
क्या बुखार और सर्दी-जुकाम में नहाना चाहिए? जानिए साइंस और रिसर्च की राय
बुखार और सर्दी-जुकाम के दौरान नहाने को लेकर लोगों के बीच काफी भ्रम होता है। आम धारणा यह है कि इस स्थिति में नहाना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। लेकिन विज्ञान और शोध कुछ अलग बात कहते हैं। आइए जानते हैं कि ऐसी स्थिति में क्या करना सही होगा।
बुखार में गुनगुने पानी से नहाने के फायदे
जब किसी व्यक्ति को बुखार होता है, तो उसके शरीर का तापमान सामान्य से अधिक हो जाता है। ऐसे में गुनगुने पानी से नहाना शरीर के तापमान को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है। यह मांसपेशियों को आराम देने और रक्त परिसंचरण सुधारने में सहायक होता है।
साइंस और रिसर्च की राय
इंडियन जर्नल ऑफ कांटिन्यूइंग नर्सिंग एजुकेशन में प्रकाशित एक शोध के अनुसार, “गर्म पानी से पैर धोने की थेरेपी (Hot Water Foot Bath Therapy) बुखार में शरीर के तापमान को कम करने का प्रभावी गैर-औषधीय तरीका हो सकता है।” इस विधि के तहत 38°C से 39°C बुखार वाले रोगियों को राहत मिली। यह सुरक्षित और सरल तरीका माना जाता है।
सर्दी-जुकाम में नहाने का महत्व
सर्दी-जुकाम के दौरान हल्के गुनगुने पानी से नहाना मांसपेशियों के दर्द को कम करने में सहायक हो सकता है। इससे बंद नाक खुलने में भी मदद मिलती है। इसके अलावा, नहाने से त्वचा की सफाई होती है और हाइजीन बनाए रखने में मदद मिलती है। यह संक्रमण के खतरे को भी कम कर सकता है।
हाइड्रोथेरपी का महत्व
पानी के माध्यम से उपचार को हाइड्रोथेरपी कहा जाता है। कई शोध बताते हैं कि गुनगुने पानी से नहाने से शरीर का तापमान नियंत्रित होता है और मानसिक तनाव कम होता है। यह बीमारी से उबरने में सहायक हो सकता है।
डॉक्टर की सलाह क्यों जरूरी है?
हालांकि गुनगुने पानी से नहाना फायदेमंद हो सकता है, लेकिन अगर स्थिति गंभीर हो, जैसे तेज बुखार, अत्यधिक कमजोरी या सर्जरी के बाद की स्थिति हो, तो डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी है।
क्या नहीं करना चाहिए?
- ठंडे पानी से नहाने से बचें क्योंकि यह शरीर के तापमान को अचानक कम कर सकता है और स्थिति को बिगाड़ सकता है।
- बहुत गर्म पानी से भी स्नान करने से बचना चाहिए क्योंकि यह लक्षणों को बढ़ा सकता है।
मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव
गुनगुने पानी से नहाने से ताजगी महसूस होती है। यह मानसिक तनाव और चिंता को कम करने में मदद कर सकता है। शोध बताते हैं कि नहाने से मस्तिष्क में “फील गुड” हार्मोन एंडोर्फिन का स्तर बढ़ता है।
आयुर्वेद और पारंपरिक चिकित्सा की राय
आयुर्वेद में भी बुखार और सर्दी-जुकाम के दौरान गुनगुने पानी से स्नान को फायदेमंद माना गया है। इसे शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में सहायक बताया गया है। प्राचीन ग्रीस और रोम में भी बुखार के दौरान हल्के स्नान को थकान दूर करने और शरीर को पुनर्जीवित करने में सहायक माना जाता था।
बुखार और सर्दी-जुकाम के दौरान हल्के गुनगुने पानी से नहाना शरीर और मन दोनों के लिए फायदेमंद हो सकता है। हालांकि, व्यक्ति की स्थिति के अनुसार डॉक्टर की सलाह लेना हमेशा उचित होता है। अगर सही तरीके से सावधानी बरती जाए, तो यह स्वास्थ्य के लिए लाभदायक साबित हो सकता है।
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