्रिय हैं और हिज़्बुल्लाह के लड़ाकों के साथ जमीनी लड़ाई में लगी हुई हैं।
इज़राइली सेना ने पुष्टि की कि हिज़्बुल्लाह के लड़ाकों ने लेबनानी गांव मारौन अल-रास में इज़राइली सैनिकों से मुकाबला किया, जो कि इज़राइली गांव अवीविम से लगभग एक मील की दूरी पर स्थित है। हिज़्बुल्लाह ने यह भी दावा किया कि उसने अवीविम पर रॉकेट से हमला किया। इसके जवाब में, इज़राइली बलों ने दक्षिणी लेबनान के 20 से अधिक गांवों और कस्बों को खाली करने का आह्वान किया, स्थानीय निवासियों को संघर्ष क्षेत्र छोड़ने की सलाह दी गई।
अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रियाएं
संयुक्त राष्ट्र ने भी इस संघर्ष पर चिंता जताई है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने Iran Attack on Israel की निंदा की और तत्काल संघर्ष विराम का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि ऐसे हमले न तो फिलिस्तीनी उद्देश्य को आगे बढ़ाते हैं और न ही उनके कष्टों को कम करते हैं।
ईरान में भी इस संघर्ष को लेकर राजनीतिक गतिविधियां तेज हो गई हैं। हिज़्बुल्लाह के नेता हसन नसरल्लाह की मौत के बाद, ईरान ने तेहरान में सार्वजनिक शोक सभा का आयोजन करने की योजना बनाई है, जिसमें सुप्रीम लीडर अयातुल्लाह अली खामेनेई भी शामिल होंगे। इस सभा में ईरान की रणनीतिक कार्रवाइयों और क्षेत्रीय संघर्ष पर चर्चा की जाएगी।
बड़े युद्ध का खतरा
अंतर्राष्ट्रीय ताकतों के इस संघर्ष में शामिल होने से व्यापक युद्ध का खतरा बढ़ गया है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इज़राइल के अधिकारियों से लगातार संपर्क बनाए रखा है और ईरान के खिलाफ संभावित प्रतिशोध की योजना पर चर्चा की है। अमेरिका ने इस क्षेत्र में अतिरिक्त सैन्य सहायता भेजी है, जो इज़राइल के प्रति समर्थन का संकेत है।
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