
रोजा न रखने के कारण भड़के मौलाना, शमी के समर्थन में आये बचपन के कोच
भारतीय क्रिकेटर Mohammed Shami रमजान के दौरान चैंपियंस ट्रॉफी में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दुबई में खेले गए क्रिकेट मैच के दौरान एनर्जी ड्रिंक पीते हुए दिखे थे। जिसकी एक क्लिप सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो गई। जिसके बाद खूब हंगामा मचा हुआ है। उनके रमजान के दौरान एनर्जी ड्रिंक पीने पर यूपी के बरेली के एक मौलाना बेहद नाराज हो गए हैं।
उनका कहना है कि Mohammed Shami ने रमजान में रोजा नहीं रखा। वह ऑस्ट्रेलिया से मैच के दौरान ग्राउंड में एनर्जी ड्रिंक पीते दिखे हैं। उन्होंने गुनाह किया है। शरियत की नजरों में अब वह एक मुजरिम है। मौलाना की इस बात का जवाब देते हुए और मोहम्मद शमी के समर्थन में उनके बचपन के कोच अब सामने आए हैं।
Mohammed Shami से मौलाना हुए नाराज
दरअसल, चैंपियंस ट्रॉफी 2025 का टूर्नामेंट चल रहा है। बीते दिन सेमीफाइनल मैच ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच में खेला गया था। जिस दौरान मोहम्मद शमी ग्राउंड में एनर्जी ड्रिंक पीते हुए नजर आए थे। जिसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो गया। जिस पर बरेली के मौलाना ने नाराजगी जताई है। ऑल इंडिया मुस्लिम समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रिजवी ने एक वीडियो के जरिए बयान जारी किया कि इस्लाम ने रोजा को फर्ज करार दिया है।
अगर कोई शख्स जानबूझकर रोजा नहीं रखता तो वह शरियत के नियमों का उल्लंघन कर रहा है। वह निहायती गुनहगार है। मोहम्मद शमी ने रोजा नहीं रखा जबकि रोजा रखना उनका वाजिद फर्ज है। रोजा न रखकर मोहम्मद शमी ने बहुत बड़ा गुनाह किया है उन्हें अल्लाह से माफी मांगनी चाहिए।
मौलाना बोले- Mohammed Shami ने शरीयत का कानून नहीं माना
मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने कहा मोहम्मद शमी को हरगिज ऐसा नहीं करना चाहिए। मैं उनको हिदायत और नसीहत देता हूं कि इस्लाम के जो नियम कानून है। वह उन पर अमल करें। क्रिकेट, खेलकूद भी करें सारे काम को अंजाम दें। मगर अल्लाह ने जो जिम्मेदारी बंदे को दी है उनको भी निभाएं। शमी को यह सब समझना चाहिए। शमी अपने गुनाहों को माने और अल्लाह से माफी मांगे।
Mohammed Shami के बचाव में उतरे बचपन के कोच
जैसे ही मौलाना का यह बयान आया Mohammed Shami के समर्थक मौलाना ट्रोल करने लगे। वही मोहम्मद शमी के बचपन के कोच बदरुद्दीन सिद्दीकी ने उनके बचाव में एक बयान दिया। शमी के बचपन के कोच ने कहा कि “इस मामले में मोहम्मद शमी की कोई गलती नहीं है। पूरा देश उनके साथ है। देश के आगे कुछ नहीं है। वह यही संदेश सभी मौलवियों को देना चाहते हैं। पहले देश है, देश के आगे कुछ भी नहीं। वह बाद में भी रोजा रख सकता है।
हमारा इस्लाम इतना छोटा नहीं है कि कहीं सिकुड़ जाए… एक जगह इस्लाम में यह भी है कि यदि आप बीमार है तो बाद में रोजा रख सकते हैं। जो लोग यह सवाल उठा रहे हैं। वह देश को सपोर्ट नहीं कर रहे हैं। शमी तो देश के लिए कुछ भी करने को तैयार है रोजा भी छोड़ता है। वह सब कुछ देश के लिए कर रहा है। इस तरह के बयान से खिलाड़ियों का मनोबल टूटता है और आप बेवकूफी वाली बातें कर रहे हैं। किसने आपको हक दिया इस तरह बात करने का।
Mohammed Shami के भाई भी उतरे समर्थन में
वही जब यह मामला बड़ा होता नजर आया तो मोहम्मद शमी के भाई हशीब शमी ने कहा खिलाड़ी होने के नाते जब मैच खेलना होता है तो गेंदबाजी में काफी मेहनत और परिश्रम करनी होती है। ऐसे में रमजान की में रोजा नहीं रख सकते हैं। अगर खेल नहीं रहा होता तो वह सभी रोजे रखते हैं। अगर मैच के दौरान शमी ने रोजा नहीं रखा तो इसे वह आगे रख लेते हैं।
मौलाना रशीद फिरंगी ने Mohammed Shami का किया बचाव
इस्लामिक सेंटर ऑफ़ इंडिया के अध्यक्ष और ईदगाह मौलाना, मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने Mohammed Shami के रोजा ना रखने वाले विवाद पर बातचीत की और कहा कि “इस्लाम में ऐसा नहीं कहा गया कि अगर आप नेशनल ड्यूटी पर हैं तो भी रोजा रखना ही रखना है। इस्लाम में कहा गया है कि अगर आप सफर कर रहे हैं तो रोजा ना रखें और जब अपने देश या अपने गंतव्य स्थान वापस आ जाएं तो जो रोजा छूट गया हैं उन्हें आप दोबारा रखें।
इस तरह की बात करना गलत है। इस तरह के बयान से खिलाड़ी की मानसिक स्थिति कमजोर हो सकती है। मोहम्मद शमी देश के लिए खेल रहे हैं और हम उम्मीद करते हैं कि वह अपने प्रदर्शन से भारतीय क्रिकेट टीम को फाइनल में जीत दिलाए।
Monthly Durgashtami 2025: तिथि, महत्व, व्रत विधि और पूजन नियम