
क्या गोमूत्र स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है?
आईआईटी मद्रास के डायरेक्टर वी. कामकोटि द्वारा हाल ही में गोमूत्र के स्वास्थ्य लाभों पर दिए गए बयान ने एक नई बहस को जन्म दे दिया है। उन्होंने 15 जनवरी 2025 को एक कार्यक्रम के दौरान दावा किया कि गोमूत्र में एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल गुण होते हैं, जो पाचन समस्याओं के समाधान में सहायक हो सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि यह इरिटेबल बाउल सिंड्रोम (IBS) जैसी समस्याओं के इलाज में मददगार साबित हो सकता है।
बयान पर प्रतिक्रियाएं
वी. कामकोटि के इस बयान ने सोशल मीडिया और वैज्ञानिक जगत में मिली-जुली प्रतिक्रियाएं उत्पन्न की हैं। कुछ लोगों ने इसे बिना आधार के दावा बताते हुए फेक साइंस करार दिया, जबकि कुछ पारंपरिक चिकित्सा समर्थकों ने उनका समर्थन किया।
गोमूत्र पर विशेषज्ञों की राय
- समर्थकों का दृष्टिकोण: पारंपरिक चिकित्सा विशेषज्ञों का मानना है कि गोमूत्र में औषधीय गुण हो सकते हैं, जो प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने और पाचन तंत्र को बेहतर बनाने में सहायक हैं।
- आलोचक क्या कहते हैं: आधुनिक चिकित्सा विशेषज्ञों का तर्क है कि गोमूत्र के स्वास्थ्य लाभों को सिद्ध करने के लिए पर्याप्त वैज्ञानिक प्रमाण मौजूद नहीं हैं।
वैज्ञानिक अनुसंधान की कमी
हालांकि कुछ छोटे शोध गोमूत्र के संभावित लाभों पर किए गए हैं, लेकिन इनका दायरा सीमित है और वे व्यापक चिकित्सा समुदाय में स्वीकार्य नहीं हैं। इसके चलते इसे मुख्यधारा की चिकित्सा पद्धति में शामिल करने पर संदेह बना हुआ है।
क्या कहता है स्वास्थ्य मंत्रालय?
अब तक इस मामले में स्वास्थ्य मंत्रालय की कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि किसी भी वैकल्पिक चिकित्सा उपाय को अपनाने से पहले चिकित्सा परामर्श लेना आवश्यक है।
गोमूत्र से जुड़े दावों पर विवाद नया नहीं है, लेकिन आईआईटी मद्रास के प्रमुख जैसे प्रतिष्ठित व्यक्ति द्वारा इस विषय पर बात किए जाने से यह मुद्दा फिर सुर्खियों में आ गया है। इस विषय पर वैज्ञानिक शोध की आवश्यकता है ताकि इन दावों की सच्चाई सामने आ सके।
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