
Kerala Highcourt केरल हाई कोर्ट ने राज्य पुलिस को निर्देश दिया है कि तुलसी धारा के अपमान में अब्दुल हकीम के खिलाफ कार्रवाई करें। हालांकि हकीम के पक्ष से सिराज के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया था। उनका कहना है कि अब्दुल हकीम मानसिक रूप से अस्वस्थ है। सनातन धर्म में तुलसी के पौधे की बहुत मानता है। लोगों की आस्था तुलसी के पौधे से जुड़ी हुई है, सनातनी तुलसी के पौधे की पूजा करते हैं और कई महिलाएं तो तुलसी एकादशी का व्रत भी करती हैं। तुलसी का पौधा आध्यात्मिक तौर पर तो काफी मायने रखता है, इसके अलावा आयुर्वेद में भी तुलसी का बहुत बड़ा योगदान है। ऐसे में अगर आप यह खबर सुनते हैं कि गुप्तांग के बाल निकाल कर किसी ने तुलसी धारा में डाल दिए तो आपको कैसा लगेगा?
Kerala Highcourt: आईए जानते हैं पूरी वारदात
अब्दुल हकीम पर या रूप है कि उन्होंने अपने गुप्त अंगों के बाल निकाल कर तुलसीदास में डाल दिए थे। उनकी ऐसी करतूत के कारण कोर्ट ने कहा कि तुलसी धारा हिंदू धर्म के लिए पवित्र स्थान है और आरोपी ने जो किया उसे हिंदुओं की भावनाएं आहत होंगी। इसके बाद केरल हाई कोर्ट ने राज्य पुलिस को आदेश दिया है कि वह तुलसी धारा के अपमान के आरोप में अब्दुल हकीम के खिलाफ कार्रवाई करें। आपको बता दे कि केरल हाईकोर्ट के जस्टिस पीवी कुनी कृष्णा, की बेंच ने 32 वर्षीय श्रीराज आरए की याचिका पर सुनवाई करते हुए पुलिस को आदेश दिए हैं। लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक, श्रीराज को एक वीडियो अपलोड करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। आप है क्यों उन्होंने कथित तौर पर अब्दुल हकीम की तुलसीदास का अपमान किया था।
Kerala Highcourt: कोर्ट द्वारा सवाल
सनी के दौरान कोर्ट ने पुलिस से कुछ सवाल पूछे जैसे अब्दुल हकीम के खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं हुई और उसके खिलाफ केस क्यों दर्ज नहीं किया गया। कोर्ट ने इस बात पर नाराजगी व्यक्त करी है।
Kerala Highcourt: अब्दुल हकीम के मानसिक रूप से बीमार होने का दवा।
रिपोर्ट्स की माने तो इस घटना के बाद अब्दुल हकीम के तरफ से श्री राज के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। इसमें कहा गया कि अब अब्लुल हकीम मानसिक रूप से अस्वस्थ है। उन्होंने यह भी कहा कि जिन लोगों ने याचिका दर्ज करी है वह धार्मिक दुश्मनी को बढ़ावा देने के लिए वीडियो अपलोड कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि श्रीराज ने धार्मिक दुश्मनी फैलाने के लिए इस वीडियो को अपलोड किया है।
Kerala Highcourt: जानिए किन धाराओं के तहत तेज दर्ज?
पहले कैसे बीएस की धारा 192( दंगा भड़काने के इरादे से उकसाना) की तहत किस दर्ज किया गया है। इसके अलावा बीएस की धारा 196 (1) (A) (धर्म के अलग-अलग समूह के बीच नफरत फैलाना) और केरल अधिनियम की धारा 112 ( सार्वजनिक शांति भंग करने पर सजा) किया गया है।
आपको बता दे कि याचिका करता ने जमानत याचिका दायर की है। श्रीराज ने बेंच के सामने कहा कि उन्होंने केवल एक वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर करा था , उन्होंने कहा कि वह वीडियो पहले से ही सोशल मीडिया पर शेर की गई थी। उन्होंने यह भी कहा कि अब्दुल हकीम के खिलाफ सख्त कार्रवाई। कोर्ट ने अभी तक अब्दुल के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करी है। इसके बाद कोर्ट ने कहा कि अब्दुल हकीम के खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं है।
Kerala Highcourt: गुरुवायूर होटल के मालिक हैं अब्दुल हकीम
आपको बता दे की रिपोर्टर्स के अनुसार अब्दुल हकीम गुरुवायुर में एक होटल के मालिक हैं, और उनके पास इस चीज का लाइसेंस भी है, इतना ही नहीं बल्कि अब्दुल हकीम के पास ड्राइविंग लाइसेंस भी हैं। इस हिसाब से अब्दुल हकीम के खिलाफ उचित कार्रवाई होनी चाहिए।
Kerala Highcourt: मानसिक रूप से असंतुलित
अब्दुल हकीम की तरफ से यह बात रखी गई है कि वह मानसिक रूप से बीमार है। इसीलिए कोर्ट ने आरोपी अब्दुल हकीम की मानसिक स्थिति के लिए जांच का देश दिया है। इसके बाद कोर्ट ने सवाल भी किया कि अगर वह मानसिक रूप से बीमार है तो वह एक होटल कैसे चल सकता है? उन्होंने यह भी बोला कि आरोपी के पास ड्राइविंग लाइसेंस है, अगर आरोपी के मानसिक संतुलन खराब होने की बात सही है तो उसको लाइसेंस किसने दिया?
Kerala Highcourt: जस्टिस कुन्हिकृष्णन का बयान
जस्टिस कुन्हिकृष्णन ने कहा कि, “मेरा मानना है की पुलिस को अब्दुल हकीम के खिलाफ कानून के अनुसार उचित कार्रवाई करनी चाहिए। तथ्यों से यह स्पष्ट नहीं है कि वह मानसिक रोगी है या नहीं। भले ही वह मानसिक रोगी हो, लेकिन वह गुरुवायुर मंदिर के परिसर में स्थित एक होटल का लाइसेंसधारी कैसे बना हुआ है, एजाज अधिकारी द्वारा जांच की जानी चाहिए। याचिका करता के वकील ने कहा कि उसके पास ड्राइविंग लाइसेंस है। अगर वह मानसिक रूप से रोगी है तो उसे वाहन चलाने की अनुमति कैसे दी गई, यह भी जांच अधिकारी द्वारा जांच की जानी चाहिए।
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