
Muslim Trader Saves Lives in Kashmir: मुस्लिम व्यापारी नजाकत अली ने BJP नेता समेत 11 सैलानियों की बचाई जान
Muslim Trader Saves Lives in Kashmir: 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के खूबसूरत पर्यटन स्थल पहलगाम में अचानक गोलियों की गूंज सुनाई दी। सैलानियों की भीड़ में अफरा-तफरी मच गई। Pahalgam Terror Attack में आतंकियों ने अचानक हमला कर दिया, जिसमें 26 लोगों की जान चली गई और कई घायल हो गए। लेकिन इसी नरसंहार के बीच एक नाम फरिश्ते की तरह उभरा — नजाकत अली, एक मुस्लिम व्यापारी, जिसने अपनी जान की परवाह किए बिना 11 सैलानियों की जान बचा ली, जिनमें एक BJP की पार्षद भी शामिल थीं।
जान हथेली पर रखकर बचाई सैलानियों की जान
हमले के वक्त नजाकत अली कश्मीर के पहलगाम में थे। नजाकत मूल रूप से कपड़ा व्यापारी हैं और हर साल सर्दी के मौसम में छत्तीसगढ़ के चिरमिरी इलाके में गर्म कपड़े बेचने जाते हैं। वहीं उनकी जान-पहचान कुलदीप स्थापक, शिवांश जैन, हैप्पी बधावान और अरविंद्र अग्रवाल से हुई थी। ये चारों परिवार के साथ छुट्टियां मनाने कश्मीर आए थे और हमले वाले दिन बैसरन इलाके में मौजूद थे।
हमले से ठीक पहले भूस्खलन के कारण रास्ते बंद हो चुके थे, जिससे सैलानी दोनों ओर फंसे हुए थे। तभी अचानक आतंकियों ने फायरिंग शुरू कर दी। लोग इधर-उधर भागने लगे, चीख-पुकार मच गई। इसी बीच नजाकत अली ने बिना डरे अपनी सूझबूझ और हिम्मत से इन सभी परिवारों को एक लॉज में सुरक्षित पहुंचा दिया।
BJP पार्षद भी थीं सैलानियों में शामिल
कुलदीप स्थापक की पत्नी पूर्वा स्थापक चिरमिरी नगर निगम के वार्ड-13 से भाजपा पार्षद हैं। उनके साथ तीन छोटे बच्चे भी थे। नजाकत अली ने इन सभी को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। कुलदीप के मामा राकेश परासर ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि “हमले के समय परिवार बहुत डरा हुआ था, लेकिन नजाकत अली ने उन्हें बचाकर असली हीरो होने का काम किया।”
नजाकत अली की बहादुरी की हर तरफ तारीफ
इस घटना के बाद सोशल मीडिया पर नजाकत अली की बहादुरी की जमकर तारीफ हो रही है। लोग कह रहे हैं कि “धर्म से ऊपर इंसानियत है” और नजाकत अली ने यह साबित कर दिया। जहां एक ओर आतंक ने मानवता को शर्मसार किया, वहीं एक मुस्लिम व्यापारी ने अपने कर्म से भारत की एकता और भाईचारे की मिसाल कायम कर दी।
आतंकियों ने फैलाया कहर, पर हिम्मत जीत गई
Pahalgam Terror Attack में आतंकियों का मकसद था डर फैलाना, लेकिन नजाकत जैसे लोगों ने दिखा दिया कि आतंक से बड़ा हथियार हिम्मत होती है। अगर नजाकत वहां मौजूद न होते, तो मौतों का आंकड़ा कहीं ज्यादा हो सकता था।
Muslim Trader Saves Lives in Kashmir: कश्मीर में फिर उठे सुरक्षा पर सवाल
इस हमले ने एक बार फिर जम्मू-कश्मीर में सैलानियों की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। जहां एक ओर सरकार पर्यटन को बढ़ावा दे रही है, वहीं बार-बार होने वाले हमले न केवल जान-माल का नुकसान पहुंचाते हैं, बल्कि कश्मीर की छवि पर भी असर डालते हैं। सरकार को चाहिए कि वह Pahalgam जैसे संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा को और पुख्ता करे, ताकि इस खूबसूरत घाटी में लोग बेफिक्र होकर घूम सकें।
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