पानीपत की पूनम, जिसे अब “Lady Serial Killer” कहा जा रहा है, वह महिला है जिसने रिश्तेदारों के चार बच्चों को एक-एक कर मौत के घाट उतार दिया।
हरियाणा के पानीपत से सामने आई एक रोंगटे खड़े कर देने वाली कहानी ने पूरे प्रदेश को झकझोर दिया है। चार मासूमों की मौत की यह दास्तान किसी फिल्म की स्क्रिप्ट जैसी लगती है लेकिन यह सच्चाई है। पानीपत की पूनम, जिसे अब “Lady Serial Killer” कहा जा रहा है, वह महिला है जिसने रिश्तेदारों के चार बच्चों को एक-एक कर मौत के घाट उतार दिया। हैरानी की बात यह है कि पूनम वह महिला है जिसे सबने प्यार करने वाली मां समझा, लेकिन वही अपने ही तीन साल के बेटे और रिश्तेदारों की बेटियों की हत्या कर बैठी।
पहला खून: 2023 की दो मौतें जिनको हादसा मान लिया गया
कहानी की शुरुआत जनवरी 2023 से होती है। पूनम की ननद पिंकी अपनी सात साल की बेटी इशिता के साथ मायके आई हुई थी। सोनीपत के गोहाना के भावड़ गांव में 12 जनवरी को परिवार तब दंग रह गया जब घर के बाहर बने पांच फीट गहरे पानी के टैंक से पूनम के तीन वर्षीय बेटे शुभम और पिंकी की सात वर्षीय बेटी रितिका के शव मिले।
परिवार ने इसे हादसा मान लिया। किसी को अंदेशा भी नहीं था कि एक मां ही अपने बच्चे की मौत के पीछे हो सकती है। इस तरह दो हत्याएं दफन रह गईं और पूनम संदेह के घेरे में भी नहीं आई।
फिर गर्भवती हुई… और खामोशी ने छुपा ली सनक
पहली दो मौतों के बाद पूनम कुछ समय शांत रही। इस बीच वह फिर गर्भवती हुई और उसने एक और बेटे को जन्म दिया। जिसका नाम भी उसने शुभम ही रखा। इसी दौरान पूनम रिश्तेदारों के बच्चों के बीच और भी सहज दिखती रही। घरवालों को लगा कि वह सामान्य महिला है, लेकिन उसके भीतर दबी हिंसक सनक फिर से जाग उठी।
तीसरी हत्या: अगस्त 2025 में 10 वर्षीय जिया की मौत
18 अगस्त 2025 को पूनम सिवाह गांव में अपने चचेरे भाई दीपक के घर रुकी। उस रात उसने 10 वर्ष की जिया को अपने पास सोने के लिए मना लिया। रात के अंधेरे में उसने बच्ची को घर के पीछे बने छोटी पानी की टंकी में डुबो कर मार दिया।
सुबह जिया का शव मिला। परिवार पुलिस तक जाना चाहता था लेकिन पूनम ने सभी को डराया। वह रोती रही, नाटक करती रही और परिवार एक बार फिर यह मानने को मजबूर हो गया कि यह हादसा है। जिया के ताऊ सुरेंद्र ने पूनम पर शक जरूर किया, लेकिन सामाजिक दबाव के चलते मामला दब गया।
चौथी हत्या ने खोला Lady Serial Killer पूनम का राज
पूनम की तीन हत्याएं कोई पहचान नहीं सकी। लेकिन चौथी बार वह गलती कर बैठी।
1 दिसंबर को नौल्था गांव में शादी समारोह के दौरान उसने छह साल की विधि को बाथटब में डुबो कर मार दिया। शादी के बीच उसने मौका देखा, बच्ची को छत पर ले गई, उसे पानी से भरे प्लास्टिक के टब में दबाकर मार डाला और बाहर से दरवाजा बंद कर नीचे लौट आई।
इस बार संदेह गहरा हो गया क्योंकि टब की ऊंचाई बच्ची से कम थी, पूनम भीगे हुए कपड़ों में देखी गई। हत्या और संघर्ष के संकेत मिले
शक बढ़ने पर पुलिस को सूचना दी गई और पूछताछ में चौकाने वाले खुलासे हुए। पूनम ने चार बच्चों की हत्या की बात कबूल ली।
क्या तांत्रिक और ‘एकादशी’ का कनेक्शन?
परिवार के अनुसार, Lady Serial Killer पूनम की तीन हत्याएं एकादशी के दिन हुई थीं। मृत बच्चों के परिजनों को शक है कि पूनम किसी तांत्रिक प्रभावित मानसिक स्थिति में थी। वे बताते हैं कि पूनम खुद कहती थी कि उसके अंदर किसी पड़ोसी युवक की आत्मा है और वह अक्सर अजीब व्यवहार करती थी। परिवार उसे तांत्रिक के पास भी ले गया था, लेकिन नतीजा शून्य रहा।
वह मां जिसने जिस घर की बेटी को मारा, उसी घर ने उसके बच्चे को पाला
सबसे दर्दनाक बात यह है कि Lady Serial Killer पूनम जिस बच्ची विधि की हत्या की आरोपी है, उसी विधि की मां राखी पूनम के छोटे बेटे शुभम को दूध पिलाती थी। परिवार पूनम को लापरवाह मां मानकर उसके बच्चों की परवरिश में मदद करता रहा, लेकिन उन्हें पता नहीं था कि उसी प्यार की कीमत उसने अपनी बेटी की जान देकर चुकाई।
शिक्षा, शादी और ‘सामान्य जिंदगी’ की परत
पूनम पढ़ी-लिखी थी एमए पॉलिटिकल साइंस और बीएड की टॉपर। उसकी शादी 2019 में नवीन से हुई थी, जो वाशिंग सेंटर चलाता है। ऊपर से सब कुछ सामान्य नजर आता था, लेकिन अंदर ही अंदर वह एक खतरनाक मानसिक स्थिति का शिकार थी।
साइकोलॉजिस्ट क्या कहते हैं?
दिल्ली की क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट डॉ. अरुणा ब्रूटा का कहना है कि इस तरह के अपराध अक्सर लंबे समय से पनपती मानसिक विकृति का परिणाम होते हैं। ऐसी प्रवृत्ति बचपन से विकसित होती है, लेकिन परिवार इसे पहचान नही पाता। समाज में मानसिक बीमारी की पहचान, इलाज और काउंसलिंग की कमी ऐसे मामलों को और भी खतरनाक बना देती है।
सजा क्या होगी, और क्या वह फिर बच्चों को निशाना बना सकती है?
पूनम अब गिरफ्तार है और चार हत्याओं का अपराधी होने का खुलासा हो चुका है। परिजनों की मांग है कि Lady Serial Killer को कड़ी से कड़ी सजा मिले, क्योंकि अगर वह बाहर आई तो शायद फिर बच्चों को निशाना बना सकती है।
यह केस न केवल एक सनक का, बल्कि समाज की उस चूक का भी है जहां मानसिक विकृतियां नजरअंदाज हो जाती हैं और उनकी परिणति दर्दनाक मौतों में होती है।







