ED raid: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को कोयला माफियाओं के खिलाफ एक व्यापक और समन्वित कार्रवाई शुरू की।
ED raid: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को कोयला माफियाओं के खिलाफ एक व्यापक और समन्वित कार्रवाई शुरू की। यह तलाशी अभियान झारखंड और पश्चिम बंगाल में फैला, जहां दोनों राज्यों के 40 से अधिक ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की गई। यह ऑपरेशन कोयला चोरी, तस्करी, अवैध खनन और परिवहन से जुड़े बड़े घोटालों के सिलसिले में चल रहा है, जिनसे सरकारी खजाने को सैकड़ों करोड़ रुपये का नुकसान होने का अनुमान है।
ED raid: झारखंड में ईडी की दस्तक, धनबाद में 16 ठिकानों पर छापा
जानकारी के अनुसार, झारखंड के धनबाद जिले में ईडी की कई टीमें तड़के सुबह ही सक्रिय हो गईं। यहां मशहूर कोयला कारोबारी एलबी सिंह और उनसे जुड़े प्रतिष्ठानों पर छापेमारी की गई। धनबाद के देव बिला क्षेत्र समेत कुल 16 स्थानों पर एक साथ कार्रवाई की गई, जिनमें कारोबारियों, सहयोगियों, कार्यालयों और वेयरहाउस शामिल हैं।
तलाशी के दौरान वित्तीय लेनदेन से जुड़े दस्तावेज, डिजिटल रिकॉर्ड, खनन से संबंधित फाइलें, बैंक लेनदेन का डेटा और कोयला कारोबार से जुड़े अकाउंट बही-खाते खंगाले जा रहे हैं। ईडी की टीमों का फोकस उन कड़ियों को तलाशने पर है, जो अवैध कोयला लेनदेन और अवैध खनन नेटवर्क को विस्तार देती हैं।
ED raid: कई पुराने मामलों से जुड़ी कार्रवाई
ईडी का यह ऑपरेशन सिर्फ एक मामले तक सीमित नहीं है। यह कार्रवाई झारखंड और बंगाल में सक्रिय कई समूहों पर आधारित है जो वर्षों से अवैध खनन और तस्करी के आरोपों का सामना कर रहे हैं।
इन मामलों में प्रमुख रूप से जिन कोयला कारोबारियों और ठेकेदारों के नाम सामने आए हैं, उनमें शामिल हैं
अनिल गोयल
संजय उद्योग समूह
एलबी सिंह
अमर मंडल
इन पर बड़े पैमाने पर कोयला चोरी और अवैध खनन कराने के आरोप हैं। जांच एजेंसियों के अनुसार इनकी गतिविधियों के कारण सरकारी राजस्व को भारी नुकसान हुआ है, क्योंकि खनन और परिवहन का बड़ा हिस्सा बिना अनुमति और बिना टैक्स के किया गया।
पश्चिम बंगाल के चार जिलों में 24 जगहों पर ED raid
ईडी ने इसी के साथ पश्चिम बंगाल में भी एक समानांतर कार्रवाई चलाई। यहां दुर्गापुर, पुरुलिया, हावड़ा और कोलकाता में कुल 24 ठिकानों पर छापेमारी की गई। जिन लोगों से जुड़े परिसरों पर छापेमारी हुई है, उनमें प्रमुख नाम हैं नरेंद्र खरका, अनिल गोयल, युधिष्ठिर घोष,कृष्ण मुरारी कयाल।
इनके ठिकानों पर छापेमारी अवैध कोयला माइनिंग, बिना अनुमति कोयला भंडारण और अवैध परिवहन मामले से संबंधित है। बंगाल के कुछ जिलों में लंबे समय से कोयला तस्करी और चोरी की शिकायतें मिलती रही हैं, जिनमें स्थानीय नेटवर्क और बड़े कारोबारी शामिल होने की आशंका है।
ED raid: कोयला माफिया नेटवर्क पर बड़ी चोट
झारखंड और पश्चिम बंगाल में एक ही दिन 40 से अधिक लोकेशनों पर की गई यह कार्रवाई स्पष्ट रूप से एक कोऑर्डिनेटेड स्ट्राइक मानी जा रही है। ईडी ने दोनों राज्यों में एक साथ दबिश देकर अवैध कोयला कारोबार से जुड़े नेटवर्क को झटका दिया है।
अधिकारियों के अनुसार, यह कार्रवाई सिर्फ दस्तावेज इकट्ठा करने तक सीमित नहीं है, बल्कि इन लोगों के बीच वित्तीय लेनदेन की जांच, बैंकों के माध्यम से होने वाले फंड ट्रांसफर, हवाला नेटवर्क, कोयला डिपो, ठेके और परिवहन चेन का पूरा विश्लेषण भी शामिल है।
ED raid: आने वाले दिनों में हो सकते हैं कई बड़े खुलासे
ईडी द्वारा जब्त किए गए दस्तावेजों, डिजिटल रिकॉर्ड, मोबाइल डेटा और वित्तीय लेनदेन की जांच अब शुरू हो चुकी है। अधिकारियों का कहना है कि आने वाले दिनों में यह छापेमारी कई महत्वपूर्ण खुलासों की ओर ले जा सकती है, जिनमें राजनीतिक संबंध, सिविल प्रशासन से मिलीभगत और अवैध कमाई के निवेश की जानकारी सामने आ सकती है।
सूत्रों का कहना है कि यह ऑपरेशन आने वाले सप्ताहों में और भी विस्तृत हो सकता है तथा इस नेटवर्क में शामिल और नाम सामने आ सकते हैं।
ED raid: कोयला घोटाला एक पुराना लेकिन बड़ा जाल
पूर्वी भारत में कोयला चोरी और तस्करी कोई नई समस्या नहीं है। विशेष रूप से झारखंड और पश्चिम बंगाल के कोयला पट्टियों में यह काम लंबे समय से एक बड़े संगठित नेटवर्क के माध्यम से संचालित होता रहा है।
इस बार की ईडी की कार्रवाई ने इस नेटवर्क की रीढ़ पर गहरी चोट पहुंचाई है और जांच एजेंसी इसे एक बड़ी सफलता के रूप में देख रही है।
फिलहाल तलाशी अभियान जारी है और ईडी जल्द ही इस कार्रवाई के परिणामों पर आधिकारिक जानकारी साझा कर सकती है।
