
ममता बनर्जी और गवर्नर सीवी आनंद बॉस
Murshidabad violence: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और गवर्नर सीवी आनंद बॉस के बीच एक बार फिर से नोक झोक देखने को मिली है। ये मामला मुर्शिदाबाद से जुड़ा हुआ है। ममता बनर्जी ने राज्यपाल और सभी पार्टियों के नेताओं से यह कह दिया कि अभी मुर्शिदाबाद ना जाये। उनका कहना है कि हालात जब सामान्य हो रहे है, तो मुसीबत में मछली पकड़ने जैसा काम ना करें। उनका यह कहना इस बात का संकेत था की कही हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में जाने से माहौल और बिगड़ न जाये।
Murshidabad violence: राज्यपाल खुद स्थिति का जायजा लेंगे
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बॉस ने तुरंत कहा कि “वह स्वयं जाकर परिस्थितियों का मुआयना करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि अगर शांति बहाल होती है तो मुझे सबसे ज्यादा प्रसन्नता होगी। मैं उसी के अनुसार अपनी रिपोर्ट भी दाखिल करूंगा। राज भवन को मिली जानकारी के मुताबिक, जिन लोगों के घर बर्बाद हुए हैं उन्होंने सुरक्षा के लिए स्थाई बीएसएफ कैंप लगाने की भी मांग रखी है। उन लोगों का कहना है कि उन्हें पुलिस पर अब भरोसा नहीं रहा।
Murshidabad violence: ममता ने किया आग्रह
ममता बनर्जी ने मुर्शिदाबाद के लोगों से अपील की कि वह शांति बनाए रखें। उन्होंने कहा कि मैं सभी से शांति रखने की अपील करती हूं। हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, जैन देंगे नहीं करते हैं। देंगे कुछ अपराधी करते हैं, कुछ पॉलीटिकल पार्टीया करवाती है। आजकल पैसे से बहुत कुछ हो सकता है। ऐसी स्थिति में आपको कुछ अच्छे लोग मिलेंगे और कुछ नेता ऐसे भी होंगे जो अच्छे बनकर मुसीबत को न्यौता देंगे। आगे ममता बनर्जी ने कहा कि “मैं आपसे अपील करती हूं कि इस समय कोई भी मुर्शिदाबाद ना जाए। सिवाय वहां के रहने वाले लोगों के……। मैं भी वहां जा सकती थी लेकिन मैं किसी कारण से नहीं गई। अगर मैं जाऊंगी तो मैं दूसरों को कैसे रोकूंगी? मैं सही समय पर जाऊंगी। मैं राज्यपाल और अन्य लोगों से कुछ दिन और प्रतीक्षा करने की अपील करती हूं।”
Murshidabad violence: दंगाइयों पर पुलिस का सख्त एक्शन जारी
12 अप्रैल को जाफराबाद गांव में हरगोबिंदु दास और उनके बेटे चंदन की हत्या कर दी गई थी इसके मामले में तीसरे संदीप को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस के मुताबिक संदिग्ध पीड़ितो का पड़ोसी ही है। गुरुवार शाम तक 60 FIR दर्ज करने के बाद 274 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है। भांगर में हिंसा के मामले में तीन अन्य लोगों को भी गिरफ्तार किया गया है। इन गिरफ्तारियां के साथ ही शमशेरगंज और सुति पुलिस स्टेशनों के प्रभावियों को भी सस्पेंड कर दिया क्या है। पुलिस का कहना है कि वह अभी इस बात की जांच में लगे हुए हैं कि क्या 8 अप्रैल को सांप्रदायिक तनाव कम होने के बाद 11-12 अप्रैल को फिर से दंगा भड़काने की साजिश रची जा रही थी ? मतलब यह है कि क्या पुलिस को पहले से ही जानकारी थी कि दोबारा हिंसा हो सकती है?