
JEE Main 2025
कश्मीर के छोटे से गांव राशनपोरा में रहने वाले साहिल अहमद ने अपनी मेहनत और लगन से JEE Main 2025 में 99.229 पर्सेंटाइल हासिल कर बड़ी सफलता प्राप्त की है। कठिन परिस्थितियों और सीमित संसाधनों के बावजूद उन्होंने यह साबित कर दिया कि सच्ची मेहनत से कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। साहिल के पिता मजदूरी करते हैं और उनके परिवार की आर्थिक स्थिति बेहद कमजोर है, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने अपने बेटे की पढ़ाई में कोई बाधा नहीं आने दी।
सरकारी स्कूल से पढ़ाई, खुद की तैयारी
साहिल की प्रारंभिक शिक्षा उनके गांव के एक सरकारी स्कूल में हुई। यहां से उन्होंने 12वीं तक की पढ़ाई पूरी की। अधिकांश छात्र जेईई जैसी कठिन परीक्षा की तैयारी के लिए महंगी कोचिंग का सहारा लेते हैं, लेकिन साहिल ने बिना किसी संस्थान में दाखिला लिए ही यह सफलता हासिल की। उन्होंने ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स और स्व-अध्ययन के जरिए अपनी तैयारी की।
ऑनलाइन संसाधनों से पाई मदद
जहां अन्य छात्र महंगी कोचिंग कक्षाओं में समय बिताते थे, वहीं साहिल ने इंटरनेट की सहायता से विभिन्न शैक्षिक वीडियो और मुफ्त ऑनलाइन सामग्री का उपयोग किया। उनका मानना है कि अगर सही दिशा में मेहनत की जाए, तो बिना कोचिंग के भी सफलता पाई जा सकती है।
कठिनाइयों के बावजूद नहीं मानी हार
साहिल के गांव राशनपोरा में सुविधाओं की भारी कमी है। बेहतर शिक्षा प्राप्त करना और प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं की तैयारी करना यहां के छात्रों के लिए बड़ी चुनौती होती है। बिजली की अनियमितता और इंटरनेट कनेक्टिविटी की समस्याओं के बावजूद साहिल ने कभी हार नहीं मानी और अपनी पढ़ाई जारी रखी।
पहली बार श्रीनगर जाने का अनुभव
JEE Main की परीक्षा देने के लिए साहिल पहली बार श्रीनगर गए थे। इससे पहले उन्होंने कभी इतना लंबा सफर नहीं किया था। परीक्षा केंद्र तक पहुंचने के लिए उन्हें अपने माता-पिता के साथ लंबी यात्रा करनी पड़ी। लेकिन उनकी कड़ी मेहनत और आत्मविश्वास ने इस सफर को भी यादगार बना दिया।
आईआईटी में दाखिले का सपना
साहिल का सपना है कि वह भारत के प्रतिष्ठित आईआईटी संस्थानों में दाखिला लेकर एक कुशल इंजीनियर बनें। अब वह जेईई एडवांस की तैयारी में जुट गए हैं, ताकि अपने सपने को साकार कर सकें।
युवाओं के लिए प्रेरणा
साहिल अहमद की सफलता उन छात्रों के लिए प्रेरणा है, जो संसाधनों की कमी के कारण खुद को पीछे मान लेते हैं। उनकी कहानी यह बताती है कि अगर मेहनत और लगन के साथ लक्ष्य का पीछा किया जाए, तो सफलता जरूर मिलती है।
समाज के लिए संदेश
साहिल की उपलब्धि न केवल उनके परिवार बल्कि पूरे समाज के लिए गर्व की बात है। उनका संघर्ष यह साबित करता है कि परिस्थितियां चाहे जैसी भी हों, सच्ची लगन और मेहनत से किसी भी लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है। अब उनकी अगली चुनौती जेईई एडवांस है, जिसमें वे अपनी पूरी क्षमता झोंकने के लिए तैयार हैं। उनकी यह यात्रा उन लाखों छात्रों को प्रेरित करने वाली है, जो बड़े सपने देखते हैं और उन्हें पूरा करने का साहस रखते हैं।