झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई Jhansi Medical College में 15 नवंबर की रात हुए भयावह अग्निकांड ने पूरे देश को हिला दिया। नवजात शिशु गहन चिकित्सा कक्ष (एसएनसीयू) में लगी आग ने 10 मासूमों की जिंदगी छीन ली, जबकि 30 से अधिक बच्चों को बचा लिया गया। हादसे के समय वार्ड में कुल 55 नवजात भर्ती थे। इस हादसे में अब भी 10 से ज्यादा बच्चों के लापता होने की खबर है, जिससे परिजनों का दर्द और बढ़ गया है।
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ToggleJhansi Medical College: घटना की जानकारी
रात करीब 10:30 बजे एसएनसीयू वार्ड में शॉर्ट सर्किट के कारण आग लग गई। वार्ड में दो यूनिट थीं—एक बाहर और दूसरी अंदर।
- बाहर की यूनिट में बच्चों को सुरक्षित निकाल लिया गया।
- अंदर की यूनिट में 10 नवजात आग और दम घुटने के कारण अपनी जान गंवा बैठे।
Jhansi Medical College में मची अफरा-तफरी
जैसे ही आग लगने की खबर फैली, परिजन वार्ड की ओर दौड़े। कई लोगों ने लपटों की परवाह किए बिना वार्ड में प्रवेश किया, लेकिन दमकलकर्मियों ने उन्हें बाहर निकाला।
फायर ब्रिगेड की टीम ने खिड़कियों के कांच तोड़कर बच्चों को बाहर निकाला। बचाव के दौरान, नवजातों के हाथ में लगी मां के नाम की स्लिप या पैर में बंधा रिबन गिर गया, जिससे उनकी पहचान करना बेहद मुश्किल हो गया।
बच्चों की तलाश में बेहाल परिजन
परिजन अपने बच्चों को ढूंढने के लिए वार्ड के आसपास बदहवास हालत में घूमते रहे।
- महोबा निवासी संजना और जालौन के संतराम जैसे कई माता-पिता अपने नवजातों को खोजने में लगे रहे।
- रानी सेन नाम की महिला ने बताया कि उनकी देवरानी संध्या का तीन दिन का बच्चा आग के बाद से लापता है।
सरकारी प्रतिक्रिया और सहायता
इस दर्दनाक हादसे के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घटना पर गहरा शोक जताया और मुआवजे की घोषणा की।
- मृतक बच्चों के परिवारों को 5 लाख रुपये की आर्थिक सहायता।
- घायल बच्चों के लिए 50,000 रुपये की मदद।
- प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से 2 लाख रुपये मृतक परिवारों और 50,000 रुपये घायल बच्चों को दिए जाएंगे।
स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक ने घटनास्थल का दौरा कर मामले की समीक्षा की और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया।
Jhansi Medical College: लापता बच्चों के लिए हेल्पलाइन
लापता बच्चों की जानकारी के लिए हेल्पलाइन नंबर 6389831357 जारी किया गया है। परिजन इस नंबर पर संपर्क कर अपने बच्चों की जानकारी ले सकते हैं।
Jhansi Medical College में सुरक्षा व्यवस्थाओं पर सवाल
इस हादसे ने अस्पताल की लचर सुरक्षा व्यवस्था को उजागर कर दिया है।
- वार्ड में फायर अलार्म ने काम नहीं किया।
- एग्जिट गेट केवल एक था, जिससे बाहर निकलने में बाधा आई।
- शॉर्ट सर्किट जैसे हादसों से बचने के लिए कोई पुख्ता इंतजाम नहीं थे।
Jhansi Medical College: भविष्य की चुनौतियां
झांसी मेडिकल कॉलेज में यह हादसा एक बड़ी चेतावनी है। यह घटना सुरक्षा उपायों को सख्ती से लागू करने और अस्पतालों में बेहतर प्रबंधन सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर बल देती है।
ऐसे हादसों से बचने के लिए यह जरूरी है कि सुरक्षा मानकों को प्राथमिकता दी जाए और अस्पताल प्रशासन अपनी जिम्मेदारी पूरी गंभीरता से निभाए। Jhansi Medical College न्यूज़ की यह घटना भविष्य में सुधार की दिशा में एक बड़ा कदम उठाने का आह्वान करती है।