
भारत के विदेश मंत्री एस Jaishankar फिलहाल ब्रिटेन दौरे पर है। वे 5 मार्च को ब्रिटेन के चैथम हाउस थिंक टैंक के एक कार्यक्रम में शिरकत हुए। इस दौरान उनसे एक पत्रकार ने पूछा कि क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कश्मीर मुद्दे का हल निकालने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ उनके रिश्तों का इस्तेमाल करेंगे? इस पर जयशंकर में जवाब दिया कि -पाकिस्तान का मुद्दा तभी खत्म होगा जब POK हमें लौटा दिया जाएगा।
POK को खाली करने मात्र से ही यह मुद्दा हल हो जाएगा।
Jaishankar बोले-हमने कश्मीर के ज्यादातर मुद्दे को हल कर लिया
कश्मीर मुद्दे पर सवाल पूछने पर एस Jaishankar ने पत्रकार को जवाब देते हुए कहा कि- हमने कश्मीर के ज्यादातर मुद्दों को हल कर दिया है। कश्मीर मुद्दे को हल करने में पहला और महत्वपूर्ण कदम था अनुच्छेद 370 को हटाना। उसके बाद दूसरा कदम कश्मीर में आर्थिक गतिविधियों और सामाजिक सुविधाओं को दोबारा बहाल करना और तीसरा मुख्य कदम था कश्मीर में चुनाव करवाना, जिसमें भारी मात्रा में वोटिंग भी हुई।
जयशंकर ने आगे कहा कि -मुझे ऐसा लगता है कि जिस हिस्से का हम इंतजार कर रहे हैं, वह उस हिस्से की वापसी है जिसे चोरी छुपे पाकिस्तान ने अपने कब्जे में कर लिया था। जब POK वापस हमें मिल जाएगा तो मैं आपको यकीन दिलाता हूं कि कश्मीर का मुद्दा हल हो जाएगा।
चीन के रिश्ते पर क्या बोले Jaishankar
जब एस Jaishankar से पत्रकार ने सवाल किया कि भारत चीन के साथ कैसा रिश्ता चाहता है? इस पर उन्होंने जवाब दिया कि भारत और चीन का एक अनोखा रिश्ता है। हम दोनों ही देश दुनिया के ऐसे दो देश हैं जिनकी आबादी एक अरब से ज्यादा है। हम दोनों का इतिहास भी बहुत पुराना है जिसमें समय-समय पर उतार-चढ़ाव देखने को मिले हैं। आज दोनों ही देश प्रगति की ओर है और एक दूसरे के हम पड़ोसी भी हैं।
चैलेंजिंग बात यह होती है कि जैसे ही कोई देश प्रगति करता है दुनिया के साथ और पड़ोसियों के साथ उसका संतुलन बदलता जाता है। अहम बात यह है कि कैसे एक स्थिर संतुलन स्थापित किया जाए। हमें एक ऐसा रिश्ता चाहते हैं जिसमें हमारे फैसलों का और हमारे हितों का सम्मान किया जाए।
भारत के लिए सीमा एक अहम पहलू
Jaishankar प्रसाद ने चीन के साथ भारत के रिश्ते को लेकर कहां की -“एक दूसरे के साथ एक स्थिर संतुलन बनाए रखना ही हमारी सबसे बड़ी चुनौती है। साथ ही भारत के लिए सीमा भी एक अहम पहलू है। पिछले 40 वर्षों में यही धारणा रही है की सीमा पर शांति बनाए रखने से रिश्तो में शांति और स्थिरता आएगी। यदि सीमा पर थोड़ी खटपट है और अशांति फैली है तो जाहिर है कि हमारे संबंधों में भी खटास आ सकती है।”
ब्रिटिश विदेश मंत्री से मिले Jaishankar
एस जयशंकर ने ब्रिटिश विदेश मंत्री से भी मुलाकात की और दोनों ही विदेश मंत्रियों ने भारत और ब्रिटेन के संबंधों पर अहम चर्चा की। इस महत्वपूर्ण चर्चा में यूक्रेन, बांग्लादेश, पश्चिमी एशिया तथा राष्ट्रमंडल समेत व्यापार और रणनीतिक समझौते पर भी जोर दिया गया। दोनों ही देशों के विदेश मंत्री कि ये बैठक इंग्लैंड के कैंट में स्थित शेवेनिग़ हाउस में हुई। इस दौरान दोनों ही विदेश मंत्रियों की पत्निया भी उनके साथ उपस्थित थे।