आयुर्वेद में तो गुड़ को “नेचुरल क्लेंजर” और “हीट जनरेटिंग फूड” माना गया है।
Jaggery in winter: सर्दियों का मौसम आते ही भारतीय रसोई में गुड़ की खुशबू बढ़ जाती है। रोटी पर गुड़, चाय में गुड़, रेवड़ी, गजक, हलवा ठंड के दिनों में इसकी लोकप्रियता कई गुना बढ़ जाती है। आयुर्वेद में तो गुड़ को “नेचुरल क्लेंजर” और “हीट जनरेटिंग फूड” माना गया है। लेकिन क्या गुड़ हर किसी के लिए फायदेमंद है? विशेषज्ञों के मुताबिक, इसके कई लाभ होने के बावजूद डायबिटीज़ और मोटापे से जूझ रहे लोगों के लिए इसकी सीमित मात्रा बेहद जरूरी है।
Jaggery in winter: यहाँ जानिए सर्दियों में गुड़ खाने के 11 वैज्ञानिक और आयुर्वेदिक फायदे, साथ ही डॉक्टरों की राय। कितना गुड़ सुरक्षित है और किसे इसे बिल्कुल नहीं खाना चाहिए।
1. शरीर को प्राकृतिक गर्मी देता है
गुड़ थर्मोजेनिक फूड माना जाता है। यानी यह शरीर के तापमान को बढ़ाने में मदद करता है। इसलिए सर्दियों में इसे खाने से ठंड कम महसूस होती है और प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।
2. इम्युनिटी को मजबूत बनाता है
गुड़ में जिंक, सेलेनियम और एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं, जो शरीर में संक्रमण से लड़ने वाली कोशिकाओं को मजबूत बनाते हैं। यही कारण है कि सर्दियों में जुकाम-खांसी से लड़ने में यह सहायक होता है।
3. पाचन को बेहतर करता है
गुड़ खाने के बाद अक्सर पेट हल्का महसूस होता है। यह पाचक रसों को सक्रिय करता है, जिससे गैस, कब्ज और अपच में राहत मिलती है। आयुर्वेद में भोजन के बाद थोड़ा गुड़ खाना पाचन के लिए अच्छा बताया गया है।
4. खून को साफ करता है
गुड़ में मौजूद खनिज शरीर से विषाक्त पदार्थ (टॉक्सिन) निकालने में मदद करते हैं। इसे नेचुरल ब्लड प्यूरीफायर भी कहा जाता है।
5. एनीमिया में मददगार
गुड़ आयरन का बेहतरीन स्रोत है। नियमित सेवन से शरीर में हीमोग्लोबिन का स्तर बेहतर हो सकता है। महिलाओं के लिए सर्दियों में यह खासतौर पर फायदेमंद माना जाता है।
6. त्वचा में ग्लो लाता है
ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होने के कारण गुड़ त्वचा में प्राकृतिक निखार लाने में मदद करता है। इसके एंटीऑक्सीडेंट त्वचा को डिटॉक्स करते हैं।
7. फेफड़ों की सफाई में मदद
ठंडी हवा में खांसी और कफ की समस्या बढ़ जाती है। गुड़ बलगम को ढीला करने में मदद करता है, जिससे सांस लेने में राहत मिलती है।
8. वजन नियंत्रित रखने में मदद
अगर भोजन के बाद थोड़ी मात्रा में गुड़ खाया जाए तो यह मीठा खाने की क्रेविंग कम कर सकता है। इससे वजन बढ़ने का खतरा कम होता है। लेकिन इसका फायदा तभी है जब सेवन बहुत सीमित हो।
9. ऊर्जा का प्राकृतिक स्रोत
गुड़ धीरे-धीरे टूटकर ऊर्जा देता है। यह चीनी की तरह तुरंत ब्लड शुगर नहीं बढ़ाता, इसलिए सामान्य लोगों के लिए यह एक बेहतर विकल्प माना जाता है।
10. हड्डियों को मजबूत बनाने में सहायक
गुड़ में कैल्शियम, मैग्नीशियम और फॉस्फोरस पाए जाते हैं जो हड्डियों और मांसपेशियों के लिए फायदेमंद हैं।
11. माइग्रेन और थकान में राहत
कुछ आयुर्वेदिक विशेषज्ञ गुड़ को माइग्रेन और सिरदर्द में भी उपयोगी मानते हैं, क्योंकि यह ब्लड सर्कुलेशन बेहतर करता है और शरीर में ऊर्जा स्तर बनाए रखता है।
Jaggery in winter: डायबिटीज़ और ओबीज लोग गुड़ क्यों न खाएं?
डॉक्टरों की चेतावनी है की गुड़ जितना प्राकृतिक है, उतना ही मीठा भी। इसमें सुक्रोज की मात्रा 60–85% तक होती है। यही कारण है कि डॉक्टर डायबिटीज़ और मोटापे से जूझ रहे लोगों को इससे दूर रहने की सलाह देते हैं।
Jaggery in winter: डायबिटिक मरीजों पर असर
गुड़ भी ब्लड शुगर बढ़ाता है, बस थोड़ी धीमी गति से। डायबिटिक मरीज इसे खाने के बाद अचानक शुगर स्पाइक देख सकते हैं।शरीर इसे शुद्ध चीनी की तरह ही प्रोसेस करता है। ओबीज (मोटापे) से जूझ रहे लोग भी इसे खाने से बचे क्योकि गुड़ में कैलोरी बहुत होती है। ज्यादा सेवन वजन तेजी से बढ़ा सकता है। ओबीज व्यक्तियों में इंसुलिन रेजिस्टेंस भी बढ़ने की आशंका रहती है।
Jaggery in winter: डॉक्टर से जानें कितनी मात्रा है सुरक्षित?
पोषण विशेषज्ञों और डॉक्टरों के अनुसार सामान्य स्वस्थ व्यक्तियों के लिए 10–15 ग्राम (1–1.5 चम्मच) गुड़ प्रतिदिन पर्याप्त है। इसे भोजन के बाद या सुबह गुनगुने पानी के साथ लिया जा सकता है।
Jaggery in winter: जिन्हें गुड़ नहीं खाना चाहिए
डायबिटिक मरीज
अत्यधिक ओबीज व्यक्ति
फैटी लिवर वाले
इंसुलिन रेजिस्टेंस वाले
अल्सर या पाचन-संबंधी गंभीर समस्या वाले।
इन लोगों को डॉक्टर की सलाह के बिना गुड़ नहीं खाना चाहिए।
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