
Manisha Murder Case: मेडिकल रिपोर्ट ने खोला राज, लेकिन अब भी बरकरार हैं सवाल!
Manisha Murder Case: हरियाणा के भिवानी जिले का मनीषा हत्याकांड पूरे प्रदेश को झकझोर कर रख देने वाला मामला है। 19 साल की शिक्षिका मनीषा 11 अगस्त की सुबह रोज़ाना की तरह स्कूल के लिए निकली थी, लेकिन घर वापस नहीं लौटी। दो दिन बाद, 13 अगस्त को उसका शव क्षत-विक्षत हालत में बरामद हुआ। गला कटा हुआ था, चेहरा पहचान में नहीं आ रहा था और आंखें भी गायब थीं। यह खबर सामने आते ही इलाके में सनसनी फैल गई और हर कोई यही सवाल पूछने लगा – आखिर मनीषा के साथ हुआ क्या?
अब इस मामले में मेडिकल और बिसरा रिपोर्ट सामने आई है। रिपोर्ट ने कुछ रहस्यों से पर्दा ज़रूर उठाया है, लेकिन साथ ही कई नए सवाल भी खड़े कर दिए हैं।
कैसे हुई मनीषा की मौत?
भिवानी पुलिस अधीक्षक सुमित कुमार के मुताबिक, रोहतक की सुनारिया लैब से आई मेडिकल रिपोर्ट में कहा गया है कि मनीषा की मौत कीटनाशक खाने से हुई।
रिपोर्ट में चार अहम बातें साफ़ हुईं:
- मनीषा की बिसरा रिपोर्ट में कीटनाशक के अंश मिले हैं।
- उसके शरीर पर दुष्कर्म के कोई सबूत नहीं मिले।
- चेहरे पर एसिड या किसी कैमिकल के निशान नहीं पाए गए।
- मौत के बाद ही उसके शरीर के अंग गायब हुए, जिन्हें जंगली जानवरों ने नोचा।
यानी यह साफ़ हो गया कि हत्या में तेज़ाब या यौन शोषण की बात सही नहीं है।
सुसाइड नोट और पुलिस की थ्योरी
पुलिस ने बताया कि घटनास्थल से एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ था। जांच में उस नोट की हैंडराइटिंग मनीषा की लिखावट से मैच कर गई है। पुलिस का कहना है कि यह एक अहम सबूत है और इससे सुसाइड की संभावना मज़बूत होती है।
लेकिन परिवार इस थ्योरी को मानने से इंकार कर रहा है। उनका कहना है कि पुलिस ने सुसाइड नोट की जानकारी उन्हें शुरुआत में नहीं दी और यह बात उन्हें सोशल मीडिया से पता चली।
परिजनों के सवाल और दर्द
मनीषा के परिजन पुलिस की जांच पर कई गंभीर सवाल उठा रहे हैं।
- उनका कहना है कि अगर यह आत्महत्या थी तो कोई लड़की खुद अपना गला क्यों काटेगी?
- परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने पहले दिन ही गंभीरता से खोजबीन नहीं की और उल्टा लड़की के चरित्र पर सवाल उठाए।
- मनीषा के दादा रामकिशन का कहना है कि पोती हमेशा घर की बातें साझा करती थी। वह नर्सिंग कोर्स करना चाहती थी और इसके लिए परिवार पूरी मदद करने को तैयार था। ऐसे में आत्महत्या का सवाल ही नहीं उठता।
परिजनों की पीड़ा इतनी गहरी है कि मनीषा के दादा मीडिया से बात करते हुए फफक पड़े।
घटनास्थल की खौफनाक तस्वीर
13 अगस्त को जब मनीषा का शव मिला, तो दृश्य बेहद भयावह था।
- गला कटा हुआ था और गर्दन सिर्फ पांच इंच तक शरीर से जुड़ी थी।
- चेहरा पहचान में नहीं आ रहा था और दोनों आंखें गायब थीं।
- कपड़े फटे हुए थे।
- पास में उसका दुपट्टा और जूती पड़ी थी।
इस हाल में शव मिलने के बाद पूरे इलाके में सनसनी फैल गई और यह मामला हत्या या आत्महत्या की गुत्थी में बदल गया।
पुलिस की जांच अब कहाँ तक पहुँची?
भिवानी एसपी सुमित कुमार ने साफ़ कहा है कि पुलिस जांच अब भी जारी है। मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर कुछ बातें साफ़ ज़रूर हुई हैं, लेकिन अभी किसी नतीजे पर पहुँचना जल्दबाज़ी होगी।
पुलिस का कहना है कि वे हर एंगल से मामले की जांच कर रहे हैं और परिजनों की संतुष्टि के लिए हर सवाल का जवाब देंगे।
समाज में गूँजते सवाल
इस केस ने सिर्फ एक परिवार को ही नहीं, बल्कि पूरे समाज को हिला दिया है। कुछ बड़े सवाल अब भी लोगों के मन में हैं:
- अगर मौत कीटनाशक से हुई, तो गला कैसे कटा?
- अगर यह आत्महत्या थी, तो शरीर इतनी भयावह हालत में कैसे पहुँचा?
- पुलिस ने शुरुआती शिकायत पर एफआईआर दर्ज क्यों नहीं की?
- परिवार को सुसाइड नोट की जानकारी देर से क्यों दी गई?
इन सवालों का जवाब मिलना ज़रूरी है, क्योंकि यही सच की असली तस्वीर सामने लाएंगे।
मनीषा हत्याकांड या आत्महत्या – यह गुत्थी अब भी पूरी तरह सुलझी नहीं है। मेडिकल रिपोर्ट ने ज़रूर बताया कि मौत कीटनाशक से हुई, लेकिन गले और चेहरे की हालत, और शव की स्थिति कई संदेह खड़े कर रही है।
परिवार अब भी यही चाहता है कि पुलिस पूरे मामले की गहराई से जांच करे और सच्चाई सामने लाए। यह केस सिर्फ एक लड़की या एक परिवार का नहीं, बल्कि न्याय और सुरक्षा पर समाज के भरोसे का सवाल बन चुका है।
यह भी पढ़े
Assam land scam: 3,000 बीघा ज़मीन अदानी को क्यों दी गई और क्यों भड़के लोग?