
Kishtwar cloudburst: 12 लोगों की मौत, दो पुल बह गए, बचाव अभियान जारी
Kishtwar cloudburst: जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में गुरुवार को एक बड़ा प्राकृतिक हादसा हुआ। जिले के पदर उपखंड के चिशोती गांव में भीषण बादल फटने (Cloudburst) की घटना हुई, जिससे अचानक बाढ़ आ गई और भारी तबाही मच गई। इस घटना में अब तक 12 लोगों के शव बरामद किए जा चुके हैं, जबकि कई लोग अब भी लापता हैं। घटना स्थल पर राहत और बचाव कार्य युद्ध स्तर पर जारी है।
कहाँ और कैसे हुआ हादसा
यह घटना मचैल माता यात्रा मार्ग पर स्थित चिशोती गांव में हुई है। मचैल माता यात्रा, जम्मू-कश्मीर की एक प्रसिद्ध धार्मिक यात्रा है, जो हर साल हजारों श्रद्धालुओं को आकर्षित करती है। हादसे के समय इस मार्ग पर लोग मौजूद थे, लेकिन अचानक बादल फटने से नदी-नालों में तेज़ पानी का बहाव शुरू हो गया।
किश्तवाड़ के उपायुक्त पंकज कुमार शर्मा के अनुसार, यह इलाका मचैल माता यात्रा का शुरुआती बिंदु है। बादल फटने के तुरंत बाद चिशोती में पानी का स्तर तेजी से बढ़ गया, जिससे कई मकानों को नुकसान पहुँचा और दो पुल बह गए।
नुकसान का पैमाना
- मानव हानि: 12 शव बरामद हो चुके हैं, जबकि कई लोग लापता बताए जा रहे हैं।
- मकान क्षतिग्रस्त: कई घर आंशिक या पूरी तरह से ढह गए हैं।
- ढांचा तबाह: लकड़ी का पुल और पीएमजीएसवाई (प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना) का एक पुल बह गया है, जिससे इलाके का संपर्क टूट गया है।
- मवेशियों की मौत: कई पशु भी बाढ़ की चपेट में आ गए हैं।
बचाव अभियान
जैसे ही घटना की खबर मिली, जिला प्रशासन, एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल), एसडीआरएफ (राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल), सेना और पुलिस की टीमें मौके पर पहुँचीं। बचाव दलों ने अब तक करीब 20 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला है।
इलाका किश्तवाड़ मुख्यालय से 80-90 किलोमीटर दूर है और वहां तक पहुँचने में मुश्किल हो रही है क्योंकि रास्तों का संपर्क टूट गया है। फिर भी प्रशासन ने एंबुलेंस और रेस्क्यू वाहन मौके की ओर भेज दिए हैं।
सरकार और नेताओं की प्रतिक्रिया
- उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने ट्वीट कर शोक व्यक्त किया और कहा,
“चोसिटी किश्तवाड़ में बादल फटने की घटना से व्यथित हूं। शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं। सभी एजेंसियों को बचाव और राहत कार्य तेज करने का निर्देश दिया है।” - केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने किश्तवाड़ के उपायुक्त और स्थानीय नेताओं से बात की और बचाव कार्य में मदद के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जनहानि की आशंका अधिक है और केंद्र सरकार सभी आवश्यक मदद देगी।
- विपक्ष के नेता सुनील कुमार शर्मा और स्थानीय विधायक मौके पर पहुँचे और राहत कार्यों की निगरानी कर रहे हैं।
मचैल माता यात्रा स्थगित
इस घटना के बाद मचैल माता यात्रा को फिलहाल स्थगित कर दिया गया है। प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे यात्रा मार्ग पर न जाएं और जब तक हालात सामान्य न हों, घर पर ही रहें।
क्या है बादल फटना
बादल फटना एक गंभीर मौसमीय घटना है, जिसमें कम समय में बहुत अधिक बारिश एक छोटे क्षेत्र में हो जाती है। इससे नदियों और नालों में अचानक बाढ़ आ जाती है। पहाड़ी इलाकों में यह घटना अधिक होती है और यह बेहद खतरनाक होती है क्योंकि लोगों को बचने का समय नहीं मिलता।
विशेषज्ञों के अनुसार, जब गर्म और ठंडी हवाओं का टकराव होता है, तो बादलों में नमी अचानक बहुत तेजी से वर्षा के रूप में गिरती है, जिसे बादल फटना कहते हैं।
स्थानीय लोगों की स्थिति
ग्रामीणों का कहना है कि जैसे ही पानी आया, लोग संभल ही नहीं पाए। कई लोग अपने घरों से निकल भी नहीं सके। तेज़ बहाव में घर, दुकानें और खेत सब बह गए। अब गांव में सिर्फ मलबा और कीचड़ बचा है।
एक स्थानीय निवासी ने कहा,
“हमने कभी इतनी भयानक बाढ़ नहीं देखी। पानी इतनी तेजी से आया कि लोग भाग भी नहीं पाए। कई परिवार बेघर हो गए हैं।”
राहत शिविर और मदद
प्रशासन ने प्रभावित लोगों के लिए अस्थायी राहत शिविर लगाए हैं। यहाँ उन्हें खाने-पीने का सामान, कंबल और जरूरी दवाइयाँ दी जा रही हैं। सेना और पुलिस लगातार लापता लोगों की तलाश में जुटी है।
भविष्य के लिए चेतावनी
मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में जम्मू-कश्मीर के पहाड़ी इलाकों में भारी बारिश की संभावना जताई है। प्रशासन ने नदी-नालों के किनारे रहने वाले लोगों को सतर्क रहने और सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी है।
किश्तवाड़ में बादल फटना एक गंभीर आपदा है, जिसने कई परिवारों को तबाह कर दिया है। प्रशासन, सेना और बचाव एजेंसियाँ लगातार राहत और बचाव कार्य में जुटी हैं, लेकिन खराब मौसम और टूटे रास्ते बड़ी चुनौती बने हुए हैं। आने वाले दिनों में मौसम के हालात को देखते हुए लोगों को अतिरिक्त सतर्क रहने की जरूरत है।
यह भी देखे
Delhi-NCR Rain & Traffic Update: झमाझम बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त, जगह-जगह जाम और जलभराव