
अमेरिका के घातक फाइटर जेट भारत में
एयरो इंडिया 2025 में भारत और अमेरिका की साझेदारी एक नए स्तर पर पहुंचने वाली है। इस बार अमेरिका अपने उन्नत फाइटर जेट्स और एयरक्राफ्ट की ताकत दिखाने के लिए पूरी तरह तैयार है। इसमें F-16, F-35 और B-1 बॉम्बर जैसे घातक विमान शामिल होंगे।
क्या है एयरो इंडिया 2025?
यह एशिया का सबसे बड़ा एयरोस्पेस और डिफेंस ट्रेड शो है, जो इस बार 12 फरवरी से 14 फरवरी तक चलेगा। इस आयोजन में भारत और दुनिया भर के प्रमुख रक्षा और एयरोस्पेस निर्माता हिस्सा लेंगे। भारतीय पैवेलियन में स्वदेशी रक्षा क्षमताओं को प्रदर्शित किया जाएगा।
अमेरिका क्यों है उत्साहित?
नई दिल्ली में अमेरिकी दूतावास के चार्ज डी’अफेयर्स जॉर्गन एंड्रयूज ने कहा, “हम भारत के साथ अपने मजबूत रक्षा संबंधों को उजागर करने के लिए एयरो इंडिया में भाग लेने को लेकर उत्साहित हैं। डिफेंस, ट्रेड और ट्रेनिंग में हमारा सहयोग रणनीतिक साझेदारी का महत्वपूर्ण हिस्सा है।” एंड्रयूज के नेतृत्व में अमेरिकी डेलिगेशन इसमें शामिल होगा, जिसमें रक्षा, वाणिज्य और राज्य मंत्रालयों के अधिकारी शामिल हैं।
कौन-कौन सी कंपनियां होंगी शामिल?
एयरो इंडिया 2025 में अमेरिका की दो दर्जन से अधिक कंपनियां अपने भारतीय समकक्षों के साथ मिलकर इनोवेटिव डिफेंस सॉल्यूशंस पर चर्चा करेंगी। ये कंपनियां मानव रहित एयर सिस्टम्स (UAS), फाइटर जेट्स, एडवांस एवियोनिक्स और डिफेंस इलेक्ट्रॉनिक्स के क्षेत्र में काम करती हैं।
चीन कनेक्शन की चर्चा क्यों?
विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिका और भारत के बीच यह बढ़ता रक्षा सहयोग क्षेत्रीय स्थिरता सुनिश्चित करने की दिशा में एक अहम कदम है। चीन की आक्रामक नीतियों और दक्षिण एशिया में उसके बढ़ते प्रभाव को संतुलित करने के लिए यह साझेदारी महत्वपूर्ण हो सकती है।
क्या है आयोजन का महत्व?
यह आयोजन न केवल भारत की स्वदेशी क्षमताओं को बढ़ावा देगा, बल्कि दोनों देशों के बीच व्यापार और रणनीतिक निवेश के अवसर भी खोलेगा। इससे क्षेत्रीय सुरक्षा, स्थिरता और आर्थिक समृद्धि को भी बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
एयरो इंडिया 2025 में अमेरिका की भागीदारी भारत-अमेरिका रक्षा संबंधों को और मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह न केवल दोनों देशों के लिए बल्कि पूरे दक्षिण एशिया के लिए भी सुरक्षा और विकास का संकेत देता है।
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