मोदी सरकार 3.0 का शुभारंभ: नई सरकार ने उठाए नए कदम, अगले पांच सालों में तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का लक्ष्य
कैबिनेट मंत्रियों को मिला सख्त टास्क: हफ्ते के शुरुआती चार दिनों तक ऑफिस छोड़ने की मनाही
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में नई सरकार ने अपना कार्यकाल शुरू कर दिया है। इस बार मोदी सरकार का लक्ष्य भारत को अगले पांच सालों में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाना है। इसके लिए कैबिनेट मंत्रियों को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि वे हफ्ते के पहले चार दिन ऑफिस में रहकर काम करें और केवल शुक्रवार से रविवार के बीच अपने क्षेत्रों का दौरा करें।
सबसे बुजुर्ग मंत्री जीतन राम मांझी का बयान
मोदी कैबिनेट में 79 वर्षीय जीतन राम मांझी सबसे बुजुर्ग मंत्री के रूप में शामिल हुए हैं। इंडिया टीवी से बातचीत करते हुए मांझी ने बताया, “प्रधानमंत्री ने हम लोगों को टास्क दिया है कि आप सोमवार, मंगलवार, बुधवार और गुरुवार को हेटक्वार्टर छोड़कर कहीं नहीं जाएंगे। सरकारी काम में लगे रहेंगे, उसके बाद अपने क्षेत्र में जाएंगे।” मांझी ने मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में केंद्रीय कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली है। वे बिहार के 23वें मुख्यमंत्री रह चुके हैं और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के संस्थापक अध्यक्ष हैं।
मोदी कैबिनेट में नए और युवा चेहरों का समावेश
मोदी सरकार 3.0 में कई नए चेहरों को मौका दिया गया है। बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा पांच साल बाद कैबिनेट में लौटे हैं, जबकि मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पहली बार केंद्र सरकार में मंत्री बनाए गए हैं। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर मोदी कैबिनेट में नए चेहरे हैं। इसके साथ-साथ मोदी कैबिनेट में 18 सीनियर नेताओं को भी जगह दी गई है।
तीसरी बार प्रधानमंत्री बने नरेंद्र मोदी: नेहरू के बाद दूसरा रिकॉर्ड
भारत के इतिहास में यह दूसरी बार है जब कोई नेता लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री बना है। इससे पहले यह रिकॉर्ड जवाहरलाल नेहरू के नाम था। अब नरेंद्र मोदी ने भी यह कीर्तिमान हासिल कर लिया है। 73 वर्षीय पीएम मोदी ने यूपीए के 10 साल के शासन के बाद 2014 में बड़ी जीत के साथ प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी, इसके बाद 2019 में दूसरी बार और 2024 में तीसरी बार पीएम बने हैं। अपने तीसरे कार्यकाल में पीएम मोदी एनडीए गठबंधन सरकार का नेतृत्व करेंगे।
राष्ट्रपति भवन में भव्य शपथ ग्रहण समारोह
रविवार को राष्ट्रपति भवन में आयोजित भव्य समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके 72 मंत्रियों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। शपथ लेने वालों में राजनाथ सिंह, अमित शाह, नितिन गडकरी, जेपी नड्डा, शिवराज सिंह चौहान, निर्मला सीतारमण, एस जयशंकर और मनोहर लाल खट्टर भी शामिल थे।
नए मंत्रियों की सूची: नए नवरतन
नए मंत्रियों में जनता दल (सेक्युलर) के एचडी कुमारस्वामी एनडीए में भाजपा के सहयोगी दल से शपथ लेने वाले पहले नेता बने। इसके बाद जनता दल (यूनाइटेड) के ललन सिंह, सर्बानंद सोनोवाल और किरेन रिजिजू भी शपथ लेने वालों में शामिल थे। पूर्व राजनयिक हरदीप सिंह पुरी ने भी शपथ ली।
अनुसूचित जाति चेहरा वीरेंद्र कुमार और ज्योतिरादित्य सिंधिया की वापसी
भाजपा के प्रमुख अनुसूचित जाति चेहरा और आठ बार के सांसद वीरेंद्र कुमार को मोदी सरकार में शामिल किया गया है। उन्होंने मध्य प्रदेश की टीकमगढ़ आरक्षित सीट से चुनाव जीता था। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने चार साल पहले कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल होने के बाद अब केंद्रीय मंत्रिमंडल में अपने दूसरे कार्यकाल की शुरुआत की है।
कठिन कदम और दृढ़ संकल्प
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दृढ़ संकल्प है कि अगले पांच सालों में भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाना है। इसके लिए उन्होंने मंत्रियों को सख्त टास्क दिया है। उन्होंने मंत्रियों से कहा है कि वे हफ्ते के शुरुआती चार दिनों में कोई भी मंत्री अपना ऑफिस छोड़कर बाहर नहीं जाएगा। सरकारी काम में पूरी तत्परता से लगे रहेंगे और उसके बाद अपने क्षेत्र में जाकर लोगों से मिलेंगे।
कैबिनेट में महिला प्रतिनिधित्व
मोदी कैबिनेट में महिला प्रतिनिधित्व भी सुनिश्चित किया गया है। निर्मला सीतारमण, स्मृति ईरानी, और अनुप्रिया पटेल जैसे प्रमुख महिला नेताओं को महत्वपूर्ण विभागों की जिम्मेदारी सौंपी गई है। निर्मला सीतारमण को वित्त मंत्रालय का प्रभार दिया गया है, जो देश की आर्थिक नीतियों को दिशा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।
आर्थिक सुधार और विकास की दिशा में कदम
मोदी सरकार 3.0 का मुख्य फोकस आर्थिक सुधार और विकास पर होगा। सरकार ने अनेक योजनाओं और नीतियों का खाका तैयार किया है, जिससे देश की आर्थिक स्थिति को मजबूती मिलेगी। सरकार का लक्ष्य है कि विदेशी निवेश को बढ़ावा दिया जाए और घरेलू उद्योगों को भी प्रोत्साहित किया जाए। प्रधानमंत्री मोदी ने मंत्रियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि वे अपनी नीतियों और योजनाओं को तेजी से लागू करें और जनता को उनके लाभों से अवगत कराएं।
चुनौतियों का सामना
मोदी सरकार 3.0 को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। आर्थिक मंदी, बेरोजगारी, कृषि संकट और अंतरराष्ट्रीय मुद्दे प्रमुख चुनौतियाँ होंगी। इसके साथ ही, सरकार को स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में भी सुधार करना होगा। सरकार का प्रयास होगा कि सभी नागरिकों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएँ और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराई जाए।
मजबूत नेतृत्व और जनता का समर्थन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नेतृत्व और जनता का समर्थन मोदी सरकार 3.0 की सबसे बड़ी ताकत है। मोदी के नेतृत्व में भाजपा ने लगातार तीन बार चुनाव जीता है, जो उनकी लोकप्रियता और जनता के विश्वास को दर्शाता है। सरकार का लक्ष्य है कि जनता के विश्वास को बनाए रखा जाए और देश के विकास में सभी का सहयोग लिया जाए।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की स्थिति
मोदी सरकार 3.0 का एक महत्वपूर्ण उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की स्थिति को मजबूत करना है। सरकार का लक्ष्य है कि भारत को वैश्विक मंच पर एक प्रमुख शक्ति के रूप में स्थापित किया जाए। इसके लिए सरकार ने अनेक विदेशी नीतियों और समझौतों का खाका तैयार किया है।
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