शुक्रवार देर रात एलओसी (Line of Control) से सटे केरन सेक्टर में सेना ने दो आतंकवादियों को ढेर कर दिया
Kupwara encounter: जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती जिले कुपवाड़ा में भारतीय सेना ने एक बड़ी सफलता हासिल की है। शुक्रवार देर रात एलओसी (Line of Control) से सटे केरन सेक्टर में सेना ने दो आतंकवादियों को ढेर कर दिया। ये आतंकी घुसपैठ की कोशिश कर रहे थे, लेकिन सतर्क सुरक्षाबलों ने उनकी योजना को नाकाम कर दिया। इलाके में अब भी तलाशी अभियान जारी है क्योंकि सुरक्षा एजेंसियों को शक है कि कुछ और आतंकवादी इलाके में छिपे हो सकते हैं।
Kupwara encounte: कैसे हुआ ऑपरेशन
सेना की चिनार कोर (Chinar Corps) को गुरुवार रात खुफिया इनपुट मिला था कि केरन सेक्टर में नियंत्रण रेखा के पास कुछ संदिग्ध गतिविधि देखी गई है। इसके बाद सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने मिलकर इलाके में सर्च ऑपरेशन शुरू किया। शुक्रवार सुबह जैसे ही जवानों ने कुछ संदिग्धों की हलचल देखी, उन्हें आत्मसमर्पण करने के लिए कहा गया। लेकिन आतंकियों ने फायरिंग शुरू कर दी।
सेना के अधिकारियों ने बताया कि शुरुआती मुठभेड़ करीब आधे घंटे तक चली। जवाबी कार्रवाई में दो आतंकवादी मारे गए। सेना ने मौके से भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद किया है, जिसमें एके-47 राइफल, पिस्तौल और ग्रेनेड शामिल हैं। हालांकि, मारे गए आतंकियों की पहचान अभी तक नहीं हो पाई है।
Kupwara encounter: ऑपरेशन “PIMPLE”
इस कार्रवाई को सेना ने “ऑपरेशन PIMPLE” नाम दिया था। यह केरन सेक्टर के पिम्पल इलाके में चलाया गया, जो बर्फीले जंगलों और खड़ी पहाड़ियों से घिरा हुआ है। इस इलाके में हर साल सर्दियों से पहले घुसपैठ की कोशिशें बढ़ जाती हैं, क्योंकि बर्फबारी शुरू होने से पहले आतंकी किसी तरह घाटी में दाखिल होना चाहते हैं।
सेना के प्रवक्ता ने कहा, “घुसपैठ की हर कोशिश को मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। हमारी निगरानी व्यवस्था और खुफिया नेटवर्क काफी मजबूत है। जवान हर समय अलर्ट हैं और एलओसी पर किसी भी हरकत का तुरंत जवाब देने के लिए तैयार हैं।”
Kupwara encounter घुसपैठ का नया पैटर्न
कुपवाड़ा, बारामूला और उरी जैसे सेक्टर आतंकियों की घुसपैठ के लिए सबसे ज्यादा संवेदनशील माने जाते हैं। सेना के सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तान की तरफ से आए दिन लॉन्चपैड सक्रिय किए जा रहे हैं, जहां आतंकियों को प्रशिक्षण और हथियार दिए जाते हैं। पिछले कुछ महीनों में कई बार ऐसे प्रयासों को सेना ने नाकाम किया है।
सेना के आंकड़ों के मुताबिक, इस साल अब तक कुपवाड़ा जिले में दर्जनों बार घुसपैठ की कोशिशें की गईं, जिनमें से अधिकतर को समय रहते रोक लिया गया। हर बार आतंकियों की रणनीति यह रहती है कि खराब मौसम और घने जंगलों का फायदा उठाकर वे भारतीय सीमा में दाखिल हो जाएं।
Kupwara encounter: हालिया घटनाओं से जुड़ाव
कुछ हफ्ते पहले ही इसी इलाके में एक और एनकाउंटर हुआ था, जिसमें तीन आतंकवादी मारे गए थे। सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि यह वही ग्रुप हो सकता है, जो तब बच निकला था और अब दोबारा घुसपैठ की कोशिश कर रहा था।
सेना के साथ-साथ जम्मू-कश्मीर पुलिस की SOG (Special Operations Group) और बीएसएफ भी इस पूरे अभियान में शामिल थीं। ऑपरेशन के दौरान किसी भी सुरक्षाबल को नुकसान नहीं पहुंचा, जो इस बात का सबूत है कि कार्रवाई बेहद सटीक और योजनाबद्ध तरीके से की गई थी।
Kupwara encounter: स्थानीय प्रतिक्रिया और सुरक्षा हालात
कुपवाड़ा के स्थानीय लोगों ने बताया कि सुबह के वक्त इलाके में भारी गोलीबारी की आवाजें सुनाई दीं। इसके बाद सेना ने पूरे क्षेत्र को घेर लिया और आम नागरिकों को घरों से बाहर न निकलने की हिदायत दी। फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है और सर्च ऑपरेशन जारी है।
कश्मीर में इस समय विधानसभा चुनावों की तैयारियां भी चल रही हैं, ऐसे में सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता और बढ़ा दी गई है। सीमा पार से आतंकियों के घुसपैठ की कोशिशों का मकसद घाटी में अशांति फैलाना बताया जा रहा है।
Kupwara encounter: सेना का बयान
चिनार कोर ने अपने आधिकारिक X (पूर्व ट्विटर) अकाउंट पर लिखा “कुपवाड़ा जिले के केरन सेक्टर में घुसपैठ की कोशिश नाकाम की गई। दो आतंकवादी मारे गए हैं। इलाके में सर्च ऑपरेशन जारी है।”
उन्होंने साथ ही यह भी कहा कि भारतीय सेना नियंत्रण रेखा पर किसी भी प्रकार की गतिविधि पर चौबीसों घंटे नजर रख रही है और किसी भी साजिश को सफल नहीं होने दिया जाएगा।
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