Junior Doctors Protest: नहीं निकला हल, ममता ने की इस्तीफे की पेशकश!

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक नाटकीय कदम में कोलकाता के R.G. Kar Medical College और अस्पताल के Junior Doctors Protest के बीच अपने पद से Resign देने की पेशकश की है।

Junior Doctors Protest
Junior Doctors Protest

Junior Doctors Protest 31 वर्षीय जूनियर डॉक्टर के निर्मम रेप और हत्या के बाद से जारी है और इसे अब एक महीने से अधिक समय हो गया है। प्रोटेस्ट ख़त्म करने की कोशिशें जारी हैं लेकिन राज्य सरकार और आंदोलनकारी जूनियर डॉक्टर्स के बीच गतिरोध बना हुआ है। कई बार बातचीत की कोशिशों के बावजूद अभी तक कोई समाधान नहीं खोजा जा सका है, जिससे पश्चिम बंगाल में हेल्थ केयर संकट और भी गहरा गया है।

घटना और Junior Doctors Protest

R.G. Kar Medical College का Junior Doctors Protest 9 अगस्त, 2023 को अस्पताल परिसर में एक जूनियर डॉक्टर के साथ हुए बलात्कार और हत्या से शुरू हुआ। इस घटना ने मेडिकल प्रोफेशनल्स और आम जनता में काफी आक्रोश उत्पन्न कर दिया। Junior Doctors Protest डॉक्टर्स का अपनी सहयोगी डॉक्टर के लिए न्याय की मांग का प्रोटेस्ट है।

उनकी मांगों में इस मामले की विस्तृत जांच, पीड़िता के लिए न्याय, और R.G. Kar Medical College के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष, कोलकाता पुलिस आयुक्त विनीत गोयल, और स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के इस्तीफे शामिल हैं। प्रदर्शनकारियों ने राज्य सरकार पर इस मामले को दबाने और सबूतों में छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया है। साथ ही उन प्रभावशाली व्यक्तियों की रक्षा करने का भी आरोप लगाया है जो R.G. Kar Medical College में भ्रष्टाचार में लिप्त हैं।

ममता बनर्जी की प्रतिक्रिया और Junior Doctors Protest को सुलझाने के प्रयास

पिछले कुछ दिनों में, ममता बनर्जी ने बार-बार प्रदर्शनकारी डॉक्टरों से बातचीत करने की कोशिश की है। गुरुवार को, मुख्यमंत्री ने एक नाटकीय घोषणा करते हुए कहा कि वह गतिरोध को हल करने और पश्चिम बंगाल के लोगों की सेवा करने के लिए अपने पद से इस्तीफा देने के लिए तैयार हैं। उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “मैं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा देने के लिए तैयार हूं। मुझे इस पद की परवाह नहीं है, मैं तिलोतम्मा के लिए न्याय चाहती हूं। और मैं चाहती हूँ की आम जनता को मेडिकल ट्रीटमेंट मिले।”

ममता यहीं नहीं रुकी। उन्होंने कहा कि डॉक्टर्स बात करना चाहते हैं लेकिन बाहर से कुछ लोग उन्हें कह रहे थे कि बात मत करो। उन्होंने दावा किया कि ये बातें ठीक पीछे खड़ी हुई प्रेस ने रिकॉर्ड की हैं।

उन्होंने कहा, “पिछले तीन दिनों में मेरी सर्वोत्तम मंशा और प्रयासों के बावजूद, डॉक्टरों ने बातचीत करने से इनकार कर दिया है।” उन्होंने यह भी कहा कि उनकी सरकार ने डॉक्टरों की कई मांगों को मान लिया था, जिसमें बैठक में प्रतिनिधियों की संख्या बढ़ाने की अनुमति भी शामिल थी। हालांकि, एक बड़ा मुद्दा बना हुआ है: जूनियर डॉक्टर बैठक का लाइव प्रसारण करने पर अड़े हैं, जिसे राज्य सरकार ने मामले के विचाराधीन होने के कारण अस्वीकार कर दिया है।

मुख्यमंत्री, अन्य शीर्ष अधिकारियों जैसे मुख्य सचिव मनोज पंत और गृह सचिव बी. पी. गोपालिका के साथ, राज्य सचिवालय, नबन्ना में डॉक्टरों से मिलने के लिए दो घंटे से अधिक समय तक इंतजार करती रहीं। लेकिन यह बैठक नहीं हो पाई क्योंकि जूनियर डॉक्टर्स ने बिना लाइव प्रसारण की व्यवस्था के अंदर जाने से इनकार कर दिया। इसके बजाय, वे गेट के बाहर अपने विचार-विमर्श में लगे रहे। दो घंटे इंतजार करने के बाद मुख्यमंत्री ने यह अचानक प्रेस कांफ्रेंस की और कहा कि ” मैं बंगाल के लोगो कि भावनाओ से माफ़ी मांगना चाहती हूँ । आज आपको लगा कि यह मामला ख़त्म हो जाएगा।”

बनर्जी ने समझाया, “हमने अपने पत्र में स्पष्ट किया था कि लाइव स्ट्रीमिंग संभव नहीं होगी, लेकिन हमने डॉक्टरों को यह आश्वासन दिया था कि पारदर्शिता के लिए पूरी बैठक की रिकॉर्डिंग की जाएगी।” उन्होंने जोर देकर कहा कि रिकॉर्डिंग को सुप्रीम कोर्ट की अनुमति के साथ डॉक्टरों को साझा किया जा सकता था। “दोनों पक्षों के बीच विश्वास होना चाहिए,” उन्होंने कहा और इस बात पर निराशा जताई कि डॉक्टरों ने बातचीत की मेज पर आने से मना कर दिया, जबकि उनकी सरकार ने पूरी कोशिश की।

डॉक्टरों की मांगें और सरकार की सीमाएं

जूनियर डॉक्टर अपने रुख पर अडिग हैं और कह रहे हैं कि जब तक उनकी सभी मांगें पूरी नहीं होतीं, तब तक उनका Junior Doctors Protest जारी रहेगा। पीड़ित डॉक्टर के लिए न्याय के अलावा, उन्होंने आर. जी. कर मेडिकल कॉलेज में कथित वित्तीय अनियमितताओं के लिए जिम्मेदार लोगों की जवाबदेही की मांग की है। इसके अलावा, डॉक्टर उन वरिष्ठ अधिकारियों के इस्तीफे की भी मांग कर रहे हैं, जिन पर उन्होंने मामले को दबाने या इसे ठीक से संभालने में लापरवाही का आरोप लगाया है।

फिलहाल जो प्रमुख गतिरोध का कारण है वह है बैठक के लाइव प्रसारण की डॉक्टरों की मांग। हालांकि, सरकार ने स्पष्ट किया है कि चूँकि मामला अभी कोर्ट में चल रहा है इसलिए इस बारे में कि जाने वाली किसी भी बातचीत का लाइव प्रसारण संभव नहीं है। मुख्य सचिव मनोज पंत ने भी समझाया कि लाइव-स्ट्रीमिंग डॉक्टरों को महत्वपूर्ण लग रही है लेकिन यह विचाराधीन मामले में संभव नहीं है। लेकिन बावजूद इसके डॉक्टर्स लाइव स्ट्रीमिंग कि अपनी मांग पर अड़े रहे।

आज कि घटना के बाद भी सरकार ने बातचीत और समझौते के लिए अपना दरवाजा खुला रखा है। सरकार का कहना है कि राज्य की स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को फिर से सुचारु रूप से चलाना आवश्यक है। पंत ने कहा, “हम प्रतिनिधियों से मिलने के लिए तैयार हैं ताकि राज्य में स्वास्थ्य सेवा का सुचारू रूप से संचालन सुनिश्चित किया जा सके।” उन्होंने कहा कि सरकार की प्राथमिकता आम लोगों के लिए स्वास्थ्य सेवाओं की बहाली सुनिश्चित करना है।

ममता ने अपनी प्रेस कांफ्रेंस में यह भी कहा की उनके पास भी एस्मा है लेकिन वह उसका उपयोग नहीं करेंगी क्योंकि वह इमरजेंसी को पसंद नहीं करती।

स्वास्थ्य सेवा पर प्रभाव और जन भावना

Junior Doctors Protest के कारण राज्य की स्वास्थ्य सेवा प्रणाली बुरी तरह प्रभावित हुई है। बनर्जी ने बताया कि Junior Doctors Protest के कारण 27 लोगों की मौत हो गई है और सात लाख से अधिक मरीज प्रभावित हुए हैं। उन्होंने कहा, “हम आम लोगों के लिए न्याय चाहते हैं। हम चाहते हैं कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के अनुसार, डॉक्टर अपनी ड्यूटी पर वापस लौटें।” हालांकि, सरकार की अपीलो पर जूनियर डॉक्टर्स ने अभी तक कान नहीं धरा है और कोलकाता के स्वास्थ्य भवन के बाहर Junior Doctors Protest जारी है।

इस Junior Doctors Protest पर मिश्रित जन प्रतिक्रिया रही है। एक तरफ कई लोग डॉक्टरों की मांगों का समर्थन कर रहे हैं, वहीं कुछ लोगो का मानना है कि स्वास्थ्य सेवाओं में लंबे समय से हो रही रुकावट परेशानी का कारण बन रही है। विपक्ष, जिसमें भाजपा शामिल है, ने बनर्जी की इस संकट से निपटने की आलोचना की है और उन पर कानून-व्यवस्था बनाए रखने और स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा करने में विफल रहने का आरोप लगाया है। इस बीच, बनर्जी का कहना है कि विरोध प्रदर्शन में कुछ राजनीतिक ताकतें भी शहामिल हैं जिनका उद्देश्य उनकी सरकार को कमजोर करना है।

Junior Doctors Protest
Junior Doctors Protest

 

मुख्यमंत्री की इस्तीफा देने का पेशकश ने इस पूरे घटनाक्रम में नया मोड़ ला दिया है। अब गेंद जूनियर डॉक्टर्स के पाले में है और यह देखना दिलचस्प होगा की अब डॉक्टर्स की तरफ से क्या प्रतिक्रिया आती है। हालांकि डॉक्टर्स का कहना है की वे भी बातचीत के लिए “open” है लेकिन पहले मांगे मानी जाएँ।

अपने राजनीति के करियर में यह पहली बार नहीं है जब ममता ने इस्तीफ़ा दांव चला है। अटल बिहारी वाजपई सरकार के दिनों में ममता की इस्तीफे की राजनीति प्रसिद्ध रही है और इस इस्तीफे की राजनीति के चलते ममता ने काफी बातें अतीत में मनवाई है। देखना होगा की क्या जूनियर डॉक्टर्स भी इस भावनात्मक कदम के सामने घुटने तक देते है या अपनी मांगो पर अड़े रहते है।

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