Kanpur shocking incident: परिवार को मारो या खुद मर जाओ’—डरावने सपनों ने छीनी मासूम की ज़िंदगी,आरव ने की आत्महत्या
Kanpur shocking incident: कभी-कभी एक सपना सिर्फ सपना नहीं होता, वो किसी के भीतर पल रहे डर, दर्द और बेचैनी की गूंज बन जाता है। ऐसा ही एक भयानक सपना 16 साल के Arav Raj Mishra की ज़िंदगी छीन ले गया। कानपुर के कोहना इलाके में 11वीं के इस होनहार छात्र ने अपने ही कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। पीछे रह गया सिर्फ एक सुसाइड नोट — जिसमें उसके डर की दास्तान लिखी थी।
घटना कैसे हुई
घटना उस समय की है जब आरव के माता-पिता छठ पूजा के लिए भागलपुर गए हुए थे। बड़ी बहन मान्या विश्वविद्यालय में पढ़ाई के लिए गई थीं। जब वो शाम को घर लौटीं और दरवाज़ा खटखटाया, तो अंदर से कोई जवाब नहीं मिला। पड़ोसियों की मदद से दरवाज़ा तोड़ा गया, तो सबके पैरों तले ज़मीन खिसक गई — आरव का शव पंखे से लटका हुआ था।
फौरन पुलिस को सूचना दी गई। मौके पर पहुंची कोहना पुलिस ने कमरे की तलाशी ली। फोरेंसिक टीम ने मोबाइल फोन, कुछ अंगूठियां और छल्ले बरामद किए। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है और मामले की जांच जारी है।
सपनों में आती थी डरावनी आवाज़ें
आरव के पिता आलोक मिश्रा ने बताया कि बेटा कई दिनों से अजीब व्यवहार कर रहा था। दीपावली के दौरान उसने अपनी बहन मान्या को बताया था कि उसे सपनों में तीन-चार लोग दिखाई देते हैं, जो कहते हैं — “परिवार को मार डालो या खुद मर जाओ।”
परिवार ने इसे पहले मज़ाक या तनाव समझकर नज़रअंदाज़ कर दिया, लेकिन शायद आरव उन आवाज़ों से रोज़ लड़ रहा था। आख़िरकार, उसने खुद को ही खत्म कर लिया।
सुसाइड नोट ने खोला राज
पुलिस को आरव की जेब से एक छोटा-सा कागज़ मिला, जिस पर लिखा था — “Please check my notified…”
जब मोबाइल का नोटपैड खोला गया, तो अंग्रेज़ी में लिखा एक लंबा सुसाइड नोट मिला। उसमें आरव ने लिखा था कि वह काफी समय से परेशान है, उसे सपनों में कुछ लोग दिखते हैं जो उसे परिवार को नुकसान पहुंचाने या खुद को खत्म करने के लिए कहते हैं।
कोहना थाना प्रभारी विनय तिवारी के अनुसार, कमरे में जिम पाइप लगा था जिसमें रस्सी का फंदा बंधा था। पास में टेबल पर आरव की कुछ अंगूठियां और छल्ले रखे हुए थे। पुलिस ने सभी चीज़ों को सबूत के तौर पर जब्त किया है।
स्कूल और दोस्तों को नहीं था यकीन
आरव एक नामी प्राइवेट स्कूल में 11वीं कक्षा में पढ़ता था। पांचवीं से लेकर अब तक वह स्कूल का होनहार छात्र माना जाता था। उसने हाईस्कूल में 93 प्रतिशत अंक हासिल किए थे और राज्य-स्तरीय स्विमिंग प्रतियोगिताओं में कई बार भाग ले चुका था।
स्कूल प्रिंसिपल दीपा सिंह ने बताया, “आरव बहुत एक्टिव और खुशमिजाज बच्चा था। उसे देखकर कभी नहीं लगा कि वो किसी मानसिक परेशानी से जूझ रहा है। उसकी आत्महत्या की खबर से पूरा स्कूल सदमे में है।”
मानसिक बीमारी का कोई इतिहास नहीं था
परिवार का कहना है कि आरव को किसी भी तरह की मानसिक बीमारी या तनाव की शिकायत पहले कभी नहीं रही। वो अपने दोस्तों के साथ घुलने-मिलने वाला और परिवार से बहुत जुड़ा हुआ था।
लेकिन अचानक आए ये डरावने सपने और आवाज़ें उसके लिए असहनीय बन गईं।
पुलिस जांच में जुटी
पुलिस अधिकारी एसीपी अमित चौरसिया ने बताया कि आरव की आत्महत्या के मामले में सभी पहलुओं की जांच की जा रही है। सुसाइड नोट की डिजिटल कॉपी को साइबर टीम द्वारा जांचा जा रहा है। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। फिलहाल पुलिस ने सुसाइड नोट की पूरी सामग्री सार्वजनिक नहीं की है।
सूत्रों के मुताबिक, आरव के पिता आलोक मिश्रा का एक बड़ा राजनीतिक परिवार से रिश्ता बताया जा रहा है, लेकिन पुलिस ने इस पर कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की है।
विशेषज्ञों की राय
मनोवैज्ञानिकों का कहना है कि लगातार डरावने सपने और आवाज़ें सुनाई देना “स्लीप पैरालिसिस” या “साइकोटिक एपिसोड” जैसी मानसिक स्थिति के संकेत हो सकते हैं। अगर किसी बच्चे में ऐसे लक्षण दिखें तो तुरंत मनोचिकित्सक की मदद लेनी चाहिए।
डर, अपराधबोध या भ्रम की स्थिति बच्चों के दिमाग पर गहरा असर डाल सकती है — और अगर उन्हें समय पर मदद न मिले, तो वे खुद को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
मासूम आरव की कहानी एक चेतावनी है
आरव की कहानी सिर्फ एक दुखद हादसा नहीं, बल्कि हर उस परिवार के लिए एक चेतावनी है जो अपने बच्चों की मानसिक परेशानियों को “सपना” या “मूड” समझकर टाल देता है।
कभी-कभी सबसे मुस्कुराता चेहरा भी अंदर से टूट रहा होता है। शायद अगर आरव के डर को थोड़ा गंभीरता से लिया जाता, तो आज वो ज़िंदा होता।

