माता-पिता के साथ Mahakumbh घूमने आई बेटी ने लिया संन्यास लेने का फैसला 14 साल की उम्र में ही लिया संन्यास 12 साल तक करेगी अब तप। माता-पिता बेटी को ऐसे देखकर हो जाते हैं भावुक।
Mahakumbh घूमने आई लड़की ने लिया संन्यास
चार दिन पहले अपने परिवार के साथ Mahakumbh घूमने आयी इस लड़की का नाम राखी सिंह है जो कि अब गौरी गिरी महारानी बन गई है। यह लड़की चार दिन पहले अपने परिवार के साथ महाकुंभ घूमने आई थी . वह नागा साधुओ को देखकर उसने संन्यास लेने का फैसला ले लिया। इसके बाद लड़की ने परिवार वालों के साथ जाने से भी इंकार कर दिया । इसके बाद लड़की के माता-पिता ने उसे जूना अखाड़े के महंत कौशल गिरी को दान कर दिया।
दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार
दैनिक भास्कर के रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने राखी सिंह और उनके माता-पिता से बातचीत की, पिता का कहना है “की बेटी को भगवा वस्त्र में देखकर आंखों में आंसू आते हैं। लेकिन बेटी ने जिद्द की .जिसके चलते हमें यह करना पड़ा।”
आगरा में रहती थी अपने परिवार के साथ
आगरा के रहने वाले संदीप के परिवार में पत्नी रीमा और बेटी राखी और छोटी बेटी निक्की के साथ रहते हैं। संदीप उर्फ दिनेश की दोनों बेटियां आगरा के कॉन्वेंट स्कूल में पढ़ती हैं। वही दिनेश ने बताया कि वह और उसका परिवार काफी समय से पंचदशनाम जूना अखाड़े के महत कौशल गिरी से जुड़े हुए हैं।
राखी की माता ने बताया
वही राखी की मां रीमा सिंह ने बताया उनकी बेटी रीमा पढ़ाई में होशियार है वह बचपन से ही भारतीय प्रशासनिक सेवा में जाने का सपना देखती हैं। लेकिन अचानक से कुंभ मेला घूमने के बाद उसका विचार बदल गया । और अब हमारी बेटी राखी संन्यास लेकर धर्म का प्रचार करने के राह पर चल पड़ी है। बेटी की इच्छा के अनुसार उन्होंने उसको गुरु परंपरा के तहत दान कर दिया।
परंपरा के अनुसार राखी को कराया गंगा में स्नान
उसके बाद संत परंपरा के अनुसार गुरु ने राखी को गंगा के बीच में स्नान कराया। वहीं उन्होंने सारी प्रक्रिया निभाई। अभी राखी उर्फ गौरी गिरी महारानी फिलहाल शुरुआती दिनों में अपने माता-पिता और अपनी छोटी बहन के साथ ही अखाड़े के शिवरी में रह रही है। वही उनके माता-पिता ने बताया कि जब वह हमारे साथ बैठकर खाना खाती है तो हम भावुक हो जाते हैं।
राखी ने बताया
राखी उर्फ गौरी गिरी महारानी का कहना था कि वह बचपन से ही आईएएस बनना चाहती थी। लेकिन महाकुंभ में आने के बाद उनका फैसला बदल गया। वह संन्यास लेकर सनातन धर्म का प्रचार करना चाहती है।
Mahakumbh: गिरी के मुताबिक
कौशल गिरी के मुताबिक सन्यास परंपरा में दीक्षा लेने की कोई उम्र नहीं होती। वहीं उन्होंने कहा गौरी गिरी महारानी को 12 साल तक कठोर तप करना होगा। वह अखाड़े में रहकर गुरुकुल परंपरा के अनुसार शिक्षा ग्रहण करेंगी । वहीं उन्होंने कहा इसके बाद सन्यासी गौरी गिरी महारानी अपने तप साधना के साथ सनातन धर्म का प्रचार करेंगे।