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Kameshwar Choupal: राम मंदिर आंदोलन के प्रमुख नेता कामेश्वर चौपाल का 68 वर्ष की उम्र में निधन ।

Kameshwar Choupal

Kameshwar Choupal का 68 वर्ष की आयु में निधन हो गया है।

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राम मंदिर के आंदोलन में अहम भूमिका निभाने वाले। Kameshwar Choupal का 68 वर्ष की आयु में निधन हो गया है। उन्होंने दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में अंतिम सांस ली, जहां वे पिछले कुछ समय से बीमारियों का सामना कर रहे थे।

Kameshwar Choupal का हुआ निधन

बता दे कि 1989 में, Kameshwar Choupal ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की पहली ईंट रखी, जिसके लिए उन्हें संघ द्वारा प्रथम कार सेवक का दर्जा दिया गया था। इस घटना ने उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्धि दिलाई और राम मंदिर आंदोलन में उनकी भूमिका को महत्वपूर्ण बना दिया। राम मंदिर आंदोलन में उनका बहुत महत्व था।

Kameshwar Choupal  राजनीतिक जीवन

वही बात करें उनके राजनीतिक जीवन की तो उन्होंने 1991 में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के टिकट पर रोसड़ा लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा, लेकिन वे सफल नहीं हो सके। इसके बाद, 1995 और 2000 में उन्होंने बखरी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा, लेकिन वहां से भी जीत हासिल नहीं कर पाए। 7 मई 2002 को, उन्हें बिहार विधान परिषद का सदस्य बनाया गया, जहां उन्होंने 2014 तक सेवा की थी।

बिहार बीजेपी ने शोक व्यक्त किया

वही उनके निधन पर बिहार बीजेपी ने शोक व्यक्त करते हुए कहा, “राम मंदिर की पहली ईंट रखने वाले, पूर्व विधान पार्षद, दलित नेता, श्री राम जन्मभूमि ट्रस्ट के स्थाई सदस्य, विश्व हिंदू परिषद के प्रांतीय अध्यक्ष रहे, श्री कामेश्वर चौपाल जी के निधन की खबर सामाजिक क्षति है। उन्होंने सम्पूर्ण जीवन धार्मिक और सामाजिक कार्यों में समर्पित किया। मां भारती के सच्चे लाल थे। ईश्वर पुण्यात्मा को अपने श्री चरणों में स्थान एवं उनके परिजनों को संबल प्रदान करें।” Kameshwar Choupal का पार्थिव शरीर दोपहर 2:00 बजे तक पटना एयरपोर्ट पहुंचेगा, जिसके बाद उन्हें भाजपा प्रदेश कार्यालय में श्रद्धांजलि देने के लिए ले जाया जाएगा।

Kameshwar Choupal का जन्म

Kameshwar Choupal का जन्म 24 अप्रैल 1956 को बिहार के सहरसा जिले के कमरैल गांव में हुआ था। उन्होंने जेएन कॉलेज, मधुबनी से स्नातक की पढ़ाई की और 1985 में मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा से एमए की डिग्री प्राप्त की। अपने जीवनकाल में, उन्होंने वनवासी कल्याण केंद्र, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, विश्व हिंदू परिषद और विद्यार्थी परिषद जैसे संगठनों के साथ मिलकर समाज सेवा में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

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