
Mobile recharge price increase: फिर महंगे होंगे मोबाइल रिचार्ज प्लान, कब और कितने का लगेगा फटका?
Mobile recharge price increase: आज के दौर में मोबाइल हमारे जीवन का सबसे ज़रूरी हिस्सा बन चुका है। सुबह उठते ही सबसे पहले हम मोबाइल देखते हैं और रात को सोने से पहले भी आखिरी नज़र मोबाइल पर ही जाती है। लेकिन सोचिए, अगर आपका मोबाइल रिचार्ज ही लगातार महंगा होता जाए, तो जेब पर कितना बोझ पड़ेगा? जी हाँ, आने वाले महीनों में यही होने वाला है।
जियो का आईपीओ और टैरिफ बढ़ोतरी
रिलायंस जियो, जो भारत की सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी है और जिसके पास 50 करोड़ से भी ज्यादा ग्राहक हैं, अगले साल 2026 की पहली छमाही में IPO (Initial Public Offering) लाने की तैयारी कर रही है। बाजार में उतरने से पहले कंपनी अपनी कमाई और निवेशकों का भरोसा बढ़ाना चाहती है। इसके लिए सबसे आसान रास्ता है – मोबाइल टैरिफ बढ़ाना।
रिपोर्ट्स के मुताबिक जियो अपने रिचार्ज प्लान्स की कीमत में 15% तक बढ़ोतरी कर सकती है। मतलब, जो रिचार्ज आज आपको 239 रुपये में मिल रहा है, वह आने वाले महीनों में 270 रुपये से ज्यादा का हो सकता है।
क्यों बढ़ाए जा रहे हैं दाम?
सवाल ये है कि आखिर कंपनियाँ बार-बार दाम क्यों बढ़ा रही हैं? असल में टेलीकॉम सेक्टर में एक अहम आंकड़ा होता है – ARPU (Average Revenue Per User) यानी प्रति ग्राहक से औसत कमाई।
- एयरटेल का ARPU इस समय करीब 250 रुपये है।
- जियो का ARPU सिर्फ 208 रुपये के आसपास है।
जियो चाहती है कि उसका ARPU भी एयरटेल के बराबर या उससे ज्यादा हो जाए। यही कारण है कि कंपनी धीरे-धीरे सस्ते प्लान हटाती जा रही है और अब सीधे टैरिफ बढ़ोतरी की ओर बढ़ रही है।
असर आपकी जेब पर
अब बात करते हैं सबसे अहम चीज़ की – इससे आपकी जेब पर क्या असर पड़ेगा?
- छोटे-छोटे मासिक रिचार्ज महंगे हो जाएंगे।
- डेटा पैक और अनलिमिटेड कॉलिंग वाले प्लान भी 10-15% तक ऊपर चले जाएंगे।
- अगर आप सालाना रिचार्ज करते हैं तो आपको एकमुश्त 300–400 रुपये ज्यादा चुकाने पड़ सकते हैं।
यानी जितना हम मोबाइल पर निर्भर हो चुके हैं, उतना ही खर्च बढ़ना तय है।
क्या एयरटेल और वोडाफोन भी बढ़ाएँगे दाम?
पिछली बार जब टेलीकॉम कंपनियों ने टैरिफ बढ़ाए थे तो सबसे पहले एयरटेल ने दाम बढ़ाए थे। उसके बाद जियो और वोडाफोन ने भी अपने प्लान महंगे कर दिए थे। इस बार अगर जियो पहल करती है तो बाकी कंपनियाँ भी पीछे नहीं रहेंगी।
तो, सिर्फ जियो यूज़र्स ही नहीं, बल्कि एयरटेल और वोडाफोन-आइडिया के ग्राहकों की जेब पर भी बोझ बढ़ना लगभग तय है।
जियो का तर्क – क्यों ज़रूरी है यह बढ़ोतरी
एक्सपर्ट्स का कहना है कि कंपनियाँ सिर्फ यूज़र्स से ज्यादा पैसे लेने के लिए ऐसा नहीं कर रहीं, बल्कि टेलीकॉम सेक्टर में लगाए गए अरबों रुपये की लागत वसूलना भी ज़रूरी है।
- जियो ने 5G नेटवर्क पर बहुत बड़ा निवेश किया है।
- कंपनी को ROCE (Return on Capital Employed) यानी निवेश पर सही रिटर्न चाहिए।
- IPO से पहले कंपनी को यह दिखाना होगा कि वह मजबूत और प्रॉफिटेबल है।
यूज़र्स की दिक्कतें
ग्राहकों के लिए यह खबर अच्छी नहीं है।
- गाँव-देहात के छोटे यूज़र्स, जो सिर्फ कॉलिंग या सस्ता डेटा इस्तेमाल करते हैं, उन्हें सबसे ज्यादा दिक्कत होगी।
- स्टूडेंट्स और युवाओं की पढ़ाई और मनोरंजन का बड़ा हिस्सा इंटरनेट पर ही चलता है। रिचार्ज महंगे होने से उनकी जेब पर सीधा असर पड़ेगा।
- नौकरीपेशा और मध्यमवर्गीय परिवारों को भी हर महीने का खर्च और बढ़ाना पड़ेगा।
आगे क्या?
JM Financial और JP Morgan जैसी बड़ी वित्तीय कंपनियों ने अनुमान लगाया है कि जियो नवंबर-दिसंबर 2025 तक टैरिफ बढ़ा सकती है। मतलब, नया साल 2026 आते-आते हमें नए और महंगे प्लान देखने को मिल सकते हैं।
अगर ऐसा होता है, तो यह तय है कि भारत के मोबाइल यूज़र्स को सस्ता डेटा और कॉलिंग का जो “सपना” जियो ने सालों पहले दिखाया था, वह धीरे-धीरे खत्म हो रहा है।
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