
Jabalpur Acid Attack Case: खूबसूरत थी श्रद्धा, इसलिए फेंका तेजाब – जबलपुर एसिड अटैक का चौंकाने वाला सच
Jabalpur Acid Attack Case: मध्य प्रदेश के जबलपुर में एक ऐसा तेजाब हमला हुआ जिसने पूरे शहर को हिला कर रख दिया। इस घटना में एक बीबीए की छात्रा श्रद्धा दास पर तेजाब फेंका गया। लेकिन सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इस हमले को किसी अनजान दुश्मन ने नहीं, बल्कि उसकी बचपन की दोस्त इशिता साहू ने अंजाम दिलवाया।
पुलिस पूछताछ में इशिता ने जो वजह बताई, वह हैरान कर देने वाली है – इशिता ने कहा कि श्रद्धा बहुत खूबसूरत थी, इसलिए वह उसका चेहरा बिगाड़ना चाहती थी। इस घटना ने एक बार फिर यह दिखा दिया कि ईर्ष्या, नफरत और मानसिक जहर किस हद तक किसी को क्रूर बना सकता है।
क्या है पूरा मामला?
यह मामला जबलपुर के गौरीघाट क्षेत्र की अवधपुरी कॉलोनी का है। श्रद्धा दास और इशिता साहू बचपन की दोस्त थीं। दोनों एक ही इलाके में रहती थीं और साथ पढ़ती थीं। लेकिन इशिता के मन में धीरे-धीरे श्रद्धा के लिए नफरत भरती चली गई।
श्रद्धा पढ़ाई में तेज थी, दिखने में सुंदर थी, और उसके दोस्त भी ज्यादा थे। इशिता को लगने लगा कि सब लोग श्रद्धा को पसंद करते हैं और उसकी तुलना में वह पीछे है। इसी जलन और मानसिक तनाव ने इशिता को एक खतरनाक रास्ते पर ले गया।
साजिश की शुरुआत
पुलिस के अनुसार, इशिता ने सात दिन पहले ही हमले की योजना बनानी शुरू कर दी थी। उसने इंटरनेट पर सर्च किया कि चेहरे पर कैसे तेजाब से हमला किया जाए ताकि चेहरा पूरी तरह जल जाए। फिर उसने सल्फ्यूरिक एसिड की तलाश शुरू की।
इशिता ने कॉलेज का फर्जी लेटर बनाकर एक कैमिकल की दुकान पर एसिड खरीदने की कोशिश की। दुकानदार ने जब मना किया, तो इशिता ने अपने दोस्त अंश गुप्ता को प्लान में शामिल किया। अंश इंजीनियरिंग छात्र है और इशिता का सहपाठी भी है।
कैसे मिला एसिड?
इशिता ने अंश से कहा कि वह प्रोफेसर बनकर दुकानदार को फोन करे। अंश ने खुद को कॉलेज का प्रोफेसर पंकज गुप्ता बताकर कैमिकल की दुकान के मालिक से बात की और कहा कि एसिड प्रोजेक्ट के लिए चाहिए। बाद में खुद दुकानदार ने कॉल किया तो अंश ने दोबारा प्रोफेसर बनकर बात की।
इस झूठी बातचीत के आधार पर दुकानदार ने अंश को 500 मिली सल्फ्यूरिक एसिड दे दिया। यही एसिड श्रद्धा पर फेंका गया।
हमला और गिरफ्तारी
रविवार रात को श्रद्धा अपने घर लौट रही थी, तभी उस पर तेजाब फेंका गया। वह बुरी तरह झुलस गई और उसे गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती करवाया गया। पुलिस जांच में सीसीटीवी, कॉल रिकॉर्ड और सोशल मीडिया चैट्स के जरिए इशिता और अंश तक पहुंची।
दोनों को गिरफ्तार किया गया और मंगलवार को अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया।
इशिता का कबूलनामा
पुलिस पूछताछ में इशिता ने अपना जुर्म कबूल कर लिया। उसने कहा कि वह श्रद्धा से जलती थी। उसे लगता था कि श्रद्धा खूबसूरत है, सबकी पसंद है और सब उसे ज्यादा तवज्जो देते हैं। इसलिए वह चाहती थी कि श्रद्धा का चेहरा ऐसा हो जाए कि कोई उसे देखना भी न चाहे।
उसने यह भी कहा कि पहले एक बार उसका एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसके लिए उसने श्रद्धा को जिम्मेदार माना। तभी से उसके मन में गुस्सा और बदला लेने की भावना बैठ गई।
परिवार की भूमिका:
जांच में यह भी सामने आया है कि इशिता का स्वभाव काफी आक्रामक रहा है। कई बार उसकी मां और पिता ने थाने में उसके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। खुद इशिता ने भी अपने माता-पिता की शिकायत की थी। परिवार में तनाव पहले से था, लेकिन किसी ने कल्पना भी नहीं की थी कि वह इतनी खतरनाक हरकत कर डालेगी।
कानून और समाज के लिए चेतावनी
इस मामले ने कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या हमारे समाज में जलन और ईर्ष्या इतनी गहरी हो चुकी है कि बचपन की दोस्ती भी अपराध में बदल जाए? क्या सोशल मीडिया और तुलना की दुनिया ने युवा मानसिकता को बिगाड़ दिया है?
सरकार को चाहिए कि तेजाब की बिक्री पर और कड़ा नियंत्रण लगाया जाए। साथ ही, स्कूल-कॉलेजों में मानसिक स्वास्थ्य, सहनशीलता और भावनात्मक समझदारी की शिक्षा दी जाए।
श्रद्धा की हालत और समर्थन:
तेजाब हमले के बाद श्रद्धा की हालत गंभीर बनी हुई है। डॉक्टरों की टीम उसकी सर्जरी और इलाज में जुटी है। समाजसेवी और स्थानीय लोग उसके इलाज के लिए आर्थिक और मानसिक सहयोग दे रहे हैं। सोशल मीडिया पर लोग उसके लिए न्याय की मांग कर रहे हैं और सरकार से कड़ी सज़ा की मांग कर रहे हैं।
जबलपुर एसिड अटैक सिर्फ एक आपराधिक घटना नहीं, बल्कि एक समाजिक चेतावनी है। यह दिखाता है कि आज की युवा पीढ़ी को मानसिक रूप से मज़बूत बनाने की कितनी ज़रूरत है। इशिता का यह अपराध केवल कानून का नहीं, इंसानियत का भी अपमान है। जरूरत है कि हम अपने बच्चों को सिर्फ पढ़ाई ही नहीं, बल्कि भावनाओं, संबंधों और सहनशीलता का पाठ भी पढ़ाएं, ताकि वे ईर्ष्या से नहीं, अच्छाई से जीतने की कोशिश करें।
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